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शिक्षकों को केवल पढ़ाने के लिए ही रखा जाएः शिक्षक संघ

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Published : Jan 29, 2022, 12:48 PM IST

दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए पिछले दिनों रोटेशन पॉलिसी जारी (Rotation policy issued for Delhi Municipal Corporation elections )कर दी गई है. आने वाले दिनों में चुनाव की तारीख भी जल्द ही जारी होने की उम्मीद है. चुनाव कार्याें में शिक्षकाें काे लगाये जाने की उम्मीद है. ऐसे में शिक्षक संघ सवाल उठा रहा है कि जब इस प्रकार की ड्यूटी करेंगे तो बच्चों को पढ़ाएंगे कब.

शिक्षक संघ
शिक्षक संघ

नई दिल्ली: दिल्ली में शिक्षकों की कोविड-19 की ड्यूटी (Covid duty of teachers in Delhi)पिछले कई माह से चल रही है. अभी उनकी कोविड-19 की ड्यूटी खत्म नहीं हुई थी निगम चुनाव को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. इस दौरान शिक्षकों की ड्यूटी भी आने लगी है. ऐसे में शिक्षक संघ सवाल उठा रहा है कि जब इस प्रकार की ड्यूटी करेंगे तो बच्चों को कब पढ़ाएंगे. बता दें कि दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए पिछले दिनों रोटेशन पॉलिसी जारी (Rotation policy issued for Delhi Municipal Corporation elections) कर दी गई है. आने वाले दिनों में चुनाव की तारीख भी जल्द ही जारी होने की उम्मीद है.

वहीं डिस्ट्रिक्ट वेस्ट ए राजकीय स्कूल शिक्षक संघ (जीएसटीए) के सेक्रेटरी संतराम ने कहा कि डीडीएमए के नए आदेश के मुताबिक सरकारी दफ्तरों को 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने की बात कही गई है, लेकिन अभी स्कूल को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. पर इस दौरान कई जगहों पर शिक्षकों को बुलाना भी शुरू कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि अब पढ़ाई के लिए दिन सीमित हैं, बोर्ड व अन्य क्लास की परीक्षा शुरू होने वाली है.

शिक्षक संघ की नाराजगी.

इसे भी पढ़ेंः अभी नहीं थमेगा ठंड का कहर, कहीं बारिश तो कहीं होगी बर्फबारी

इस दौरान शिक्षक अपने मूलभूत कार्य बच्चों को पढ़ाने को छोड़ अन्य कार्यों की ड्यूटी (Covid duty of teachers in Delhi)में लगे हुए हैं. साथ ही कहा कि निगम चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई के लिए कितना समय शिक्षकों के पास रहेगा यह अपने आप में सोचने का विषय है. डिस्ट्रिक्ट वेस्ट ए राजकीय स्कूल शिक्षक संघ (जीएसटीए) के सेक्रेटरी संतराम ने सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि अगर स्थिति अब अनुकूल है तो स्कूल जल्द से जल्द खोले जाएं.

इसे भी पढ़ेंः दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2022 - 23 में एमफिल पाठ्यक्रम हुआ खत्म

उन्होंने कहा कि स्कूल खुलने के बाद शिक्षकों को केवल बच्चों के पढ़ाने के लिए ही रखा जाए (Delhi Teachers Association said let children teach) ना कि अन्य गतिविधियों में भी उन्हें लगा दिया जाए. क्योंकि, स्कूल खुलने के बाद शिक्षकों को दूसरे कार्यों में लगाया जाता है तो स्कूल खोलने का कोई फायदा नहीं होगा. इसमें केवल बच्चों की पढ़ाई का ही नुकसान होगा. साथ ही कहा कि चुनाव से पहले सरकार शिक्षकों को पूरा समय दे जिससे कि वह अपने स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ा सकें.



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नई दिल्ली: दिल्ली में शिक्षकों की कोविड-19 की ड्यूटी (Covid duty of teachers in Delhi)पिछले कई माह से चल रही है. अभी उनकी कोविड-19 की ड्यूटी खत्म नहीं हुई थी निगम चुनाव को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. इस दौरान शिक्षकों की ड्यूटी भी आने लगी है. ऐसे में शिक्षक संघ सवाल उठा रहा है कि जब इस प्रकार की ड्यूटी करेंगे तो बच्चों को कब पढ़ाएंगे. बता दें कि दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए पिछले दिनों रोटेशन पॉलिसी जारी (Rotation policy issued for Delhi Municipal Corporation elections) कर दी गई है. आने वाले दिनों में चुनाव की तारीख भी जल्द ही जारी होने की उम्मीद है.

वहीं डिस्ट्रिक्ट वेस्ट ए राजकीय स्कूल शिक्षक संघ (जीएसटीए) के सेक्रेटरी संतराम ने कहा कि डीडीएमए के नए आदेश के मुताबिक सरकारी दफ्तरों को 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने की बात कही गई है, लेकिन अभी स्कूल को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. पर इस दौरान कई जगहों पर शिक्षकों को बुलाना भी शुरू कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि अब पढ़ाई के लिए दिन सीमित हैं, बोर्ड व अन्य क्लास की परीक्षा शुरू होने वाली है.

शिक्षक संघ की नाराजगी.

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इस दौरान शिक्षक अपने मूलभूत कार्य बच्चों को पढ़ाने को छोड़ अन्य कार्यों की ड्यूटी (Covid duty of teachers in Delhi)में लगे हुए हैं. साथ ही कहा कि निगम चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई के लिए कितना समय शिक्षकों के पास रहेगा यह अपने आप में सोचने का विषय है. डिस्ट्रिक्ट वेस्ट ए राजकीय स्कूल शिक्षक संघ (जीएसटीए) के सेक्रेटरी संतराम ने सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि अगर स्थिति अब अनुकूल है तो स्कूल जल्द से जल्द खोले जाएं.

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उन्होंने कहा कि स्कूल खुलने के बाद शिक्षकों को केवल बच्चों के पढ़ाने के लिए ही रखा जाए (Delhi Teachers Association said let children teach) ना कि अन्य गतिविधियों में भी उन्हें लगा दिया जाए. क्योंकि, स्कूल खुलने के बाद शिक्षकों को दूसरे कार्यों में लगाया जाता है तो स्कूल खोलने का कोई फायदा नहीं होगा. इसमें केवल बच्चों की पढ़ाई का ही नुकसान होगा. साथ ही कहा कि चुनाव से पहले सरकार शिक्षकों को पूरा समय दे जिससे कि वह अपने स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ा सकें.



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