नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को आरएमएल अस्पताल के एक फोर्थ ग्रेड कर्मचारी के कोविड-19 पॉजिटिव होने की खबर सामने आई है. कोविड पॉजिटिव मरीज अस्पताल के आईज डिपार्टमेंट में वार्ड बॉय के रूप में काम करता था. उसकी पत्नी और दो बच्चों के जांच के लिए भी सैंपल ले लिए गए हैं, लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं आई है.
कोविड-19 संकट के बीच अस्पतालों में सौ फीसदी स्टाफ को बुलाने का फरमान जारी कर दिया गया है. हालांकि दिल्ली सरकार ने बाकायदा आधिकारिक तौर पर आदेश जारी किया है. जबकि केंद्र सरकार के अस्पतालों में बिना किसी सरकारी आदेश के ही स्टाफ को अस्पताल आने का मौखिक आदेश जारी किया गया है. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंस मेंटेन करना मुश्किल हो गया है. इसी का नतीजा है कि यहां काम करने वाले स्टाफ भी खतरे में हैं. मंगलवार शाम को जैसे ही 42 वर्षीय वार्ड बॉय की रिपोर्ट पॉजटिव आई, उन्हें तुरंत इलाज के लिए एम्स झज्जर भेज दिया गया. इसके साथ ही पत्नी और दो बच्चे के भी जांच के लिए सैंपल ले लिए गए. उनके संपर्क में आने वाले लोगों की भी ट्रेसिंग की जा रही है. बुखार के साथ माइल्ड लक्षण
आरएमएल अस्पताल में बेड नहीं खाली
पीआरओ आरएमएल अस्पताल स्मृति तिवारी ने इस खबर को सही बताते हुए कहा कि 18 मई की रात को आईज डिपार्टमेंट में काम करने वाले एक वार्ड बॉय की रिपोर्ट कोविड-19 पॉजिटिव आई है. उसे हल्के बुखार के साथ माइल्ड लक्षण थे. आरएमएल अस्पताल में बेड खाली नहीं होने की वजह से उन्हें 19 मई को एम्स झज्जर इलाज के लिए भेज दिया गया है.
अस्पताल की क्वार्टर में ही दो बच्चे और पत्नी के साथ रहता था
कोविड-19 पॉजिटिव वार्ड बॉय अस्पताल के क्वार्टर में ही अपनी पत्नी और दो बच्चे के साथ रहता है. इन तीनों के भी जांच के लिये सैंपल ले लिए गए हैं, जिसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है. वार्ड बॉय जिस-जिस व्यक्ति के संपर्क में रहा उनकी ट्रेसिंग शुरू कर दी गई है.
बिना सरकारी आदेश के ही सबको ड्यूटी पर आने का सुनाया फरमान
आल इंडिया कर्मचारी यूनियन के महासचिव राम किशन ने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक 100 फीसदी स्टाफ को आने के लिए आदेश जारी नहीं हुआ है. फिर भी अधिकारी मौखिक रूप से सभी को ड्यूटी पर आने को कहते हैं. ऐसे में सोशल डिस्टेंस कैसे मेंटेन रहेगा. सभी लोगों को इंफेक्शन का खतरा रहेगा.