नई दिल्ली: भारत में कोरोना का कहर जारी है. इसका असर रेलवे पर ना पड़े इसके लिए ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने यहां रेल कर्मचारियों को मास्क, ग्लव्स और सैनिटाइजर आदि देने की मांग की है. इससे अलग बायोमैट्रिक सिस्टम को भी सस्पेंड करने की मांग की जा रही है.
कोरोना का कहर: रेल कर्मचारियों ने की मास्क और सैनिटाइजर की मांग
यूनियन ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर यह कहा है कि रेलवे में रोजाना 2.5 से ज्यादा लोग यात्रा करते हैं. रेलवे के बुक कर्मचारी जो फ्रंट लाइन पर रहकर यात्रियों के साथ कनेक्ट रहते हैं उन्हें भी संक्रमण का खतरा है. इसमें टिकट चेकिंग स्टाफ, स्टेशन स्टाफ, लोको पायलेट्स, गार्ड्स, बुकिंग क्लर्क,पार्सल क्लर्क आदि लोग गिनाए गए हैं.
कोरोना का कहर
नई दिल्ली: भारत में कोरोना का कहर जारी है. इसका असर रेलवे पर ना पड़े इसके लिए ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने यहां रेल कर्मचारियों को मास्क, ग्लव्स और सैनिटाइजर आदि देने की मांग की है. इससे अलग बायोमैट्रिक सिस्टम को भी सस्पेंड करने की मांग की जा रही है.
यूनियन ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर यह कहा है कि रेलवे में रोजाना 2.5 से ज्यादा लोग यात्रा करते हैं. रेलवे के बुक कर्मचारी जो फ्रंट लाइन पर रहकर यात्रियों के साथ कनेक्ट रहते हैं उन्हें भी संक्रमण का खतरा है. इसमें टिकट चेकिंग स्टाफ, स्टेशन स्टाफ, लोको पायलेट्स, गार्ड्स, बुकिंग क्लर्क,पार्सल क्लर्क आदि लोग गिनाए गए हैं.दिए जाने चाहिए सुरक्षा उपकरण
जनरल सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा की ओर से लिखे गए इस पत्र में कहा गया है कि सभी स्टाफ को n95 मास्क, अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर और अन्य सुरक्षा उपकरण दिए जाने चाहिए. इसमें लिखा गया है कि बायोमैट्रिक अटेंडेंस भी इस मौसम में रेल कर्मियों के लिए खतरा पैदा कर रही है. क्योंकि यह वायरस हाथों के जरिए फैल सकता है, इस सिस्टम को कुछ दिनों के लिए बंद किया जा सकता है.फैसले का इंतजार
उधर रेलवे की हायर अथॉरिटीज ने इस दिशा में अभी कोई कदम नहीं उठाया है. उत्तर रेलवे के केंद्रीय अस्पताल में को रोना सेंसेटिव या करो ना पॉजिटिव मरीजों के लिए आइसोलेटेड वोट जरूर बनाया गया है लेकिन स्टेशनों पर अभी दिशानिर्देशों और अनाउंसमेंट के अलावा रेलकर्मियों की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.
यूनियन ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर यह कहा है कि रेलवे में रोजाना 2.5 से ज्यादा लोग यात्रा करते हैं. रेलवे के बुक कर्मचारी जो फ्रंट लाइन पर रहकर यात्रियों के साथ कनेक्ट रहते हैं उन्हें भी संक्रमण का खतरा है. इसमें टिकट चेकिंग स्टाफ, स्टेशन स्टाफ, लोको पायलेट्स, गार्ड्स, बुकिंग क्लर्क,पार्सल क्लर्क आदि लोग गिनाए गए हैं.दिए जाने चाहिए सुरक्षा उपकरण
जनरल सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा की ओर से लिखे गए इस पत्र में कहा गया है कि सभी स्टाफ को n95 मास्क, अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर और अन्य सुरक्षा उपकरण दिए जाने चाहिए. इसमें लिखा गया है कि बायोमैट्रिक अटेंडेंस भी इस मौसम में रेल कर्मियों के लिए खतरा पैदा कर रही है. क्योंकि यह वायरस हाथों के जरिए फैल सकता है, इस सिस्टम को कुछ दिनों के लिए बंद किया जा सकता है.फैसले का इंतजार
उधर रेलवे की हायर अथॉरिटीज ने इस दिशा में अभी कोई कदम नहीं उठाया है. उत्तर रेलवे के केंद्रीय अस्पताल में को रोना सेंसेटिव या करो ना पॉजिटिव मरीजों के लिए आइसोलेटेड वोट जरूर बनाया गया है लेकिन स्टेशनों पर अभी दिशानिर्देशों और अनाउंसमेंट के अलावा रेलकर्मियों की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.