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US regulators shut down Silicon Valley Bank : अमेरिकी नियामकों ने सिलिकॉन वैली बैंक को बंद कर दिया

तकनीकी स्टार्टअप को लोन देने के लिए मशहूर एसवीबी फाइनेंसियल ग्रुप के संकट ने पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में शुक्रवार को हलचल मचा दी और बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में गिरावट आ गई.

US regulators shut down Silicon Valley Bank
प्रतिकात्मक तस्वीर
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Published : Mar 11, 2023, 7:52 AM IST

Updated : Mar 11, 2023, 8:05 AM IST

नई दिल्ली : अमेरिकी नियामकों ने संभावित बैंकिंग संकट को देखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है. अमेरिका की टॉप 16 बैंकों में शामिल सिलिकॉन वैली बैंक को बंद कर दिया गया है. इस घोषणा के बाद दुनिया भर के शेयर बाजारों में बैंकिंग शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई. गौरतलब है कि सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) स्टार्टअप खासतौर से तकनीकि स्टार्टअप्स में पैसा लगाने के लिए जाना जाता है. अमेरिकी नियमकों ने बैंक को बंद करने का फैसला तब लिया है जब अमेरिका के कैलिफोर्निया में वित्तिय संकट की आहट नजर आने लगी थी.

US regulators shut down Silicon Valley Bank
वॉल स्ट्रीट जर्नल से साभार.

अमेरिकी नियामक का कहना है कि बैंक में जमाकर्ताओं के पैसे को सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने एसवीबी के कारोबार को बंद करने का फैसला लिया है. अमेरिकी नियमक ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह जमाकर्ताओं के पैसे वापस करने के लिए बैंक की 210 अरब डॉलर की संपत्ती को बेचने की योजना बना रही है. संपत्ती बेचने का काम नियामक ने यूएस फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एफडीआईसी) को सौंपा है. जो बैंकों में निवेस का बीमा करती है. इसे इस बैंक का रिसीवर नियुक्त किया गया है.

पढ़ें : Railway Ministry Tata Steel ink Deal : अगले एक साल में 22 वंदे भारत ट्रेनों के पार्ट्स का निर्माण करेगा टाटा स्टील

एफडीआईसी ने बताया कि वह 13 तारीख को एसवीबी की सभी शाखाएं खुलेंगी. उस दिन इंश्योरड निवेशक अपने खातों का संचालन कर सकेंगे. बता दें कि शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार में एसवीबी के शेयरों में 66 प्रतिशत की गिरवट दर्ज की गई. जिसके बाद अमेरिकी नियामक ने यह कार्रवाई की. खबर लिखे जाने तक इस मामले में बैंक की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. बता दें कि, यह पहला मौका नहीं है जब अमेरिका की नियमक संस्थाओं ने किसी बैंक को बंद किया है.

पढ़ें : Tata Technologies IPO : बाजार में आ रहा है टाटा समूह का IPO, सेबी के पास पहुंचे ड्रॉफ्ट पेपर

इस तरह का अंतिम मामला 2020 में सामने आया था. 2020 में अलमेना स्टेट बैंक को नियामक संस्थाओं ने बंद कर दिया था. यह बैंक भी यूएस फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एफडीआईसी) से इंश्योरड था. एसवीबी के संकट का असर भारत में भी पड़ेगा. एसवीबी ने भारत में प्रमुख फिनटेक कंपनियों पेटीएम, नापतोल, ब्ल्यूस्टोन में काफी पूंजी लगाई है. बाजार के आंकड़े जुटाने वाली संस्था ट्रैक्सन डाटा के मुताबिक एसवीबी ने भारत में काम कर रहे कम से कम 21 कंपनियों में निवेश किया है. हालांकि, निवेश की गई राशि और बैंक की हिस्सेदारी का खुलासा अभी नहीं हुआ है.

पढ़ें : Labour Law Changed For Apple : 'एपल के लिए बदल दिया लेबर लॉ, 12-12 घंटे करना होगा काम'

जानकारी के मुताबिक, भारत में एसवीबी का सबसे बड़ा निवेश एसएएएस-यूनिकॉर्न आईसर्टिस में है. इस स्टार्टअप में बैंक ने 150 मिलियन डॉलर की पूंजी निवेश किया था. इसके अलावा ब्ल्यूस्टोन, पेटीएम, वन97 कम्युनिकेशन्स, पेटीएम मॉल, नापतोल, कारवाले, शादी, इनमोबि और लॉयल्टी रिवार्ड्ज में भी इस बैंक ने निवेश किया है.

पढ़ें : Share Market : कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच सेंसेक्स, निफ्टी में एक फीसदी की गिरावट

नई दिल्ली : अमेरिकी नियामकों ने संभावित बैंकिंग संकट को देखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है. अमेरिका की टॉप 16 बैंकों में शामिल सिलिकॉन वैली बैंक को बंद कर दिया गया है. इस घोषणा के बाद दुनिया भर के शेयर बाजारों में बैंकिंग शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई. गौरतलब है कि सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) स्टार्टअप खासतौर से तकनीकि स्टार्टअप्स में पैसा लगाने के लिए जाना जाता है. अमेरिकी नियमकों ने बैंक को बंद करने का फैसला तब लिया है जब अमेरिका के कैलिफोर्निया में वित्तिय संकट की आहट नजर आने लगी थी.

US regulators shut down Silicon Valley Bank
वॉल स्ट्रीट जर्नल से साभार.

अमेरिकी नियामक का कहना है कि बैंक में जमाकर्ताओं के पैसे को सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने एसवीबी के कारोबार को बंद करने का फैसला लिया है. अमेरिकी नियमक ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह जमाकर्ताओं के पैसे वापस करने के लिए बैंक की 210 अरब डॉलर की संपत्ती को बेचने की योजना बना रही है. संपत्ती बेचने का काम नियामक ने यूएस फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एफडीआईसी) को सौंपा है. जो बैंकों में निवेस का बीमा करती है. इसे इस बैंक का रिसीवर नियुक्त किया गया है.

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एफडीआईसी ने बताया कि वह 13 तारीख को एसवीबी की सभी शाखाएं खुलेंगी. उस दिन इंश्योरड निवेशक अपने खातों का संचालन कर सकेंगे. बता दें कि शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार में एसवीबी के शेयरों में 66 प्रतिशत की गिरवट दर्ज की गई. जिसके बाद अमेरिकी नियामक ने यह कार्रवाई की. खबर लिखे जाने तक इस मामले में बैंक की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. बता दें कि, यह पहला मौका नहीं है जब अमेरिका की नियमक संस्थाओं ने किसी बैंक को बंद किया है.

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इस तरह का अंतिम मामला 2020 में सामने आया था. 2020 में अलमेना स्टेट बैंक को नियामक संस्थाओं ने बंद कर दिया था. यह बैंक भी यूएस फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एफडीआईसी) से इंश्योरड था. एसवीबी के संकट का असर भारत में भी पड़ेगा. एसवीबी ने भारत में प्रमुख फिनटेक कंपनियों पेटीएम, नापतोल, ब्ल्यूस्टोन में काफी पूंजी लगाई है. बाजार के आंकड़े जुटाने वाली संस्था ट्रैक्सन डाटा के मुताबिक एसवीबी ने भारत में काम कर रहे कम से कम 21 कंपनियों में निवेश किया है. हालांकि, निवेश की गई राशि और बैंक की हिस्सेदारी का खुलासा अभी नहीं हुआ है.

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जानकारी के मुताबिक, भारत में एसवीबी का सबसे बड़ा निवेश एसएएएस-यूनिकॉर्न आईसर्टिस में है. इस स्टार्टअप में बैंक ने 150 मिलियन डॉलर की पूंजी निवेश किया था. इसके अलावा ब्ल्यूस्टोन, पेटीएम, वन97 कम्युनिकेशन्स, पेटीएम मॉल, नापतोल, कारवाले, शादी, इनमोबि और लॉयल्टी रिवार्ड्ज में भी इस बैंक ने निवेश किया है.

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Last Updated : Mar 11, 2023, 8:05 AM IST
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