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NSUT में 2 नए परिसर जोड़ने की घोषणा की, B.Tech-M.Tech में बढ़ेंगी सीटें - NSUT में दो नए परिसर जोड़ने की घोषणा

सरकार ने नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (NSUT) में दो नए परिसर के विस्तार का फैसला किया है.

Delhi government announces addition of two new premises in NSUT
नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी
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Published : Sep 2, 2020, 2:37 AM IST

Updated : Sep 2, 2020, 6:58 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (एनएसयूटी) में दो नए परिसर के विस्तार का फैसला किया है. जिसके तहत चौधरी ब्रह्म प्रकाश राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज जाफरपुर और अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च गीता कॉलोनी को एनएसयूटी से जोड़ा जाएगा. वहीं इन दोनों संस्थानों को एनएसयूटी से जोड़ने को लेकर दिल्ली सरकार का कहना है कि इन दोनों संस्थानों का प्रदर्शन उत्साहजनक नहीं था. इसके अलावा कहा कि इससे एमटेक और बीटेक की सीटों में भी इजाफा होगा.

सरकार ने NSUT में दो नए परिसर जोड़ने की घोषणा की


इन विषयों की होगी पढ़ाई

विस्तार के बाद जाफरपुर स्थित वेस्ट कैंपस में सिविल, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी और मैकेनिकल इंजीनियरिंग की स्पेशलाइज्ड पढ़ाई होगी, तो गीता कॉलोनी में स्थित ईस्ट कैंपस में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस की स्पेशलाइज्ड पढ़ाई कराई जाएगी.


दोनों कॉलेजों के छात्र को होगा फायदा: सिसोदिया

इसको लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इससे दोनों कॉलेजों को एनएसयूटी की प्रतिष्ठा और संस्थानों का लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एनएसयूटी का काफी अच्छा इतिहास है. साथ ही कहा कि शैक्षणिक कौशल और उद्योग जगत के साथ भी संबंध काफी महत्वपूर्ण है. इससे इन दोनों कॉलेजों को समुचित विकास का अवसर मिलेगा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार का यह प्रयास है कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण और अच्छी शिक्षा मिल सके.

'दोनों संस्थानों का प्रदर्शन उत्साहजनक नहीं था'

शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इन दोनों कैंपस का पिछले कई वर्षों से प्रदर्शन उत्साहजनक नहीं था, जिसकी वजह से इसे एनएसयूटी के साथ जोड़ने का फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि इन दोनों कॉलेजों में संविदा या गेस्ट फैकल्टी के जरिए आवश्यकता पूरी की जा रही है. स्थाई शिक्षकों के अभाव के कारण तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है. साथ ही कहा कि इन दोनों कॉलेजों में रिक्त और स्वीकृत पदों के लिए एनएसयूटी नियमों के अनुसार अब नियुक्ति होगी. उन्होंने कहा कि इन दोनों कॉलेजों के प्रिंसिपल, फैकल्टी, अधिकारी और कर्मचारियों को एनएसयूटी की सेवा शर्तों को अपनाने या पुराने नियमों और शर्तों पर अपनी सेवा जारी रखने का विकल्प दिया जाएगा.


छात्रों की पढ़ाई की गुणवत्ता में आएगा फर्क

बता दें कि एनएसयूटी में जेईई मेंस परीक्षा के जरिए एडमिशन होता है. विस्तार होने के बाद इन दोनों कैंपस में भी इसी परीक्षा के माध्यम से दाखिला लिया जा सकेगा, जिससे छात्रों की गुणवत्ता में भी सुधार होगा. इसके अलावा यहां पढ़ रहे छात्रों के प्लेसमेंट में भी परिवर्तन देखने को मिलेगा. बता दें कि फिलहाल इन दोनों कॉलेजों के आईटी छात्रों को पैकेज के तौर पर 3:30 से 6:30 लाख तक मिलता है, जबकि एनएसयूटी के छात्रों को औसतन 11:30 लाख का पैकेज और अधिकतम 70 लाख तक मिलता है.



नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (एनएसयूटी) में दो नए परिसर के विस्तार का फैसला किया है. जिसके तहत चौधरी ब्रह्म प्रकाश राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज जाफरपुर और अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च गीता कॉलोनी को एनएसयूटी से जोड़ा जाएगा. वहीं इन दोनों संस्थानों को एनएसयूटी से जोड़ने को लेकर दिल्ली सरकार का कहना है कि इन दोनों संस्थानों का प्रदर्शन उत्साहजनक नहीं था. इसके अलावा कहा कि इससे एमटेक और बीटेक की सीटों में भी इजाफा होगा.

सरकार ने NSUT में दो नए परिसर जोड़ने की घोषणा की


इन विषयों की होगी पढ़ाई

विस्तार के बाद जाफरपुर स्थित वेस्ट कैंपस में सिविल, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी और मैकेनिकल इंजीनियरिंग की स्पेशलाइज्ड पढ़ाई होगी, तो गीता कॉलोनी में स्थित ईस्ट कैंपस में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस की स्पेशलाइज्ड पढ़ाई कराई जाएगी.


दोनों कॉलेजों के छात्र को होगा फायदा: सिसोदिया

इसको लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इससे दोनों कॉलेजों को एनएसयूटी की प्रतिष्ठा और संस्थानों का लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एनएसयूटी का काफी अच्छा इतिहास है. साथ ही कहा कि शैक्षणिक कौशल और उद्योग जगत के साथ भी संबंध काफी महत्वपूर्ण है. इससे इन दोनों कॉलेजों को समुचित विकास का अवसर मिलेगा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार का यह प्रयास है कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण और अच्छी शिक्षा मिल सके.

'दोनों संस्थानों का प्रदर्शन उत्साहजनक नहीं था'

शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इन दोनों कैंपस का पिछले कई वर्षों से प्रदर्शन उत्साहजनक नहीं था, जिसकी वजह से इसे एनएसयूटी के साथ जोड़ने का फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि इन दोनों कॉलेजों में संविदा या गेस्ट फैकल्टी के जरिए आवश्यकता पूरी की जा रही है. स्थाई शिक्षकों के अभाव के कारण तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है. साथ ही कहा कि इन दोनों कॉलेजों में रिक्त और स्वीकृत पदों के लिए एनएसयूटी नियमों के अनुसार अब नियुक्ति होगी. उन्होंने कहा कि इन दोनों कॉलेजों के प्रिंसिपल, फैकल्टी, अधिकारी और कर्मचारियों को एनएसयूटी की सेवा शर्तों को अपनाने या पुराने नियमों और शर्तों पर अपनी सेवा जारी रखने का विकल्प दिया जाएगा.


छात्रों की पढ़ाई की गुणवत्ता में आएगा फर्क

बता दें कि एनएसयूटी में जेईई मेंस परीक्षा के जरिए एडमिशन होता है. विस्तार होने के बाद इन दोनों कैंपस में भी इसी परीक्षा के माध्यम से दाखिला लिया जा सकेगा, जिससे छात्रों की गुणवत्ता में भी सुधार होगा. इसके अलावा यहां पढ़ रहे छात्रों के प्लेसमेंट में भी परिवर्तन देखने को मिलेगा. बता दें कि फिलहाल इन दोनों कॉलेजों के आईटी छात्रों को पैकेज के तौर पर 3:30 से 6:30 लाख तक मिलता है, जबकि एनएसयूटी के छात्रों को औसतन 11:30 लाख का पैकेज और अधिकतम 70 लाख तक मिलता है.



Last Updated : Sep 2, 2020, 6:58 AM IST
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