नई दिल्ली/गाजियाबाद: करहेड़ा गांव में 50 परिवार के 230 लोगों के धर्मांतरण के मामले में अब नया मोड़ सामने आया है. जानकारी मिली है कि धर्मांतरण के संबंध में प्रशासन को कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं.
दरअसल 14 तारीख को वाल्मीकि समाज के 230 लोगों ने बाबा साहेब अंबेडकर के पोते राजरत्न अंबेडकर की मौजूदगी में बौद्ध धर्म की दीक्षा ली. जिसके बाद आज सुबह जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय और एसएसपी कलानिधि नैथानी ने करहेड़ा गांव पहुंचकर लोगों से बातचीत की. डीएम ने अपर जिलाधिकारी (नगर) और पुलिस अधीक्षक (नगर) को संयुक्त जांच का जिम्मा सौंपा. जिसकी अंतिम जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी गई है.
अपर जिलाधिकारी (नगर) शैलेंद्र कुमार सिंह के अनुसार करहेड़ा में 230 लोगों के धर्मांतरण के संबंध में साक्ष्य उपलब्ध नहीं हुए हैं. धर्म परिवर्तन संबंधी जो प्रमाण पत्र देखने को मिले उनमें से अधिकांश पर तो किसी का नाम सही और ना पता. साथ ही प्रमाण पत्र जारी करने की तिथि भी अंकित नहीं की गई है. सदस्यता की पंजीकरण संख्या भी नहीं दी गई है. कुछ प्रमाण पत्र सादे हैं. जिसमें किसी का भी नाम उसकी सहमति के बिना लिखवाया जा सकता है. इस क्षेत्र के निवासियों द्वारा केवल स्थानीय विषयों के समाधान कराए जाने हेतु हस्ताक्षरित ज्ञापन प्रस्तुत किया गया है. जिसमें धर्मांतरण का कहीं कोई उल्लेख नहीं है.
अपर जिलाधिकारी (नगर) के अनुसार मौके पर सतर्क दृष्टि रखी जा रही है. ज्ञापन में उल्लेखित समस्याओं के समाधान पर शीघ्र कार्यवाही का निर्णय लिया गया है. बता दें कि आज वाल्मीकि समाज के लोगों ने दिल्ली के सीएम केजरीवाल से भी मुलाकात की है.