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फरीदाबाद: राखी बाजारों पर पड़ा भारत-चीन सीमा विवाद का असर - फरीदाबाद बाजार चीनी राखी गायब

ईटीवी भारत के संवाददाता ने फरीदाबाद के बाजारों में राखी विक्रेताओं से बात की. उन्होंने बताया कि इस बार लोग इंडियन मेड राखियां पसंद कर रहे हैं. भारत चीन सीमा विवाद के चलते बहनें चीनी राखियों का बहिष्कार कर रही हैं.

Effect of India-China border dispute on Rakhi markets of Faridabad
फरीदाबाद बाजार चीनी राखी
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Published : Jul 31, 2020, 10:53 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: इस बार रक्षाबंधन 3 अगस्त को है. दुकानें रंग-बिरंगी राखियों से सज चुकी हैं. इस बार बाजारों से चीनी राखियां गायब दिखाई दे रहीं हैं. बाजार में चारों तरफ मेड इन इंडिया राखियां दिखाई दे रही हैं. इसका मुख्य कारण भारत चीन सीमा विवाद बताया जा रहा है.

फरीदाबाद: राखी बाजारों पर पड़ा भारत-चीन सीमा विवाद का असर

वहीं जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने फरीदाबाद के बाजारों में राखी विक्रेताओं से बात की तो उन्होंने बताया कि हर साल छोटे बच्चों के लिए चीनी राखियां मंगवाते थे, लेकिन इस बार भारत चीन विवाद के चलते चीनी राखियां नहीं मंगवाई हैं. उन्होंने बताया कि इस बार सभी राखियां भारत के अलग-अलग हिस्सों जैसे राजस्थान, कोलकाता से मंगवाई गई हैं.

वहीं एक दुकानदार ने बताया कि राखी के लिए बाजार में मिलने वाली थाली पहले वो चीन से मंगाते थे. जिसकी कीमत 50 रुपये होती थी. लेकिन इस बार उन्होंने भारत में बनी थाली मंगवाई हैं. जिसकी कीमत थोड़ी अधिक है. उन्होंने बताया कि इस बार लोग मेड इन इंडिया राखियों को पसंद कर रहे हैं. चीनी सामान का बाजार से पूरी तरह से गायब है.

बता दें कि, हर साल रक्षाबंधन के मौके पर बाजारों में लोगों की चहल पहल देखने को मिलती थी, लेकिन इस बार कोरोना के चलते बाजारों से रौनक गायब है. लोग कोरोना के खतरे देखते हुए बाजार आने से बच रहे हैं. जिसके चलते दुकानदारों को नुकसान हो रहा है.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: इस बार रक्षाबंधन 3 अगस्त को है. दुकानें रंग-बिरंगी राखियों से सज चुकी हैं. इस बार बाजारों से चीनी राखियां गायब दिखाई दे रहीं हैं. बाजार में चारों तरफ मेड इन इंडिया राखियां दिखाई दे रही हैं. इसका मुख्य कारण भारत चीन सीमा विवाद बताया जा रहा है.

फरीदाबाद: राखी बाजारों पर पड़ा भारत-चीन सीमा विवाद का असर

वहीं जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने फरीदाबाद के बाजारों में राखी विक्रेताओं से बात की तो उन्होंने बताया कि हर साल छोटे बच्चों के लिए चीनी राखियां मंगवाते थे, लेकिन इस बार भारत चीन विवाद के चलते चीनी राखियां नहीं मंगवाई हैं. उन्होंने बताया कि इस बार सभी राखियां भारत के अलग-अलग हिस्सों जैसे राजस्थान, कोलकाता से मंगवाई गई हैं.

वहीं एक दुकानदार ने बताया कि राखी के लिए बाजार में मिलने वाली थाली पहले वो चीन से मंगाते थे. जिसकी कीमत 50 रुपये होती थी. लेकिन इस बार उन्होंने भारत में बनी थाली मंगवाई हैं. जिसकी कीमत थोड़ी अधिक है. उन्होंने बताया कि इस बार लोग मेड इन इंडिया राखियों को पसंद कर रहे हैं. चीनी सामान का बाजार से पूरी तरह से गायब है.

बता दें कि, हर साल रक्षाबंधन के मौके पर बाजारों में लोगों की चहल पहल देखने को मिलती थी, लेकिन इस बार कोरोना के चलते बाजारों से रौनक गायब है. लोग कोरोना के खतरे देखते हुए बाजार आने से बच रहे हैं. जिसके चलते दुकानदारों को नुकसान हो रहा है.

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