नई दिल्लीः मौजूदा समय में कोरोना के कम होते आंकड़ों के बीच संभावित तीसरी लहर को लेकर एक्सपर्ट अपनी अलग-अलग राय व्यक्त कर रहे हैं. संभावित तीसरी लहर से बच्चों को खतरा बताया जा रहा है. वहीं दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के कम्युनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉक्टर संजय राय ने संभावित तीसरी लहर को लेकर अलग ही दावा किया है.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान डॉ. संजय राय ने बताया कि संभावित तीसरी लहर में बच्चों के खतरे की बात का कोई भी वैज्ञानिक आधार नहीं है. उन्होंने बताया कि कोरोना इंफेक्शन के गंभीर लक्षण बच्चों में देखने को नहीं मिले, जिसके कारण लोगों को लगा कि कोरोना बच्चों को नहीं हुआ, लेकिन आईसीएमआर की ओर से कराए गए सीरो सर्वे में बताते हैं कि जनरल पापुलेशन के जितने बच्चे भी प्रभावित हुए हैं.
कुछ महीनों पहले दिल्ली में दिसंबर-जनवरी में आईसीएमआर की ओर से कराए गए सीरो सर्वे में आए आंकड़ों के मुताबिक, 51 फीसदी जनरल पापुलेशन और 54 फीसदी बच्चे कोरोना से संक्रमित पाए गए थे. वैक्सीनेशन ऑफिसर डॉ. संजय राय ने कहा कि तीसरे आईसीएमआर के सीरो सर्वे में 24 फीसदी जनरल पापुलेशन संक्रमित हुई थी, वहीं 27 फीसदी बच्चे संक्रमित पाए गए थे.
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वहीं हाल ही में आए सीरो सर्वे में भी 60 फीसदी से ज्यादा बच्चे कोरोना से संक्रमित हो गए हैं. इन आंकड़ों को बताते हुए डॉ. संजय राय ने कहा कि ऐसे में यह कहा जाना है कि बच्चे अभी तक कोरोना की पहली और दूसरी लहर में संक्रमित नहीं हुए हैं और संभावित तीसरी लहर में संक्रमित हो सकते हैं, इसका वैज्ञानिक तौर पर कोई आधार नहीं है.
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डॉ. संजय राय ने कहा कि यदि तीसरी लहर आती है, तो उसमें ना केवल बच्चे बल्कि अन्य लोग भी उतने ही प्रभावित होंगे, जितने पहली और दूसरी लहर में हमें देखने को मिला था. लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि तीसरी लहर में बच्चों को ज्यादा खतरा है. उन्होंने कहा कि बच्चे भी कोरोना से संक्रमित हुए, लेकिन उन्हें गंभीर लक्षण नहीं देखने को मिले. इस कारण से उन्हें अस्पतालों में भर्ती नहीं किया गया और ना ही बच्चों के संक्रमण का आंकड़ा हमारे सामने आया. उन्होंने कहा कि बच्चों में कोरोना के आम खासी जुखाम जैसे लक्षण ही देखने को मिले.
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इसके साथ ही डॉ. संजय राय ने दावा किया कि जो लोग एक बार कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, वह काफी हद तक संक्रमण से सुरक्षित हैं. उन्हें वैक्सीन देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वैक्सीन कोरोना से होने वाली मौतों और सिविएरिटी को रोकता है. वैक्सीन कोरोना कोरोना को रोकने में 100 फीसदी तक कारगर नहीं है, बल्कि 70 से 80 फीसदी तक ही कारगर है.
सीरो सर्वे के मुताबिक अधिकतर बच्चों को कोरोना संक्रमण हो गया है और बच्चों में कोरोना के गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिले हैं. ऐसे में बच्चों को वैक्सीन देने का अधिक फायदा नहीं है. लेकिन यदि आने वाले दिनों में कोई नया वेरिएंट आता है और यदि वह बच्चों पर अधिक खतरा बढ़ाता है, तो वैक्सीनेशन पर विचार किया जा सकता है.