नई दिल्ली: देवरानी-जेठानी के मतभेद से लेकर लड़ाई झगड़े के कई किस्से तो अपने जरूर देखे और सुने होंगे. लेकिन प्रगति मैदान में चल रहे 40वें इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (India International Trade Fair) में देवरानी (प्रियंका) और जेठानी (नीता प्रसाद) का एक अलग ही रंग देखने को मिल रहा है. दोनों ने भारत की परंपरा और संस्कृति को बचाने के उद्देश्य से मिथिला पेंटिंग के जरिए साड़ी का काम शुरू किया है.
एमएसएमई पवेलियन (MSME Pavilion) में नीता साड़ी की संस्थापक नीता प्रसाद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि बिजनेस को लेकर पूरे परिवार का खूब सहयोग मिल रहा है. उन्होंने कहा कि मिथिला पेंटिंग बिहार का गौरव है. इसकी हर जगह पर मांग है. इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले पेंटिंग दीवारों पर बना करती थी. लेकिन अब यह साड़ी व अन्य कपड़ों पर भी देखने को मिल रही है.
यह भी पढ़ें - संघर्षों भरा रहा पद्मश्री दुलारी देवी का जीवन, मिथिला पेंटिंग से मिली पहचान
नीता प्रसाद ने कहा कि वह साड़ी के जरिए मिथिला पेंटिंग (Mithila Painting) और भारतीय संस्कृति (Indian culture) को दिखाने का प्रयास कर रही हैं, जिसमें वह भगवान राम के जीवन और राधा कृष्ण के जीवन को साड़ी में मिथिला पेंटिंग के जरिए दर्शाती हैं. जिससे कि हमारी संस्कृति और परंपरा दोनों बची रहे और इसके बारे में लोगों को पता चले. इस दौरान उन्होंने कहा कि एक साड़ी में भगवान राम के स्वयंवर के बाद कोहबर में जाने का दृश्य दर्शाया है.
नीता प्रसाद ने बताया कि सात हजार से लेकर बीस हजार रुपए तक की साड़ी उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कोविड-19 (COVID-19) की वजह से बिजनेस प्रभावित हुआ था लेकिन अब उम्मीद है जब स्थिति सुधर रही है तो बिजनेस भी बढ़ेगा.