नई दिल्ली : जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि ब्रेंट क्रूड का नया सामान्य भाव 75-80 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हो सकता है. आईईए को ओपेक प्लस द्वारा इस साल मई से साल के अंत तक स्वैच्छिक कटौती की उम्मीद है. रिपोर्ट में कहा गया है, हमारा मानना है कि ओपेक प्लस उत्पादन में कटौती से ब्रेंट क्रूड की कीमत 75-80 डॉलर प्रति बीबीएल के आसपास रहेगी, जो कि सऊदी अरब के लिए जरूरी राजकोषीय ब्रेक-ईवन क्रूड प्राइस है.
तेल की कीमत निर्धारित करने वाले कारक : ओपेक प्लस की कीमत निर्धारण करने की शक्ति पिछले 2-3 सालों में कई कारणों से मजबूत हुई है. अमेरिकी तेल उत्पादन 12.3 MMBPD पर कम होना जारी है, जबकि कोविड से पहले अपने उच्च शिखर 13.1 MMBPD था. ओपेक प्लस ने कोविड के बाद वैश्विक तेल मांग में 10 फीसदी की गिरावट की भरपाई करने के लिए कैलेंडर वर्ष 2020 की शुरुआत में उत्पादन में 10 एमएमबीपीडी की कटौती करने की मजबूत क्षमता दिखाई है.
रूस का तेल निर्यात बढ़ा : ओपेक प्लस के पास अभी भी उत्पादन में 4-5 एमएमबीपीडी की और कटौती करने की गुंजाइश है. तेल उत्पाद निर्यात में वृद्धि के कारण मार्च '23 में रूस का तेल निर्यात 0.6 एमएमबीपीडी बढ़कर 8.1 एमएमबीपीडीहो गया. मार्च'23 में रूस का तेल निर्यात 0.6 एमएमबीपीडीसे बढ़कर 8.1 एमएमबीपीडी हो गया (फरवरी'23 में 0.5 एमएमबीपीडी घटने के बाद), अप्रैल 2020 के बाद से उच्चतम, तेल उत्पाद निर्यात में वृद्धि के कारण (जो 450 केपीडीएमओएम से 3.1एमएमबीपीडी तक चढ़ गया).
इसलिए, रूस का निर्यात 1 बिलियन MOM (Month to Month) बढ़कर 12.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, लेकिन यह अभी भी 43 प्रतिशत कम है. रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस के कच्चे तेल का बड़ा हिस्सा चीन और भारत को निर्यात किया जा रहा है, जबकि इसका गैसोलीन और डीजल निर्यात अफ्रीका और लैटिन अमेरिका को किया जा रहा है.
(आईएएनएस)
पढ़ें : 130 डॉलर प्रति बैरल हुई कच्चे तेल की कीमत, महंगा होगा पेट्रोल-डीजल !