नई दिल्ली: दिल्ली में हाल ही में शुरू की गई इलेक्ट्रिक वाहन नीति के अंतर्गत दिल्ली-एनसीआर में चार्जिंग की बुनियादी ढांचे की स्थापना पर चर्चा के लिए गुरुवार को दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय बिजली राज्य मंत्री आरके सिंह के साथ मुलाकात की. बैठक में DHI, MoPNG, CEA, BEE, NTPC, EESL, परिवहन विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया. बैठक में प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विभिन्न प्रावधानों और दिल्ली के भीतर चार्जिंग के बुनियादी ढांचे की सीमित उपलब्धता के कारण उत्पन्न होने वाले किसी भी अड़चन पर चर्चा की गई.
हर तीन किलोमीटर पर होगा एक चार्जिंग स्टेशन
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कैलाश गहलोत ने बताया कि बीते 7 अगस्त को लॉन्च हुए दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत सरकार चाहती है कि वर्ष 2024 तक दिल्ली में 5 लाख इलेक्ट्रिक वाहन हो जाएं. इसके प्रति जनता को प्रोत्साहित करने के पूरे शहर में चार्जिंग स्टेशनों और बुनियादी ढांचे का एक प्रभावी नेटवर्क विकसित करना होगा.
इसके लिए पहले चरण में सरकार अगले एक वर्ष के भीतर शहर में 200 चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना का लक्ष्य रखा है. इससे उपभोगताओं को हर 3 किमी पर एक चार्जिंग स्टेशन मिल सकेगा. सरकार इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी भी चाहती है, लेकिन कोशिश ये है कि उसमे प्रतिस्पर्धा रहे ताकि जनता को यह सुविधा सस्ते दरों पर मिल सके.
केंद्रीय मंत्री ने सब्सिडी का दिया आश्वासन
बैठक के बाद कैलाश गहलोत ने चर्चा को बहुत ही उपयोगी करार दिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली की इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति की अभी दुनिया भर में चर्चा हो रही है. यह दिल्ली सरकार और संबंधित विशेषज्ञों के दो साल की कड़ी मेहनत का परिणाम है.
आरके सिंह के प्रति धन्यवाद व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय राज्य मंत्री ने दिल्ली सरकार की इस नीति की सराहना की और नीति को आगे बढ़ने के लिए दिल्ली सरकार को अपना समर्थन दिया. आरके सिंह ने शहर में 1000 इलेक्ट्रिक बसों को सब्सिडी देने का भी आश्वासन दिया. गहलोत का मानना है कि केंद्र का समर्थन इस नीति के लिए एक विशाल उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा और अधिक लोगों और संगठनों को इलेक्ट्रिक व्हीकल लेने के लिए प्रेरित करेगा.