नई दिल्ली : पंजाब के परिवहन मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग दिल्ली कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष अभिषेक दत्त व पंजाब के कई अधिकारियों के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. अमरिंदर सिंह ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार ने एयरपोर्ट पर पंजाब रोडवेज बसों के आने-जाने पर रोक लगा रखी है, जबकि बादल की 35 इंडो-कैनेडियन बस सर्विस की बसों को दिल्ली एयरपोर्ट के अंदर तक आने दिया जा रहा है.
पंजाब के परिवहन मंत्री ने कहा कि इस संबंध में दिल्ली सरकार को कई बार पत्र लिख चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से आज तक कोई जवाब नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि कई बार पत्र लिखने के बाद जब जवाब नहीं मिला तो आज अधिकारियों और दिल्ली कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष अभिषेक दत्त के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने के लिए आया हूं. लेकिन सीएम केजरीवाल अभी तक नहीं मिले हैं और न ही अपने अधिकारियों को मिलने के लिए भेजा है.
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दे दी है हरी झंडी : अमरिंदर सिंह बरार
अमरिंदर सिंह वडिंग ने कहा कि इस संबंध में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी पत्र लिखा था. जिस पर उन्होंने कहा कि बस अगर एयरपोर्ट के अंदर आती है तो हमें इसको लेकर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इस संबंध में आप दिल्ली सरकार से बात करें. पंजाब के परिवहन मंत्री ने कहा कि 2018 से पहले पंजाब परिवहन की बसें एयरपोर्ट के अंदर तक आती थीं, लेकिन अचानक उनकी एंट्री बंद कर दी गई.
इसे भी पढ़ें : कांग्रेस पंजाब में 'एक परिवार, एक टिकट' का फॉर्मूला लागू करेगी
पंजाब के परिवहन मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने एयरपोर्ट पर पंजाब परिवहन की बसों पर रोक लगा रखी है, जबकि बादल की 35 इंडो-कैनेडियन बस सर्विस की तमाम बसों को अंदर तक आने दिया जाता है. जो कि हर दो घंटे में अमृतसर और जालंधर से चलती हैं. इनका किराया 3000 रुपए है, जो कि सरकारी बसों के किराए से दोगुना है. अगर दिल्ली सरकार पंजाब रोडवेज की बसों को दोबारा एयरपोर्ट पर एंट्री देती है तो तमाम यात्रियों से इतनी मोटी रकम की वसूली बंद हो जाएगी. जिससे लोगों को राहत मिलेगी, मगर शायद केजरीवाल सरकार ऐसा नहीं चाहती है. वरना पंजाब रोडवेज की बसों को एंट्री क्यों न देती.