नई दिल्ली: क्या कोरोना काल में ईडीएमसी में एन–95 मास्क खरीदने को लेकर क्या गोलमाल चल रहा है. यह सवाल इसलिए क्योंकि इसे लेकर नगर निगम के जवाब में विसंगतियां मिल रही हैं. खास बात यह है कि ये सवाल कोई और नहीं बल्कि ईडीएमसी के पूर्व मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य विपिन बिहारी उठा रहे हैं.
स्टैंडिंग कमेटी में उठा मुद्दा
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में उस समय माहौल गर्म हो गया, जब निगम अधिकारियों के जवाब में विसंगति पकड़ी गई. दरअसल निगम के पूर्व मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य विपिन बिहारी ने निगम अधिकारियों से इस बात की जानकारी मांगी थी कि कोरोना काल में ईडीएमसी ने स्वास्थ्य सुविधाओं से संबंधित किन-किन चीजों की खरीददारी की.
इस पर निगम के अधिकारियों ने उन्हें लिखित तौर पर बताया कि ईडीएमसी ने कोरोना काल में मास्क और दस्ताने समेत कई अन्य चीजों की खरीददारी की है, लेकिन बैठक में अधिकारी ने बताया कि निगम को मास्क और पीपीई कीट एनसीडीसी की तरफ से अनुदान में मिले हैं.
विकास कार्यों में अड़ंगा लगा रहे हैं अधिकारी
पूर्व मेयर ने बताया कि ईडीएमसी की तरफ से लेटर जारी हुआ था, जिसमें निगम के विकास कार्यों में आमदनी के 25 प्रतिशत से ज्यादा राशि खर्च नहीं करने की सूचना थी. इससे वार्डों में विकास कार्यों पर पूरी तरह से रोक लग गई थी. इसे लेकर उन्होंने जब निगम अधिकारियों से जवाब मांगा गया तो वे गोलमोल जवाब देकर समिति को गुमराह करने लगे. पूर्व मेयर ने आरोप लगाया है कि अधिकारी जानबूझकर वार्ड में निगम के द्वारा होने वाले विकास कार्यों में अड़ंगा लगा रहे हैं.