नई दिल्ली: भारत और बांग्लादेश के सीमा सुरक्षा बलों के बीच 17 जुलाई से 21 जुलाई तक बांग्लादेश के ढाका में, 52वां महानिदेशक स्तर का समन्वय सम्मेलन आयोजित किया गया. जिसमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व डीजी बीएसएफ, पंकज कुमार सिंह और बांग्लादेश प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व डीजी बीजीबी(Border guards Bangladesh) मेजर जनरल शकील अहमद, एसपीपी, एनएसडब्ल्यूसी, एएफडब्ल्यूसी, पीएससी ने किया।
बीएसएफ और बीजीबी के बीच सम्मेलन दिल्ली मुख्यालय से बीएसएफ प्रवक्ता के अनुसार, भारत और बांग्लादेश के बीच डीजी स्तर की वार्ता साल में दो बार होती है. एक बार भारत में और दूसरी बार बांग्लादेश में. भारत और बांग्लादेश एक सभ्यतागत विरासत और कई कारकों को साझा करते हैं. दोनों देशों के सीमा रक्षक बलों ने मजबूत प्रणालियां स्थापित की हैं, जिनके माध्यम से सीमा सुरक्षा और सीमा प्रबंधन में सहयोग सुनिश्चित किया जा रहा है.सम्मेलन में सीमा पार अपराधों पर अंकुश लगाने तथा सीमा पर शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. साथ ही सीमा सुरक्षा बलों और दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और सद्भाव का निर्माण को बढ़ावा देने को लेकर बातचीत हुई.
बीएसएफ और बीजीबी के बीच सम्मेलन एजेंडा के बिंदुओं पर गहन चर्चा के बाद, दोनों पक्षों ने कहा कि वे सभी स्तरों पर निरंतर, रचनात्मक और सकारात्मक कार्यकलापों के माध्यम से विभिन्न सीमा संबंधी मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. वे संयुक्त रूप से सम्मेलन के निर्णय को जमीनी स्तर पर सच्ची भावना से लागू करने के लिए सहमत हुए. दोनों डीजी द्वारा हस्ताक्षरित चर्चा के संयुक्त रिकॉर्ड की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं.दोनों पक्ष समन्वित गश्त सतर्कता बढ़ाने और ईमानदार प्रतिबद्धताओं जैसे अतिरिक्त एहतियाती उपायों को अपनाकर सीमा पार अपराध को रोकने के लिए संयुक्त प्रयास करने पर सहमत हुए. दोनों पक्षों ने जन जागरूकता कार्यक्रम को तेज करके, संवेदनशील क्षेत्रों में उपयुक्त सामाजिक-आर्थिक विकासात्मक कार्यक्रम चलाकर, सीमावर्ती आबादी को आईबी के बारे में शिक्षित करके और अपराधियों/निवासियों को आईबी पार करने से रोकने और सीमा पर अपराध की घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए संयुक्त प्रयास करने पर भी सहमति व्यक्त की.दोनों पक्षों ने विभिन्न नशीले पदार्थों (विशेष रूप से वाईएबीए), आग्नेयास्त्रों, एफआईसीएन, सोना आदि की तस्करी के खतरे को रोकने में समन्वित सीमा प्रबंधन योजना (सीबीएमपी) के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे रोकने के लिए सतर्क और दृढ़ रहने पर सहमति व्यक्त की.दोनों पक्ष आईबी/अवैध क्रॉसिंग/घुसपैठ, तस्करी, मानव तस्करी, सीमा स्तंभों को उखाड़ने और अन्य सीमा पार अपराधों से बचने के लिए सीमावर्ती आबादी को संवेदनशील बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाने पर सहमत हुए.मैत्री साइकिल रैली, दोनों देशों के सीमा रक्षक बलों के बीच फुटबॉल और वॉलीबॉल मैच, संयुक्त वापसी समारोह आदि जो हाल ही में आयोजित किए गए थे, उन्हें जारी रखा जाना चाहिए और ऐसे कुछ और कार्यक्रमों की अवधारणा की जा सकती है.
ये भी पढ़ें : बीएसएफ ने भारतीय सीमा में घुसे पाकिस्तानी नागरिक को किया गिरफ्तार
दोनों पक्षों ने सम्मेलन में विचार-विमर्श पर संतोष व्यक्त किया, जो दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को दर्शाते हुए सार्थक और सौहार्दपूर्ण था. सम्मेलन में लिए गए निर्णयों को शीघ्र क्रियान्वित करने पर सहमति बनी. दोनों पक्ष अस्थायी रूप से नवंबर 2022 के पहले/दूसरे सप्ताह में भारत में अगले डीजी स्तर का सम्मेलन आयोजित करने पर सहमत हुए।
ऐसी ही जरुरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत