नई दिल्लीः दिल्ली दंगों में साजिश रचने की आरोपी इशरत जहां ने मंगलवार को कड़कड़डूमा कोर्ट में पेशी के दौरान मंडोली जेल में पिटाई का आरोप लगाया है. यूएपीए के तहत जेल में बंद कांग्रेस की पूर्व पार्षद ने कहा कि सुबह के वक्त दूसरे कैदियों ने उसकी पिटाई की थी. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने मंडोली जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि वह इशरत जहां की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाए. साथ ही यह निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करें कि इशरत जहां को कोर्ट में शिकायतें करने पर प्रताड़ित नहीं किया जाए.
घटना की रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश
कोर्ट ने मंडोली जेल प्रशासन से इशरत जहां के आरोपों पर विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने जेल प्रशासन से पूछा कि क्या इशरत को दूसरे जेल में शिफ्ट करने की जरुरत पड़ेगी. क्या इशरत के साथ ऐसी घटना घटी थी. लगता है कि इशरत जहां काफी भयभीत हैं. उससे तुरंत बात करके के बाद स्थिति को समझने की कोशिश करें. कोर्ट ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि वह इशरत जहां को बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश करें.
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एक महीने के अंदर दूसरी घटना
पेशी के दौरान इशरत जहां ने कहा कि एक महीने के अंदर दूसरी बार ऐसा हुआ है. इसकी वजह से वह मानसिक तनाव से गुजर रही है. उसे मानसिक और शारीरिक रुप से प्रताड़ित किया जाता है. दूसरे कैदियों ने पिटाई की और गाली दी. इशरत ने कहा कि एक कैदी ने तो अपना हाथ काट डाला, ताकि उसकी झूठी शिकायत पर दंडित किया जा सके. इशरत ने इस घटना की लिखित शिकायत भी की है. उन्होंने कोर्ट में कहा कि मुझे आतंकवादी कहते हैं. कैंटीन में पैसा मांगते हैं. उसे मंडोली जेल में पिछले चार महीने से प्रताड़ित किया जा रहा है.
हिंसा के सभी आरोपियों के साथ भेदभाव का आरोप
इशरत जहां की ओर से वकील मिसबाह बिन तारिक ने कहा कि उसकी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाए. इशरत जहां एडवोकेट बार की सदस्य हैं. ऐसे में उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए. इशरत जहां ने कहा कि तबियत खराब है, लेकिन कोई इलाज नहीं कराया जा रहा है. सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से वकील रिजवान ने कहा कि जेल के अंदर दिल्ली हिंसा के मामले के सभी आरोपियों के साथ भेदभाव किया जाता है. कभी दूसरे कैदी प्रताड़ित करते हैं, तो कभी जेल प्रशासन. इस मामले में कोर्ट की ओर से उचित मानिटरिंग करने की जरुरत है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी केवल आरोपी हैं, दोषी नहीं। बता दें कि कोर्ट ने मंगलवार को यूएपीए के सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत पांच जनवरी तक बढ़ा दी है.