नई दिल्ली/फरीदाबाद: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के चल रहे लगातार आंदोलन से फरीदाबाद में हरियाणा रोडवेज को रोजाना 4 लाख के राजस्व का नुकसान हो रहा है. कोविड-19 के कारण पहले से ही रोडवेज करोड़ों के घाटे से चल रहा है. ऐसे में अगर जल्द ही बस सेवा पटरी पर नहीं लौटी तो हरियाणा रोडवेज का नुकसान बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.
कोविड-19 के चलते हरियाणा रोडवेज को पहले ही करोड़ों रुपये के घाटे से निकलना भारी पड़ रहा था. धीरे-धीरे हरियाणा रोडवेज का पहिया गति पकड़ने लगा तो वैसे ही कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुए किसान आंदोलन ने हरियाणा रोडवेज के पहिए की गति फिर से थाम दी. किसान आंदोलन के कारण फरीदाबाद हरियाणा रोडवेज से चलने वाली बसों का पहिया रुक गया है और करीब दो दर्जन रूटों पर चलने वाली बसें बंद पड़ गई हैं.
बता दें कि बंद किए गए रूटों में से ज्यादातर वो रूट हैं जहां से हरियाणा रोडवेज को भारी-भरकम किराया मिलता है. किसान आंदोलन के कारण फरीदाबाद बस डिपो से उत्तरी राज्यों जैसे हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, पंजाब दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में लगभग 24 बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है.
फरीदाबाद रोडवेज विभाग के अनुसार जब से किसानों की ओर से बॉर्डर बंद किए गए हैं तब से दिल्ली, पंचकूला, हमीरपुर, शिमला, बैजनाथ, जम्मू, हरिद्वार और ऋषिकेश सहित कई लंबे मार्गों पर कोई भी बस नहीं चली है. पिछले 8 दिनों से दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन चल रहा है. किसान आंदोलन दिल्ली में 26 नवंबर से शुरू हुआ था, जिसके बाद दिल्ली से बसों का रूट बंद हो गया.
फरीदाबाद हरियाणा रोडवेज से 15 बस से फरीदाबाद से दिल्ली मार्ग पर चल रही थी. रोजाना 15,000 से अधिक यात्री स्थानीय डिपो की बस सेवाओं का उपयोग करते हैं. फरीदाबाद बस डिपो में 105 बसे हैं जिनमें से केवल वर्तमान में 65 बसें ही चल रही हैं.