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धोखे के बदले भाई ने दी मौत की सजा

द्वारका पुलिस ने जमीन के चक्कर में हुई हत्या के मामले का खुलासा किया है. एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वॉड पुलिस ने 9 महीने पुरानी गुत्थी को सुलझा दिया. इसमें छोटे भाई ने बड़े भाई से जमीन के चक्कर में धोखा दिया था, जिसके बाद बडे़ भाई ने अपने ही भाई की हत्या कर दी.

द्वारका एएटीएस
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Published : Jan 6, 2022, 6:55 PM IST

नई दिल्ली: द्वारका जिले के एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वॉड पुलिस (anti-auto theft squad) ने 9 महीने पहले छावला थाना इलाके में हुई एक हत्या और कापसहेड़ा इलाके में एक फार्म हाउस के गार्ड की हत्या के कुल दो मामलों का खुलासा करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया था, जिसकी पहचान आनंद के रूप में हुई है. जो मूलतः यूपी के कौशांबी का रहने वाला है. इसके पास से चोरी की मोटरसाइकिल भी मिली है, जो डाबड़ी थाना इलाके से चुराई गई थी.

डीसीपी शंकर चौधरी के अनुसार छावला इलाके में हत्या की पहली वारदात मार्च महीने में हुई थी. दो मार्च को पुलिस को सूचना मिली थी कि नाले में एक डेड बॉडी पड़ी हुई है. काफी छानबीन के बाद भी उसकी पहचान नहीं हो पाई तो पुलिस ने पोस्टमार्टम (post-mortem of a body) कराने के बाद उसका दाह संस्कार कर दिया. पुलिस के अनुसार उसके बाद छावला थाना इलाके के ही शिकारपुर गांव में स्थित एक फार्म हाउस के गार्ड की भी हत्या की गई थी.

टे भाई ने बड़े भाई से जमीन के चक्कर में धोखा दिया था, जिसके बाद बडे़ भाई ने अपने ही भाई की हत्या कर दी
इन दोनों मामलों में लोकल पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला था. एसीपी ऑपरेशन विजय सिंह यादव की देखरेख में एटीएस के इंस्पेक्टर कमलेश कुमार, सब इंस्पेक्टर दिनेश, बिजेंदर, कांस्टेबल मनोज और सतेंद्र की टीम को भी इस मामले में लगाया गया था. उन्हें लोकल इंटेलिजेंट से पता चला कि हत्या की वारदात में शामिल आरोपी द्वारका इलाके में आने वाला है. जिसके बाद पुलिस ने उसे नजफगढ़ नाला रोड से पकड़ा और जिस बाइक से वह जा रहा था वह चोरी की निकली.

पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो उसकी पहचान आनंद के रूप में हुई. उसने बताया कि मार्च में जिस युवक की डेड बॉडी मिली थी, जिसका नाम रोहित था. वह उसका सगा छोटा भाई था. उसकी हत्या उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर की थी, क्योंकि उसने गांव की जमीन बेचकर उसके साथ रकम बराबर बांटने में धोखा किया था.

उसने बेचे गए पुश्तैनी जमीन से मिली रकम में से एक नया घर भी खरीद लिया और 9 लाख बैंक में भी जमा कर लिए. जब आनन्द ने उसे पैसे देने की बात कही तो उसने साफ मना कर दिया. फिर आनंद ने किसी बहाने से उसे दिल्ली बुलाया और उसकी गला दबाकर हत्या करके डेड बॉडी नाले में फेंक दी. आनंद ने बताया कि उसके माता-पिता की पहले ही बीमारी से मौत हो चुकी है और उसके बड़े भाई की भी मौत कोरोना में हो चुकी है. जिसके बाद घर में जो दो भाई बचे थे, जिन्होंने मिलकर गांव की पुश्तैनी जमीन को बेचने का फैसला लिया था.

उसी जमीन को बेचकर छोटे भाई रोहित ने आनंद से धोखा किया था, जिसका बदला आनंद ने उसकी हत्या करके लिया. आनंद ने पुलिस को यह भी बताया कि उसके भाई की हत्या के बाद शिकारपुर के एक फार्म हाउस पर गार्ड की भी पिटाई कर उसकी हत्या कर दी थी. इस तरह एएटीएस की पुलिस टीम ने हावड़ा थाना इलाके में पिछले साल हुए इस दो हत्या के अलग-अलग मामलों को सुलझाया.

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नई दिल्ली: द्वारका जिले के एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वॉड पुलिस (anti-auto theft squad) ने 9 महीने पहले छावला थाना इलाके में हुई एक हत्या और कापसहेड़ा इलाके में एक फार्म हाउस के गार्ड की हत्या के कुल दो मामलों का खुलासा करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया था, जिसकी पहचान आनंद के रूप में हुई है. जो मूलतः यूपी के कौशांबी का रहने वाला है. इसके पास से चोरी की मोटरसाइकिल भी मिली है, जो डाबड़ी थाना इलाके से चुराई गई थी.

डीसीपी शंकर चौधरी के अनुसार छावला इलाके में हत्या की पहली वारदात मार्च महीने में हुई थी. दो मार्च को पुलिस को सूचना मिली थी कि नाले में एक डेड बॉडी पड़ी हुई है. काफी छानबीन के बाद भी उसकी पहचान नहीं हो पाई तो पुलिस ने पोस्टमार्टम (post-mortem of a body) कराने के बाद उसका दाह संस्कार कर दिया. पुलिस के अनुसार उसके बाद छावला थाना इलाके के ही शिकारपुर गांव में स्थित एक फार्म हाउस के गार्ड की भी हत्या की गई थी.

टे भाई ने बड़े भाई से जमीन के चक्कर में धोखा दिया था, जिसके बाद बडे़ भाई ने अपने ही भाई की हत्या कर दी
इन दोनों मामलों में लोकल पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला था. एसीपी ऑपरेशन विजय सिंह यादव की देखरेख में एटीएस के इंस्पेक्टर कमलेश कुमार, सब इंस्पेक्टर दिनेश, बिजेंदर, कांस्टेबल मनोज और सतेंद्र की टीम को भी इस मामले में लगाया गया था. उन्हें लोकल इंटेलिजेंट से पता चला कि हत्या की वारदात में शामिल आरोपी द्वारका इलाके में आने वाला है. जिसके बाद पुलिस ने उसे नजफगढ़ नाला रोड से पकड़ा और जिस बाइक से वह जा रहा था वह चोरी की निकली.

पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो उसकी पहचान आनंद के रूप में हुई. उसने बताया कि मार्च में जिस युवक की डेड बॉडी मिली थी, जिसका नाम रोहित था. वह उसका सगा छोटा भाई था. उसकी हत्या उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर की थी, क्योंकि उसने गांव की जमीन बेचकर उसके साथ रकम बराबर बांटने में धोखा किया था.

उसने बेचे गए पुश्तैनी जमीन से मिली रकम में से एक नया घर भी खरीद लिया और 9 लाख बैंक में भी जमा कर लिए. जब आनन्द ने उसे पैसे देने की बात कही तो उसने साफ मना कर दिया. फिर आनंद ने किसी बहाने से उसे दिल्ली बुलाया और उसकी गला दबाकर हत्या करके डेड बॉडी नाले में फेंक दी. आनंद ने बताया कि उसके माता-पिता की पहले ही बीमारी से मौत हो चुकी है और उसके बड़े भाई की भी मौत कोरोना में हो चुकी है. जिसके बाद घर में जो दो भाई बचे थे, जिन्होंने मिलकर गांव की पुश्तैनी जमीन को बेचने का फैसला लिया था.

उसी जमीन को बेचकर छोटे भाई रोहित ने आनंद से धोखा किया था, जिसका बदला आनंद ने उसकी हत्या करके लिया. आनंद ने पुलिस को यह भी बताया कि उसके भाई की हत्या के बाद शिकारपुर के एक फार्म हाउस पर गार्ड की भी पिटाई कर उसकी हत्या कर दी थी. इस तरह एएटीएस की पुलिस टीम ने हावड़ा थाना इलाके में पिछले साल हुए इस दो हत्या के अलग-अलग मामलों को सुलझाया.

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