ETV Bharat / city

दिल्ली में मंकीपॉक्स मरीज मिलने के बाद गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, आइसोलेशन वार्ड तैयार

गाजियाबाद में मंकीपॉक्स का अभी तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन दिल्ली में एक मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट माेड पर है. जिले के सरकारी और निजी अस्पताल समेत क्लिनिक संचालित करने वाले डॉक्टरों को एडवाइजरी जारी की गई है.

गाजियाबाद स्वास्थ विभाग अलर्ट
गाजियाबाद स्वास्थ विभाग अलर्ट
author img

By

Published : Jul 30, 2022, 7:34 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली में मंकीपॉक्स के मरीज की पुष्टि होने के बाद गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है. हालांकि गाजियाबाद में मंकीपॉक्स का अभी तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है. फिलहाल जिले में मंकीपॉक्स के दो संदिग्ध मरीज मिले थे, जिनके सैंपल जांच के लिए पुणे भेजे हैं. दोनों मरीजों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है. मंकीपॉक्स के खौफ के बीच स्वास्थ्य विभाग द्वारा जहां एक तरफ आइसोलेशन वार्ड तैयार किया है तो वहीं दूसरी तरफ जिले के सरकारी और निजी अस्पताल समेत क्लिनिक संचालित करने वाले डॉक्टरों को एडवाइजरी जारी की गई है.

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ राकेश कुमार गुप्ता के मुताबिक जिले के संजय नगर स्थित संयुक्त अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है. जिले के सरकारी और गैर सरकारी समेत सभी चिकित्सा इकाइयों को एडवाइजरी जारी की गई है. एडवाइजरी का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है. डॉ राकेश कुमार गुप्ता के मुताबिक जिले के सभी डॉक्टरों को एडवाइजरी के माध्यम से जानकारी दे दी गई है. यदि किसी भी मरीज में मंकीपॉक्स जैसा कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दी जाए. एडवाइजरी में मंकीपॉक्स के बचाव, उपचार और रोकथाम के बारे में जानकारी दी गई है. कई बार चिकन पॉक्स को मरीज मंकीपॉक्स समझ बैठते हैं. ऐसे में चिकित्सकों को निर्देश दिया गया है कि मरीजों को मंकीपॉक्स और चिकन पॉक्स में अंतर बताएं और उनकी काउंसिलिंग करें.

दिल्ली में मंकीपॉक्स के मरीज मिलने के बाद गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट.


इसे भी पढ़ेंः मंकीपॉक्स को वैश्विक हेल्थ आपातकाल घोषित करने के लिए WHO की इमरजेंसी मीटिंग

मंकीपॉक्स से संक्रमितों के लक्षण प्रकट होने में पांच से 21 दिनों के बीच का समय लगता है. इनमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, कंपकंपी और थकावट शामिल हैं. इन लक्षणों का अनुभव करने के एक से पांच दिन बाद आमतौर पर चेहरे पर दाने दिखाई देते हैं. दाने कभी-कभी चिकनपॉक्स के साथ भ्रमित होते हैं, क्योंकि यह उभरे हुए धब्बों के रूप में शुरू होता है जो तरल पदार्थ से भरे छोटे पपड़ी में बदल जाते हैं. लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह के भीतर साफ हो जाते हैं और पपड़ी गिर जाती है.

-डॉ आर के गुप्ता, जिला सर्विलांस अधिकारी



क्या है मंकीपॉक्स वायरसः मंकीपॉक्स एक दुर्लभ, पर हल्के संक्रमण वाला वायरस है. यह आमतौर पर अफ्रीका के कुछ हिस्सों में संक्रमित जंगली जानवरों में पाया गया था. साल 1958 में पहली बार एक बंदर को अनुसंधान के लिए रखा गया था, जहां पहली बार इस वायरस की खोज हुई थी. इंसानों में पहली बार इस वायरस की पुष्टि साल 1970 में हुई थी. यूके की एनएचएस वेबसाइट के अनुसार, यह रोग चेचक के वंश का है जो अक्सर चेहरे पर शुरू होने वाले दाने का कारण बनता है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली में मंकीपॉक्स के मरीज की पुष्टि होने के बाद गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है. हालांकि गाजियाबाद में मंकीपॉक्स का अभी तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है. फिलहाल जिले में मंकीपॉक्स के दो संदिग्ध मरीज मिले थे, जिनके सैंपल जांच के लिए पुणे भेजे हैं. दोनों मरीजों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है. मंकीपॉक्स के खौफ के बीच स्वास्थ्य विभाग द्वारा जहां एक तरफ आइसोलेशन वार्ड तैयार किया है तो वहीं दूसरी तरफ जिले के सरकारी और निजी अस्पताल समेत क्लिनिक संचालित करने वाले डॉक्टरों को एडवाइजरी जारी की गई है.

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ राकेश कुमार गुप्ता के मुताबिक जिले के संजय नगर स्थित संयुक्त अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है. जिले के सरकारी और गैर सरकारी समेत सभी चिकित्सा इकाइयों को एडवाइजरी जारी की गई है. एडवाइजरी का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है. डॉ राकेश कुमार गुप्ता के मुताबिक जिले के सभी डॉक्टरों को एडवाइजरी के माध्यम से जानकारी दे दी गई है. यदि किसी भी मरीज में मंकीपॉक्स जैसा कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दी जाए. एडवाइजरी में मंकीपॉक्स के बचाव, उपचार और रोकथाम के बारे में जानकारी दी गई है. कई बार चिकन पॉक्स को मरीज मंकीपॉक्स समझ बैठते हैं. ऐसे में चिकित्सकों को निर्देश दिया गया है कि मरीजों को मंकीपॉक्स और चिकन पॉक्स में अंतर बताएं और उनकी काउंसिलिंग करें.

दिल्ली में मंकीपॉक्स के मरीज मिलने के बाद गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट.


इसे भी पढ़ेंः मंकीपॉक्स को वैश्विक हेल्थ आपातकाल घोषित करने के लिए WHO की इमरजेंसी मीटिंग

मंकीपॉक्स से संक्रमितों के लक्षण प्रकट होने में पांच से 21 दिनों के बीच का समय लगता है. इनमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, कंपकंपी और थकावट शामिल हैं. इन लक्षणों का अनुभव करने के एक से पांच दिन बाद आमतौर पर चेहरे पर दाने दिखाई देते हैं. दाने कभी-कभी चिकनपॉक्स के साथ भ्रमित होते हैं, क्योंकि यह उभरे हुए धब्बों के रूप में शुरू होता है जो तरल पदार्थ से भरे छोटे पपड़ी में बदल जाते हैं. लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह के भीतर साफ हो जाते हैं और पपड़ी गिर जाती है.

-डॉ आर के गुप्ता, जिला सर्विलांस अधिकारी



क्या है मंकीपॉक्स वायरसः मंकीपॉक्स एक दुर्लभ, पर हल्के संक्रमण वाला वायरस है. यह आमतौर पर अफ्रीका के कुछ हिस्सों में संक्रमित जंगली जानवरों में पाया गया था. साल 1958 में पहली बार एक बंदर को अनुसंधान के लिए रखा गया था, जहां पहली बार इस वायरस की खोज हुई थी. इंसानों में पहली बार इस वायरस की पुष्टि साल 1970 में हुई थी. यूके की एनएचएस वेबसाइट के अनुसार, यह रोग चेचक के वंश का है जो अक्सर चेहरे पर शुरू होने वाले दाने का कारण बनता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.