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पलवल में गुलाब की खेती से महक रही जिंदगी, किसान बोले- लागत कम, मुनाफा ज्यादा - पलवल किसान गुलाब खेती

पलवल जिले में फूलों की खेती से किसानों की जिंदगी महक रही है. बाजार में गुलाब के फूलों की डिमांड हमेशा बनी रहने से इसकी खेती कर किसान मोटा मुनाफा कमा रहे हैं.

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पलवल में गुलाब की खेती से महक रही जिंदगी
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Published : Apr 19, 2021, 9:56 PM IST

नई दिल्ली/पलवल: जिले के किसानों का रुझान गुलाब की खेती की ओर लगातार बढ़ रहा है. गुलाब की खेती करने वाले किसान मानक चंद ने बताया कि वो एक एकड़ में गुलाब की खेती कर अच्छा लाभ कमा रहे हैं.

पलवल में गुलाब की खेती से महक रही जिंदगी

किसान मानक चंद ने कहा कि गुलाब की खेती मुनाफे की खेती है. उन्होंने एक एकड़ भूमि में गुलाब लगाया है. करीब चार महीने के बाद गुलाब के पौधों पर फूल आना शुरू हो गया है. सुबह के समय फूलों को तोड़कर वो बाजार ले जाते हैं. बाजार में गुलाब के फूलों की मांग लगातार बनी रहती है, जिसके चलते गुलाब का अच्छा रेट मिल जाता है.

दूसरी तरफ जिला बागवानी अधिकारी डॉ. अब्दुल रज्जाक ने बताया कि जिले में फूलों की खेती करने के लिए किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है. जिसका परिणाम ये है कि किसानों का रुझान भी इस ओर देखने को मिल रहा है.

ये भी पढ़िए: दिल्ली में 6 दिन का लॉकडाउन, केजरीवाल ने बताया सरकार का प्लान

उन्होंने बताया कि गुलाब दो प्रकार के होते हैं,जिसमें अंग्रेजी गुलाब और देसी गुलाब शामिल हैं. अग्रेंजी गुलाब छड़ी समेत बिकता है, जबकि देसी गुलाब के फूलों में खुशबू अधिक होती है और गुलाब के फूलों से रस भी निकाला जाता है. जिले के किसानों को गुलाब की खेती पर अनुदान दिया जा रहा है. वित्त वर्ष 2021 और 2022 के अंर्तगत जिले में 70 हेक्टेयर भूमि में गुलाब की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिसके लिए अनुदान राशी में बागवानी विभाग द्वारा बढ़ोत्तरी की जाएगी.

नई दिल्ली/पलवल: जिले के किसानों का रुझान गुलाब की खेती की ओर लगातार बढ़ रहा है. गुलाब की खेती करने वाले किसान मानक चंद ने बताया कि वो एक एकड़ में गुलाब की खेती कर अच्छा लाभ कमा रहे हैं.

पलवल में गुलाब की खेती से महक रही जिंदगी

किसान मानक चंद ने कहा कि गुलाब की खेती मुनाफे की खेती है. उन्होंने एक एकड़ भूमि में गुलाब लगाया है. करीब चार महीने के बाद गुलाब के पौधों पर फूल आना शुरू हो गया है. सुबह के समय फूलों को तोड़कर वो बाजार ले जाते हैं. बाजार में गुलाब के फूलों की मांग लगातार बनी रहती है, जिसके चलते गुलाब का अच्छा रेट मिल जाता है.

दूसरी तरफ जिला बागवानी अधिकारी डॉ. अब्दुल रज्जाक ने बताया कि जिले में फूलों की खेती करने के लिए किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है. जिसका परिणाम ये है कि किसानों का रुझान भी इस ओर देखने को मिल रहा है.

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उन्होंने बताया कि गुलाब दो प्रकार के होते हैं,जिसमें अंग्रेजी गुलाब और देसी गुलाब शामिल हैं. अग्रेंजी गुलाब छड़ी समेत बिकता है, जबकि देसी गुलाब के फूलों में खुशबू अधिक होती है और गुलाब के फूलों से रस भी निकाला जाता है. जिले के किसानों को गुलाब की खेती पर अनुदान दिया जा रहा है. वित्त वर्ष 2021 और 2022 के अंर्तगत जिले में 70 हेक्टेयर भूमि में गुलाब की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिसके लिए अनुदान राशी में बागवानी विभाग द्वारा बढ़ोत्तरी की जाएगी.

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