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कोरोना का डर: हरियाणा के इस जिले में 70 से ज्यादा लोगों की अस्थियां लेने नहीं आया कोई

फरीदाबाद के श्मशान घाट में 60 से 70 लोगों की अस्थियां गंगा में जल प्रवाह के लिए अपनों का इंतजार कर रही हैं. श्मशान घाट के प्रबंधक द्वारा इन मृतकों के परिजनों को कई बार फोन करने पर भी अभी तक इन अस्थियों को लेने कोई नहीं आया है.

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श्मशान घाट
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Published : May 21, 2021, 7:36 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों को ऐसे तोड़ा की श्मशान घाट में जलने वाली चिताओं के बाद अपनों की अस्थियों को भी ले जाने से लोग कतराने लगे हैं. बल्लभगढ़ के तिगांव रोड स्थित श्मशान घाट में 60 से 70 ऐसी अस्थिया हैं, जिन्हें लोग लेने अभी तक नहीं आए.

हरियाणा के इस जिले में 70 से ज्यादा लोगों की अस्थियां लेने नहीं आया कोई

बता दें कि, हिंदू धर्म के अनुसार चिता जलने के बाद अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया जाता है, पर कोरोना महामारी ने लोगों के अंदर ऐसा भय पैदा कर दिया है कि लोग अब अपनों की अस्थियां श्मशान घाट से लेने भी नहीं आ रहे.

श्मशान घाट के प्रबंधक दिनेश देशवाल की मानें तो यहां रखी ये अस्थियां उन लोगों की हैं जिनकी कोरोना से मौत हुई है. इनमें कुछ ऐसी भी हैं जो दिल्ली, गुरुग्राम, यूपी के लोग फरीदाबाद के अस्पतालों में कोरोना संक्रमित होने पर भर्ती हुए थे और उनकी अस्पताल में ही मौत हो गई. उनका भी अंतिम संस्कार इस श्मशान घाट में किया गया, जिनकी अस्थिया यहां रखी हुई हैं.

ये भी पढे़ंः दिल्ली: नए कोरोना के मामलों में भारी कमी, मौत के आंकड़े डरावने!

दिनेश देशवाल ने बताया कि हमारी परंपरा के अनुसार इन अस्तियों को गंगा में प्रवाहित किया जाता है पर पिछले 1 महीने से ये अस्थियां इस श्मशान घाट में ऐसे ही रखी हुई हैं. इन अस्थियों के परिवार वालों को फोन करके इन्हें ले जाने के लिए कहा जाता है तो वे लोग कोरोना, लॉकडाउन और बीमारी का बहाना बनाने लग जाते हैं.

इन अस्थियों को लेकर दिनेश देशवाल ने ये भी कहा कि अगर लोग इन अस्थियों को लेने नहीं आते तो वह खुद इन्हें अपने श्मशान घाट के कमेटी के लोगों के साथ मिलकर गंगा में हिंदू धर्म अनुसार प्रवाहित कर देंगे.

ये भी पढे़ंः दिल्ली में कोरोना से हुई मौतों के लिए केजरीवाल जिम्मेदार: भाजपा

नई दिल्ली/फरीदाबाद: कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों को ऐसे तोड़ा की श्मशान घाट में जलने वाली चिताओं के बाद अपनों की अस्थियों को भी ले जाने से लोग कतराने लगे हैं. बल्लभगढ़ के तिगांव रोड स्थित श्मशान घाट में 60 से 70 ऐसी अस्थिया हैं, जिन्हें लोग लेने अभी तक नहीं आए.

हरियाणा के इस जिले में 70 से ज्यादा लोगों की अस्थियां लेने नहीं आया कोई

बता दें कि, हिंदू धर्म के अनुसार चिता जलने के बाद अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया जाता है, पर कोरोना महामारी ने लोगों के अंदर ऐसा भय पैदा कर दिया है कि लोग अब अपनों की अस्थियां श्मशान घाट से लेने भी नहीं आ रहे.

श्मशान घाट के प्रबंधक दिनेश देशवाल की मानें तो यहां रखी ये अस्थियां उन लोगों की हैं जिनकी कोरोना से मौत हुई है. इनमें कुछ ऐसी भी हैं जो दिल्ली, गुरुग्राम, यूपी के लोग फरीदाबाद के अस्पतालों में कोरोना संक्रमित होने पर भर्ती हुए थे और उनकी अस्पताल में ही मौत हो गई. उनका भी अंतिम संस्कार इस श्मशान घाट में किया गया, जिनकी अस्थिया यहां रखी हुई हैं.

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दिनेश देशवाल ने बताया कि हमारी परंपरा के अनुसार इन अस्तियों को गंगा में प्रवाहित किया जाता है पर पिछले 1 महीने से ये अस्थियां इस श्मशान घाट में ऐसे ही रखी हुई हैं. इन अस्थियों के परिवार वालों को फोन करके इन्हें ले जाने के लिए कहा जाता है तो वे लोग कोरोना, लॉकडाउन और बीमारी का बहाना बनाने लग जाते हैं.

इन अस्थियों को लेकर दिनेश देशवाल ने ये भी कहा कि अगर लोग इन अस्थियों को लेने नहीं आते तो वह खुद इन्हें अपने श्मशान घाट के कमेटी के लोगों के साथ मिलकर गंगा में हिंदू धर्म अनुसार प्रवाहित कर देंगे.

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