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2014-20 तक दिल्ली में 11 लाख राशनकार्ड विचाराधीन, RTI में खुलासा

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Published : May 11, 2020, 11:41 AM IST

लॉकडाउन के दौरान दिल्ली सरकार गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए खाद्य राशन सामग्री उपलब्ध हो रही है. सरकार सभी लोगों को जिनके राशन कार्ड है या नहीं सभी को राशन उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है. वहीं आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा ने ईटीवी से बात करते हुए बताया कि साल 2014 - 2020 तक करीब 6 साल की अवधि में 11लाख राशन कार्ड विचाराधीन हैं.

11 lakh ration cards under consideration till 2014-20 in delhi
11 लाख राशनकार्ड विचाराधीन

नई दिल्ली: राजधानी में लॉकडाउन के दौरान दिल्ली सरकार गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए खाद्य राशन सामग्री उपलब्ध करवा रही है. लोगों की खाद्य राशन वितरण की दुकान पर लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं, जिसके लिए लोग घंटों तक अपने राशन मिलने का इंतजार करते हैं.

11 लाख राशनकार्ड विचाराधीन

अब लॉकडाउन की समस्या को देखते हुए सरकार सभी लोगों को जिनके राशन कार्ड हैं या नहीं सभी को राशन उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है.

11 lakh ration cards under consideration till 2014-20 in delhi
11 लाख राशनकार्ड विचाराधीन

11लाख राशन कार्ड विचाराधीन

आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा ने ईटीवी से बात करते हुए बताया कि साल 2014 - 2020 तक करीब 6 साल की अवधि में 11लाख राशन कार्ड विचाराधीन है. इसके आवेदन के लिए लोगों ने दोबारा से भी फॉर्म भरे, लेकिन अभी तक उनके राशन कार्ड नहीं बने.

11 lakh ration cards under consideration till 2014-20 in delhi
11 लाख राशनकार्ड विचाराधीन

आरटीआई एक्टिविस्ट ने दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के साथ पत्र व्यवहार करते हुए कहा कि लॉकडाउन के दौरान संकट के समय में जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें राशन वितरण किया जाए ताकि लोगों को लॉकडाउन के दौरान खाने-पीने की समस्या ना हो.

11 lakh ration cards under consideration till 2014-20 in delhi
11 लाख राशनकार्ड विचाराधीन

दिल्ली का राशन का कोटा पूरा

केंद्र सरकार के खाद्यमंत्री राम विलास पासवान ओर दिल्ली सरकार के मंत्री मनीष सिसोदिया को भी लिखा तो जवाब में आया कि दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को जवाब दिया कि दिल्ली का राशन का कोटा 38 लाख लोगों का पूरा हो चुका है.

वहीं केंद्र सरकार कहती है कि दिल्ली सरकार पूरा राशन उठा ही नहीं रही है. इस मुद्दे को लेकर दोनों सरकारों में मतभेद है.

2013 के अधिनियम के तहत दिल्ली में 72,77,995 राशन कार्ड धारक हैं, उस समय दिल्ली की जनसंख्या डेढ़ करोड़ थी लेकिन अब दिल्ली की जनसंख्या करीब ढाई करोड़ हो चुकी है जिसके लिए राशन कार्ड धारकों की संख्या भी दोगुनी की जाए ताकि लोगों को समय पर राशन कार्ड का लाभ मिलता रहे.

बुराडी में 17 हजार लोगों के नहीं बने राशन कार्ड

दिल्ली सरकार अब लोगों के राशन कार्ड भी नहीं बनवा पा रही है, वहीं अब दिल्ली की जनसंख्या 2013 के अधिनियम के अनुसार दोगुनी हो चुकी है जिसके अनुसार राशन कार्ड धारकों की संख्या कम है.

साथ ही यदि बुराड़ी विधानसभा की भी बात की जाए तो बुराड़ी विधानसभा में 17 हजार लोगों के राशन कार्ड अभी तक नहीं बने हैं. जबकि 8000 लोगों को FIFO द्वारा एक नंबर भी जारी किया हुआ है.

आरटीआई एक्टिविस्ट ने आरोप लगाया कि जितने राशन कार्ड साल 2014 से 2020 के कार्यकाल में आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान विचाराधीन हैं. इससे पहले कभी भी किसी पिछली सरकार में इतने राशन कार्ड विचाराधीन नहीं रखे गए.

ऐसे में सरकार गरीब लोगों की लाइफ लाइन को पूरा करें ताकि इन लोगों को समय पर राशन कार्ड से मिलने वाली सुविधाएं मिलती रहे.

नई दिल्ली: राजधानी में लॉकडाउन के दौरान दिल्ली सरकार गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए खाद्य राशन सामग्री उपलब्ध करवा रही है. लोगों की खाद्य राशन वितरण की दुकान पर लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं, जिसके लिए लोग घंटों तक अपने राशन मिलने का इंतजार करते हैं.

11 लाख राशनकार्ड विचाराधीन

अब लॉकडाउन की समस्या को देखते हुए सरकार सभी लोगों को जिनके राशन कार्ड हैं या नहीं सभी को राशन उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है.

11 lakh ration cards under consideration till 2014-20 in delhi
11 लाख राशनकार्ड विचाराधीन

11लाख राशन कार्ड विचाराधीन

आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा ने ईटीवी से बात करते हुए बताया कि साल 2014 - 2020 तक करीब 6 साल की अवधि में 11लाख राशन कार्ड विचाराधीन है. इसके आवेदन के लिए लोगों ने दोबारा से भी फॉर्म भरे, लेकिन अभी तक उनके राशन कार्ड नहीं बने.

11 lakh ration cards under consideration till 2014-20 in delhi
11 लाख राशनकार्ड विचाराधीन

आरटीआई एक्टिविस्ट ने दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के साथ पत्र व्यवहार करते हुए कहा कि लॉकडाउन के दौरान संकट के समय में जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें राशन वितरण किया जाए ताकि लोगों को लॉकडाउन के दौरान खाने-पीने की समस्या ना हो.

11 lakh ration cards under consideration till 2014-20 in delhi
11 लाख राशनकार्ड विचाराधीन

दिल्ली का राशन का कोटा पूरा

केंद्र सरकार के खाद्यमंत्री राम विलास पासवान ओर दिल्ली सरकार के मंत्री मनीष सिसोदिया को भी लिखा तो जवाब में आया कि दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को जवाब दिया कि दिल्ली का राशन का कोटा 38 लाख लोगों का पूरा हो चुका है.

वहीं केंद्र सरकार कहती है कि दिल्ली सरकार पूरा राशन उठा ही नहीं रही है. इस मुद्दे को लेकर दोनों सरकारों में मतभेद है.

2013 के अधिनियम के तहत दिल्ली में 72,77,995 राशन कार्ड धारक हैं, उस समय दिल्ली की जनसंख्या डेढ़ करोड़ थी लेकिन अब दिल्ली की जनसंख्या करीब ढाई करोड़ हो चुकी है जिसके लिए राशन कार्ड धारकों की संख्या भी दोगुनी की जाए ताकि लोगों को समय पर राशन कार्ड का लाभ मिलता रहे.

बुराडी में 17 हजार लोगों के नहीं बने राशन कार्ड

दिल्ली सरकार अब लोगों के राशन कार्ड भी नहीं बनवा पा रही है, वहीं अब दिल्ली की जनसंख्या 2013 के अधिनियम के अनुसार दोगुनी हो चुकी है जिसके अनुसार राशन कार्ड धारकों की संख्या कम है.

साथ ही यदि बुराड़ी विधानसभा की भी बात की जाए तो बुराड़ी विधानसभा में 17 हजार लोगों के राशन कार्ड अभी तक नहीं बने हैं. जबकि 8000 लोगों को FIFO द्वारा एक नंबर भी जारी किया हुआ है.

आरटीआई एक्टिविस्ट ने आरोप लगाया कि जितने राशन कार्ड साल 2014 से 2020 के कार्यकाल में आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान विचाराधीन हैं. इससे पहले कभी भी किसी पिछली सरकार में इतने राशन कार्ड विचाराधीन नहीं रखे गए.

ऐसे में सरकार गरीब लोगों की लाइफ लाइन को पूरा करें ताकि इन लोगों को समय पर राशन कार्ड से मिलने वाली सुविधाएं मिलती रहे.

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