नई दिल्ली/नूंह: जिले की आशा वर्कर इन दिनों परेशान हैं. परेशानी की वजह उनकी मांगों पर सरकार का गंभीर नहीं होना है. शुक्रवार को आशा वर्कर के प्रतिनिधि मंडल ने सिविल सर्जन डॉक्टर जेएस पुनिया से मुलाकात की और उनको ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन में आशा वर्कर ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आगामी अगस्त महीने में तीन दिवसीय 7-9 अगस्त तक आशा वर्कर हड़ताल पर रहेंगी.
क्या हैं आशा वर्कर्स की मांगें?
आशा वर्कर प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि कोविड-19 के लिए आशा वर्करों को जो 1000 हजार रुपये का इंसेंटिव दिया जा रहा है, उसे तब तक जारी रखा जाए जब तक कोविड-19 का काम उन से लिया जा रहा है. साथ ही इंसेंटिव की 50 फीसदी राशि सरकार को तुरंत जारी करना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि जो आशा वर्कर या उनका परिवार संक्रमित हो जाता है, उसका इलाज सरकार द्वारा किया जाना चाहिए. साथ ही उनको उचित आर्थिक सहायता भी देनी चाहिए.
इसके अलावा आशा वर्कर ने कहा कि जो 4000 रुपये प्रतिमाह उनको मानदेय मिलता है. कोविड- 19 भत्ते के तौर पर उसे दोगुना किया जाए. सभी आशाओं को गुणवत्तापूर्व सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाने चाहिए. इसके अलावा भी कई मांगें आशा वर्कर ने हरियाणा सरकार व स्वास्थ्य विभाग से की हैं.