ETV Bharat / city

'2016 से चीनी इंटेलिजेंस ने दिए खुफिया दस्तावेज, एक साल में मिले 45 लाख रुपये'

जासूसी के शक में गिरफ्तार किए गए पत्रकार राजीव शर्मा और उसके दो साथियों को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बड़ा खुलासा किया है. स्पेशल सेल के मुताबिक पत्रकार को इसके लिए मोटी रकम मिलती थी.

Big revelation of Delhi Police in spying case
जासूसी केस में दिल्ली पुलिस का बड़ा खुलासा
author img

By

Published : Sep 19, 2020, 5:24 PM IST

Updated : Sep 20, 2020, 6:53 AM IST

नई दिल्ली: स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किया गया राजीव शर्मा वर्ष 2016 से चीनी इंटेलिजेंस के संपर्क में था. वह 2016 से ही भारत के रक्षा संबंधित दस्तावेज चीन इंटेलिजेंस को मुहैया करा रहा था. इसके बदले उसे मोटी रकम मिलती थी. स्पेशल सेल को जांच में पता चला है कि बीते एक साल के भीतर उसे विभिन्न माध्यमों से 45 लाख रुपए दिए गए हैं. वहीं गिरफ्तार किए गए दोनों अन्य आरोपी वसंत कुंज में फर्जी कंपनी चला रहे थे और इसकी आड़ में चीन इंटेलिजेंस के लिए काम कर रहे थे.


डीसीपी संजीव यादव के अनुसार सेंट्रल इंटेलिजेंस की सूचना पर गिरफ्तार किया गया राजीव शर्मा लगभग 40 साल से पत्रकारिता कर रहा है. वह भारत चाइना के संबंधों को लेकर भी लेख लिखता है. उसका पीआईबी कार्ड बना हुआ है और वह मंत्रालय में भी आता-जाता रहता है. वर्ष 2016 में लिंक्डइन के माध्यम से वह माइकल के संपर्क में आया जो चीन इंटेलिजेंस के लिए काम करता था. माइकल ने उसे नौकरी के बहाने चीन में मिलने के लिए बुलाया जहां पर उसे बुलाने का असली मकसद बताया गया. वहां पर उसे मोटी रकम का लालच दिया गया जिसके बाद वह भारत से गोपनीय दस्तावेज एवं जानकारी देने के लिए तैयार हो गया.

जासूसी केस में दिल्ली पुलिस का बड़ा खुलासा
चार साल से भेज रहा था खुफिया जानकारी
आरोपी बीते 4 वर्षों से चीन को इस तरीके से दस्तावेज मुहैया करा रहा था. आरोपी ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2019 में चीन इंटेलिजेंस के जॉर्ज के संपर्क में आया और इसके बाद से उसके लिए काम कर रहा था. पुलिस ने उसके घर पर छापा मारकर रक्षा से संबंधित कुछ गोपनीय दस्तावेज बरामद किए हैं. इसके साथ ही पुलिस उसका ईमेल अकाउंट और सोशल मीडिया को भी खंगाल रही है ताकि यह पता चल सके कि आखिरकार उसने किस प्रकार के दस्तावेज चीन को भेजे हैं. वह बॉर्डर पर भारत-चीन के बीच की स्थिति को लेकर भी उन्हें जानकारी मुहैया करवाता था.
वसंतकुंज से चीनी महिला सहित दो गिरफ्तार
पुलिस को पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि उसे वसंत कुंज में दफ्तर चलाने वाली एक महिला रुपए देती है. यह महिला चीन की रहने वाली है. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने छापा मारकर महिला किंग शी को उसके एक नेपाली साथी शेर सिंह उर्फ राज बोहरा को गिरफ्तार किया है. यह नेपाली नागरिक भी इस कंपनी में निदेशक के पद पर तैनात है. पुलिस को जांच में पता चला है कि यह कंपनी दवा से संबंधित काम करती थी और इससे आने वाले रुपयों को वह चीन इंटेलिजेंस के इशारे पर इस्तेमाल करते थे. वह खुफिया जानकारी मुहैया कराने वालों को रुपये पहुंचाते थे.
ग्लोबल टाइम्स के लिए लिखता था आर्टिकल
डीसीपी संजीव यादव ने बताया कि आरोपी राजीव शर्मा देश-विदेश के कई संस्थानों के लिए आर्टिकल लिखता था. वह चीन के प्रमुख अखबार ग्लोबल टाइम्स के लिए भी आर्टिकल लिखता था. लेकिन स्पेशल सेल की जांच में जो बात सामने आ रही है, यह आर्टिकल लिखना केवल दिखावा था. वह आर्टिकल लिखने की आड़ में खुफिया जानकारी चीन इंटेलिजेंस को मुहैया करा रहा था. इसके एवज में वह मोटी रकम ले रहा था. स्पेशल सेल को जांच में पता चला है कि चीन इंटेलिजेंस के माइकल से मिलने के लिए ना केवल चीन बल्कि अलग-अलग देशों में भी राजीव शर्मा गया था.

7 साल पहले महिला आई थी भारत

पुलिस के अनुसार गिरफ्तार की गई महिला वर्ष 2013 में जामिया में एक कोर्स करने के मकसद से आई थी. इसके बाद से वह भारत में है और चाइना आती-जाती रहती है. वसंत कुंज में उसने अपना दफ्तर खोल रखा है जिसमें यह नेपाली नागरिक भी निदेशक है. यहां पर रहकर वह मुख्य रूप से चाइना के लिए जासूसी करने वाले लोगों को रुपए देती थी. पुलिस इनके दफ्तर की तलाशी लेने के साथ ही उनसे पूछताछ कर रही है.

नई दिल्ली: स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किया गया राजीव शर्मा वर्ष 2016 से चीनी इंटेलिजेंस के संपर्क में था. वह 2016 से ही भारत के रक्षा संबंधित दस्तावेज चीन इंटेलिजेंस को मुहैया करा रहा था. इसके बदले उसे मोटी रकम मिलती थी. स्पेशल सेल को जांच में पता चला है कि बीते एक साल के भीतर उसे विभिन्न माध्यमों से 45 लाख रुपए दिए गए हैं. वहीं गिरफ्तार किए गए दोनों अन्य आरोपी वसंत कुंज में फर्जी कंपनी चला रहे थे और इसकी आड़ में चीन इंटेलिजेंस के लिए काम कर रहे थे.


डीसीपी संजीव यादव के अनुसार सेंट्रल इंटेलिजेंस की सूचना पर गिरफ्तार किया गया राजीव शर्मा लगभग 40 साल से पत्रकारिता कर रहा है. वह भारत चाइना के संबंधों को लेकर भी लेख लिखता है. उसका पीआईबी कार्ड बना हुआ है और वह मंत्रालय में भी आता-जाता रहता है. वर्ष 2016 में लिंक्डइन के माध्यम से वह माइकल के संपर्क में आया जो चीन इंटेलिजेंस के लिए काम करता था. माइकल ने उसे नौकरी के बहाने चीन में मिलने के लिए बुलाया जहां पर उसे बुलाने का असली मकसद बताया गया. वहां पर उसे मोटी रकम का लालच दिया गया जिसके बाद वह भारत से गोपनीय दस्तावेज एवं जानकारी देने के लिए तैयार हो गया.

जासूसी केस में दिल्ली पुलिस का बड़ा खुलासा
चार साल से भेज रहा था खुफिया जानकारी
आरोपी बीते 4 वर्षों से चीन को इस तरीके से दस्तावेज मुहैया करा रहा था. आरोपी ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2019 में चीन इंटेलिजेंस के जॉर्ज के संपर्क में आया और इसके बाद से उसके लिए काम कर रहा था. पुलिस ने उसके घर पर छापा मारकर रक्षा से संबंधित कुछ गोपनीय दस्तावेज बरामद किए हैं. इसके साथ ही पुलिस उसका ईमेल अकाउंट और सोशल मीडिया को भी खंगाल रही है ताकि यह पता चल सके कि आखिरकार उसने किस प्रकार के दस्तावेज चीन को भेजे हैं. वह बॉर्डर पर भारत-चीन के बीच की स्थिति को लेकर भी उन्हें जानकारी मुहैया करवाता था.
वसंतकुंज से चीनी महिला सहित दो गिरफ्तार
पुलिस को पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि उसे वसंत कुंज में दफ्तर चलाने वाली एक महिला रुपए देती है. यह महिला चीन की रहने वाली है. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने छापा मारकर महिला किंग शी को उसके एक नेपाली साथी शेर सिंह उर्फ राज बोहरा को गिरफ्तार किया है. यह नेपाली नागरिक भी इस कंपनी में निदेशक के पद पर तैनात है. पुलिस को जांच में पता चला है कि यह कंपनी दवा से संबंधित काम करती थी और इससे आने वाले रुपयों को वह चीन इंटेलिजेंस के इशारे पर इस्तेमाल करते थे. वह खुफिया जानकारी मुहैया कराने वालों को रुपये पहुंचाते थे.
ग्लोबल टाइम्स के लिए लिखता था आर्टिकल
डीसीपी संजीव यादव ने बताया कि आरोपी राजीव शर्मा देश-विदेश के कई संस्थानों के लिए आर्टिकल लिखता था. वह चीन के प्रमुख अखबार ग्लोबल टाइम्स के लिए भी आर्टिकल लिखता था. लेकिन स्पेशल सेल की जांच में जो बात सामने आ रही है, यह आर्टिकल लिखना केवल दिखावा था. वह आर्टिकल लिखने की आड़ में खुफिया जानकारी चीन इंटेलिजेंस को मुहैया करा रहा था. इसके एवज में वह मोटी रकम ले रहा था. स्पेशल सेल को जांच में पता चला है कि चीन इंटेलिजेंस के माइकल से मिलने के लिए ना केवल चीन बल्कि अलग-अलग देशों में भी राजीव शर्मा गया था.

7 साल पहले महिला आई थी भारत

पुलिस के अनुसार गिरफ्तार की गई महिला वर्ष 2013 में जामिया में एक कोर्स करने के मकसद से आई थी. इसके बाद से वह भारत में है और चाइना आती-जाती रहती है. वसंत कुंज में उसने अपना दफ्तर खोल रखा है जिसमें यह नेपाली नागरिक भी निदेशक है. यहां पर रहकर वह मुख्य रूप से चाइना के लिए जासूसी करने वाले लोगों को रुपए देती थी. पुलिस इनके दफ्तर की तलाशी लेने के साथ ही उनसे पूछताछ कर रही है.

Last Updated : Sep 20, 2020, 6:53 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.