नई दिल्ली : रोहिणी कोर्ट में हुए ब्लास्ट (delhi rohini court blast case) के मामले को लगभग एक महीना पूरा होने वाला है. इस मामले में आरोपी की गिरफ्तारी को भी 15 दिन से ज्यादा बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस की जांच इस मामले में धीमी पड़ती हुई दिख रही है. इसकी बड़ी वजह आरोपी वैज्ञानिक (DRDO Scientist Bharat bhushan kataria) का अस्पताल में भर्ती होना है. इस वजह से आरोपी से पूछताछ नहीं हो पा रही है और ब्लास्ट की कड़ियां जोड़ने में मुश्किल आ रही है.
जानकारी के अनुसार, बीते नौ दिसंबर को कोर्ट संख्या 102 में ब्लास्ट हुआ था. शुरुआत में पुलिस इसे लैपटॉप में हुआ धमाका मान रही थी, लेकिन बाद में पता चला कि यह एक टिफिन बम था. रिमोट कंट्रोल से इस ब्लास्ट को अंजाम दिया गया था. इस मामले में रोहिणी कोर्ट में लगे हुए तमाम सीसीटीवी खंगालने एवं उस दिन कोर्ट में लगे केस से जुड़े लोगों से पूछताछ करने के बाद पुलिस को अहम सुराग मिले थे. इनकी मदद से पुलिस ने अशोक विहार में रहने वाले आरोपी वैज्ञानिक भारत भूषण कटारिया (DRDO Scientist Bharat bhushan kataria) को गिरफ्तार किया था. ब्लास्ट में इस्तेमाल किया गया कुछ सामान भी पुलिस (delhi Police news) ने उनके घर से बरामद किया था.
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सूत्रों का कहना है कि इस मामले में उनके ठीक होने के बाद स्पेशल सेल (delhi special cell) एक बार फिर उन्हें रिमांड पर लेगी और इस ब्लास्ट से जुड़ी कड़ियों को जोड़ने की कोशिश करेगी. प्राथमिक जांच में पुलिस को पता चला था कि उन्होंने अपने अपने पड़ोसी अधिवक्ता अमित वशिष्ठ को मारने के इरादे से या ब्लास्ट किया था. दोनों के बीच कई मामले अदालत में चल रहे हैं जिसे लेकर वैज्ञानिक तनाव में थे. इस वजह से ही उन्होंने अधिवक्ता अमित वशिष्ठ के ठीक पीछे ले जाकर यह टिफिन बम का बैग रखा था. ब् लेकिन इसमें अधिवक्ता की जान बच गई.
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पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस मामले में उनके पास महत्वपूर्ण सुराग हैं जिनकी मदद से वह आरोपी वैज्ञानिक का अपराध साबित करेंगे. लेकिन इस मामले में कई अहम जानकारियां उन्हें वैज्ञानिक से हासिल करनी है. उनसे पूछताछ कर इनके बारे में सुराग जुटाने का काम अभी किया जाना है. डॉक्टर के अस्पताल में होने की वजह से अभी तक उनसे पूछताछ नहीं हो सकी है. इसलिए पुलिस उनके ठीक होने का इंतजार कर रही है.