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फरीदाबाद: चाइल्ड लाइन टीम को मिली बड़ी कामयाबी, 1 महीने में 17 बच्चों का किया रेस्क्यू - faridabad news

क्राइम ब्रांच फरीदाबाद की टीम और चाइल्डलाइन की टीम ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. टीम ने संयुक्त रूप से स्माइल अभियान के तहत बाल मजदूरी करने वाले 17 बाल मजदूरों को मुक्त कराया है.

faridabad anti human trafficking and child helpline team rescued 17 children
चाइल्ड लाइन टीम को मिली बड़ी कामयाबी
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Published : Feb 15, 2020, 1:26 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबादः ऑपरेशन स्माइल के तहत एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और चाइल्ड लाइन की टीम ने इस महीने में अब तक 17 बच्चों का रेस्क्यू किया है. टीम ने इन बच्चों को भीख मांगने और बाल मजदूरी के चंगुल से मुक्त कराने में कामयाबी हासिल की है. फिलहाल रेस्क्यू किए गए एक बच्चों का मेडिकल करवाया गया है. ये वही बच्चे हैं, जिन्हें दो टीमों ने मिलकर ऑपरेशन स्माइल अभियान के तहत बाल मजदूरी के चंगुल से मुक्त करवाया है.

चाइल्ड लाइन टीम को मिली बड़ी कामयाबी

ज्वेलर्स शॉप पर करता था बाल मजदूरी

बच्चे का मेडिकल कराने पहुंची डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर चाइल्ड लाइन की सुनीता बैंसला ने बताया कि 1098 पर उन्हें एक बच्चे के बाल मजदूरी करने की सूचना मिली थी, जो ज्वेलर्स शॉप पर बाल मजदूरी का काम कर रहा था. सूचना के बाद बच्चे का रेस्क्यू किया गया. जिसका उन्होंने आज मेडिकल करवा कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी और इसमे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी.

1098 पर मिली थी बच्चे की सूचना- सुनिता बैसला
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और चाइल्ड लाइन की टीम के संरक्षण में दिखाई दे रहे इस बच्चे को दो टीमों ने मिलकर रेस्क्यू किया है. इस ऑपरेशन की मुखिया डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर चाइल्ड लाइन सुनीता बैसला ने बताया कि उन्हें 1098 पर सूचना मिली थी. एक बच्चा एनआईटी फरीदाबाद में ज्वैलरी शॉप पर बाल मजदूरी का काम कर रहा है. जिसकी सूचना पर वो अपनी संयुक्त टीम के साथ मौके पर पहुंची और बच्चे को बाल मजदूरी से मुक्त कराया.

बच्चे के भाई ने ही लगाया काम पर- सुनिता बैसला

उन्होंने बताया कि इस बच्चे के माता-पिता नहीं है. इसके भाई ने ही इसे शॉप पर बाल मजदूरी के लिए लगाया था. जिसके साथ-साथ ज्वेलर शॉप के मालिक पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि उनकी टीम ने अब तक इस महीने में 17 बच्चो का रेस्क्यू किया है. वो इससे पहले भी बाल मजदूरी, भीख मांगने और लावारिस बच्चों का रेस्क्यू कर चुके हैं.

नई दिल्ली/फरीदाबादः ऑपरेशन स्माइल के तहत एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और चाइल्ड लाइन की टीम ने इस महीने में अब तक 17 बच्चों का रेस्क्यू किया है. टीम ने इन बच्चों को भीख मांगने और बाल मजदूरी के चंगुल से मुक्त कराने में कामयाबी हासिल की है. फिलहाल रेस्क्यू किए गए एक बच्चों का मेडिकल करवाया गया है. ये वही बच्चे हैं, जिन्हें दो टीमों ने मिलकर ऑपरेशन स्माइल अभियान के तहत बाल मजदूरी के चंगुल से मुक्त करवाया है.

चाइल्ड लाइन टीम को मिली बड़ी कामयाबी

ज्वेलर्स शॉप पर करता था बाल मजदूरी

बच्चे का मेडिकल कराने पहुंची डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर चाइल्ड लाइन की सुनीता बैंसला ने बताया कि 1098 पर उन्हें एक बच्चे के बाल मजदूरी करने की सूचना मिली थी, जो ज्वेलर्स शॉप पर बाल मजदूरी का काम कर रहा था. सूचना के बाद बच्चे का रेस्क्यू किया गया. जिसका उन्होंने आज मेडिकल करवा कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी और इसमे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी.

1098 पर मिली थी बच्चे की सूचना- सुनिता बैसला
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और चाइल्ड लाइन की टीम के संरक्षण में दिखाई दे रहे इस बच्चे को दो टीमों ने मिलकर रेस्क्यू किया है. इस ऑपरेशन की मुखिया डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर चाइल्ड लाइन सुनीता बैसला ने बताया कि उन्हें 1098 पर सूचना मिली थी. एक बच्चा एनआईटी फरीदाबाद में ज्वैलरी शॉप पर बाल मजदूरी का काम कर रहा है. जिसकी सूचना पर वो अपनी संयुक्त टीम के साथ मौके पर पहुंची और बच्चे को बाल मजदूरी से मुक्त कराया.

बच्चे के भाई ने ही लगाया काम पर- सुनिता बैसला

उन्होंने बताया कि इस बच्चे के माता-पिता नहीं है. इसके भाई ने ही इसे शॉप पर बाल मजदूरी के लिए लगाया था. जिसके साथ-साथ ज्वेलर शॉप के मालिक पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि उनकी टीम ने अब तक इस महीने में 17 बच्चो का रेस्क्यू किया है. वो इससे पहले भी बाल मजदूरी, भीख मांगने और लावारिस बच्चों का रेस्क्यू कर चुके हैं.

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