नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट आज चीन से जासूसी करने के आरोप में जेल में बंद स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. जस्टिस अनु मल्होत्रा की बेंच सुनवाई करेगी. राजीव शर्मा की जमानत याचिका पटियाला हाउस कोर्ट खारिज कर चुका है.
सुनवाई के दौरान राजीव शर्मा की ओर से वरिष्ठ वकील अदीश सी अग्रवाल, आदित्य सिंह और अक्षत गोयल ने कोर्ट से कहा था कि राजीव शर्मा के खिलाफ झूठा केस दर्ज किया गया है. एफआईआर में प्रथम दृष्टया कोई अपराध का होना नहीं पाया गया है. उन्होंने कहा था कि राजीव शर्मा के पास से जो भी दस्तावेज बरामद किए गए हैं वे सामान्य दस्तावेज हैं और उनका आफिशियल सिक्रेट्स एक्ट से कोई लेना-देना नहीं है. जिन 79 दस्तावेजों को गुप्ता रक्षा दस्तावेज कहा गया है, उन्हें रक्षा मंत्रालय की पुष्टि के बिना ही गोपनीय दस्तावेज कह दिया गया. उन्होंने कहा कि एफआईआर में किसी भी मंत्रालय का नाम नहीं है. उन्होंने कोर्ट से उन दस्तावेजों को खुद देखने का आग्रह किया था.
साक्ष्यों और गवाहों के बयान आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत
पिछले 21 अक्टूबर को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के सेशंस जज ने राजीव शर्मा की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणी ने कहा था कि आरोप काफी गंभीर हैं और जांच अहम मोड़ पर है. इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती है. ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि आरोपी के परिजनों के व्यवहार से ऐसा लगता है कि वे गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसी कोशिश चिंताजनक है. आरोपी के पास से संवेदनशील दस्तावेज बरामद हुए हैं जिसके बदले उन्हें पैसे भी मिले. विदेशी एजेंट के साथ संबंध आरोपी की इस दलील को खारिज करने के लिए काफी है कि वो निर्दोष है.
स्वतंत्र प्रेस के लिए काला दिन
बता दें कि पिछले 29 सितंबर को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन सिंह राजावत ने राजीव शर्मा की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि अगर आरोपी को रिहा किया गया तो वो जांच को प्रभावित कर सकता है. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा था कि एक स्वतंत्र प्रेस लोकतंत्र का चौथा खंभा होता है. एक पत्रकार चौथे खंभे का एक महत्वपूर्ण ईंट होता है. अगर लोकतंत्र के सभी खंभे दृढ़ता और विकास के लिए काम करें तो लोकतंत्र की जड़ों को हिलाना मुश्किल होता है. लेकिन अगर एक पत्रकार लोकतंत्र हिलाने का काम करने लगे तो ये स्वतंत्र प्रेस के लिए एक काला दिन होता है. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा था कि आरोपी का कबूलनामा और उसके पास से मिले साक्ष्यों पर गौर करने पर प्रथम दृष्टया आफिशियल सिक्रेट्स एक्ट की धारा 3,4 और 5 का उल्लंघन करता पाया गया है.
14 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था
राजीव शर्मा को 14 सितंबर को दिल्ली के जनकपुरी से गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक राजीव शर्मा को आफिशियल सिक्रेट्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था. उनके पास से रक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेज बरामद किया गया था. याचिका में कहा गया था कि राजीव शर्मा का समाज से गहरा नाता है. राजीव शर्मा की पत्नी वेंकटेश्वर कॉलेज में प्रोफेसर हैं. ऐसे में आरोपी के भागने की कोई संभावना नहीं है. राजीव शर्मा की निशानदेही पर एक चीनी महिला और एक नेपाली मूल के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था. इन दोनों पर आरोप है कि वे राजीव शर्मा को फर्जी कंपनियों के जरिये पैसा मुहैया कराते थे.