नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने भारत में युवाओं को रिक्रूट करने और उनका ब्रेनवाश कर आतंकी गतिविधियों के लिए प्रेरित करने के आरोपी और आईएसआईएस संदिग्ध रमीज अहमद लोन की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी किया है. जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 15 जनवरी को करने का आदेश दिया.
दरअसल, एनआईए ने रमीज अहमद लोन के खिलाफ जून 2021 में एफआईआर दर्ज किया था. एनआईए ने इन आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ओए, 153ए, 153बी और यूएपीए की धारा 17,18,18बी, 38,39 और 40 के तहत एफआईआर दर्ज की थी. रमीज अहमद लोन को 11 जुलाई 2021 को दो और सह-आरोपियों उमर निसार और तनवीर अहमद भट्ट के साथ गिरफ्तार किया गया था.
युवाओं के दिमाग में घोलते थे जगह: लोन पर प्रतिबंधित संगठन आईएसआईएस से संपर्क रखने और देश में युवाओं को रिक्रूट करने और उनका ब्रेनवाश कर आतंकी गतिविधियों के लिए भारत के खिलाफ प्रेरित करने का आरोप है. एनआईए के मुताबिक, ये आरोपी फर्जी ऑनलाइन पहचान बनाकर भारत के विभिन्न इलाकों से ऑपरेट करते थे और आईएसआईएस से संबंधित प्रोपेगैंडा मैटेरियल की सप्लाई करते थे. इसके जरिए वे युवाओं को भारत के खिलाफ भड़काने का काम करते थे. वे द वॉयस ऑफ हिंद नामक प्रोपेगैंडा मैगजीन का प्रकाशन करते थे. मैगजीन में युवाओं को भारत के खिलाफ तैयार कर उनके दिमाग में जहर घोलने का काम करते थे.
फैसले को दी गई है चुनौती: एनआईए ने इन आरोपियों के ठिकानों पर छापे मारकर काफी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री बरामद की थी. इनके पास से एनआईए ने कई डिजिटल उपकरण, आईएसआईएस के लोगो वाले टी-शर्ट भी बरामद किया था. एनआईए ने इस मामले में 6 जनवरी, 2022 को 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. इन आरोपियों में से तीन फरार हैं. लोन की जमानत याचिका ट्रायल कोर्ट ने 28 सितंबर को खारिज कर दी थी. ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.
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