नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में पानी पर लगातार राजनीति जारी है. लोगों के घरों में आपूर्ति होने वाले पानी की गुणवत्ता पर जिस तरह सवाल खड़े हुए हैं, यह विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बन सकता है. बीजेपी के तमाम बड़े नेता इस मुद्दे को लेकर केजरीवाल सरकार को घेरने की रणनीति बनाने में लगे हैं.
केंद्र सरकार ने 32 अधिकारियों के नाम तय किए
प्रदेश भाजपा ने दूषित पानी की शिकायत सुनने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया तब दक्षिण दिल्ली से भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने केजरीवाल सरकार से सवाल पूछा कि पानी की जांच के लिए दिल्ली सरकार संयुक्त टीम बनाने से क्यों भाग रही है?
भारतीय मानक ब्यूरो ने जब पानी की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे, तब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पेशकश की थी कि मानक ब्यूरो और मंत्रालय अपने विशेषज्ञों की टीम से संयुक्त टीम से पानी की जांच करा लें. केंद्र सरकार ने इस दिशा में पहल करते हुए 32 अधिकारियों के नाम तय कर लिए. दिल्ली सरकार पीछे हट गई है.
'केजरीवाल पूरे मामले पर चुप बैठे हैं'
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया अलग-अलग इलाकों में जा रहे हैं, तो इस पर भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि उस पर टैंकर माफियाओं के साथ सांठगांठ के आरोप हैं. वह अपने विधानसभा क्षेत्र संगम विहार में पानी की आपूर्ति नहीं करा पा रहे हैं. वह जांच के नाम पर दिल्ली के लोगों को गुमराह कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि दूषित पानी की शिकायत सुनने के लिए भाजपा ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. लोकतंत्र में सबको अधिकार है कि वह अपनी समस्या समाधान करने के लिए सहायता लें. भाजपा इसी दिशा में यह प्रयास की है. जो शिकायतें प्राप्त होंगी, उसको लेकर सरकार पर दबाव डाला जाएगा. केजरीवाल पूरे मामले पर चुप बैठे हैं, यह बड़ा सवाल है.
बता दें कि पिछले दिनों पहले भारतीय मानक ब्यूरो ने देश के 20 राज्यों से एकत्रित किए गए पानी के नमूनों की जांच के बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की थी. जिसमें दिल्ली का पानी गुणवत्ता के लिहाज से सबसे निचले पायदान पर था.