नई दिल्ली: इजरायल-हमास संघर्ष (Israel–Hamas conflict) से जुड़ी अनिश्चितताओं का निकट भविष्य में बाजार (Market) पर असर जारी रहेगा. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services) के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने ये बात कही. अमेरिकी बांड यील्ड में गिरावट और कच्चे तेल के कमजोर होने से बाजार ऊपर जा सकता है, लेकिन पश्चिम एशियाई संघर्ष को लेकर अनिश्चितता को देखते हुए यह टिक नहीं पाएगा. उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक स्थिति पर कुछ स्पष्टता आने तक निवेशक बाजार में सतर्क रुख अपना सकते हैं.
निकट अवधि में बाजार की एक महत्वपूर्ण विशेषता व्यापक बाजार की कमजोरी है. सोमवार को जब निफ्टी में 1.3 फीसदी की गिरावट आई, तो निफ्टी स्मॉल-कैप में 3.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. उन्होंने कहा, चूंकि मिड और स्मॉल-कैप क्षेत्र में वैल्यूएशन लार्ज-कैप की तुलना में अधिक है, इसलिए यह कमजोरी बनी रहने की संभावना है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा अब लार्ज-कैप में है, खासकर बैंकिंग प्रमुख कंपनियों में, जिन्हें काफी महत्व दिया जाता है. प्रभुदास लीलाधर की वाइस प्रेसिडेंट (तकनीकी अनुसंधान) वैशाली पारेख ने कहा कि जब निफ्टी 19,500 के महत्वपूर्ण समर्थन क्षेत्र से नीचे आ गया तो मुनाफावसूली के कारण भारी गिरावट आई.
कुल मिलाकर निवेशक सतर्क हो गए हैं. निफ्टी में 19,200 का अंक एक महत्वपूर्ण समर्थन क्षेत्र होगा. ऐसा न होने पर बिकवाली का दबाव और अधिक बढ़ सकता है और अगला प्रमुख समर्थन 18,800 के स्तर के पास बना रहेगा. पारेख ने कहा, दिन के लिए समर्थन 19,100 के स्तर पर देखा गया है जबकि प्रतिरोध 19,450 के स्तर पर देखा गया है. बुधवार को बीएसई सेंसेक्स 17 अंक गिरकर 64,544 अंक पर है. इंफोसिस में 2 फीसदी की गिरावट है.