नई दिल्ली: राजधानी में लॉकडाउन के दौरान दिल्ली सरकार गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए खाद्य राशन सामग्री उपलब्ध करवा रही है. लोगों की खाद्य राशन वितरण की दुकान पर लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं, जिसके लिए लोग घंटों तक अपने राशन मिलने का इंतजार करते हैं.
अब लॉकडाउन की समस्या को देखते हुए सरकार सभी लोगों को जिनके राशन कार्ड हैं या नहीं सभी को राशन उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है.
11लाख राशन कार्ड विचाराधीन
आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा ने ईटीवी से बात करते हुए बताया कि साल 2014 - 2020 तक करीब 6 साल की अवधि में 11लाख राशन कार्ड विचाराधीन है. इसके आवेदन के लिए लोगों ने दोबारा से भी फॉर्म भरे, लेकिन अभी तक उनके राशन कार्ड नहीं बने.
आरटीआई एक्टिविस्ट ने दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के साथ पत्र व्यवहार करते हुए कहा कि लॉकडाउन के दौरान संकट के समय में जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें राशन वितरण किया जाए ताकि लोगों को लॉकडाउन के दौरान खाने-पीने की समस्या ना हो.
दिल्ली का राशन का कोटा पूरा
केंद्र सरकार के खाद्यमंत्री राम विलास पासवान ओर दिल्ली सरकार के मंत्री मनीष सिसोदिया को भी लिखा तो जवाब में आया कि दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को जवाब दिया कि दिल्ली का राशन का कोटा 38 लाख लोगों का पूरा हो चुका है.
वहीं केंद्र सरकार कहती है कि दिल्ली सरकार पूरा राशन उठा ही नहीं रही है. इस मुद्दे को लेकर दोनों सरकारों में मतभेद है.
2013 के अधिनियम के तहत दिल्ली में 72,77,995 राशन कार्ड धारक हैं, उस समय दिल्ली की जनसंख्या डेढ़ करोड़ थी लेकिन अब दिल्ली की जनसंख्या करीब ढाई करोड़ हो चुकी है जिसके लिए राशन कार्ड धारकों की संख्या भी दोगुनी की जाए ताकि लोगों को समय पर राशन कार्ड का लाभ मिलता रहे.
बुराडी में 17 हजार लोगों के नहीं बने राशन कार्ड
दिल्ली सरकार अब लोगों के राशन कार्ड भी नहीं बनवा पा रही है, वहीं अब दिल्ली की जनसंख्या 2013 के अधिनियम के अनुसार दोगुनी हो चुकी है जिसके अनुसार राशन कार्ड धारकों की संख्या कम है.
साथ ही यदि बुराड़ी विधानसभा की भी बात की जाए तो बुराड़ी विधानसभा में 17 हजार लोगों के राशन कार्ड अभी तक नहीं बने हैं. जबकि 8000 लोगों को FIFO द्वारा एक नंबर भी जारी किया हुआ है.
आरटीआई एक्टिविस्ट ने आरोप लगाया कि जितने राशन कार्ड साल 2014 से 2020 के कार्यकाल में आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान विचाराधीन हैं. इससे पहले कभी भी किसी पिछली सरकार में इतने राशन कार्ड विचाराधीन नहीं रखे गए.
ऐसे में सरकार गरीब लोगों की लाइफ लाइन को पूरा करें ताकि इन लोगों को समय पर राशन कार्ड से मिलने वाली सुविधाएं मिलती रहे.