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FM Nirmala Sitharaman : आपूर्ति से जुड़ी मौसमी समस्याओं से बढ़ी महंगाई, सरकार की स्थिति पर लगातार नजर

फाइनेंस मिनिस्ट्र निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) इन दिनों कनार्टक में हैं. यहां वह संवाददाता सम्मेलन में कई मुद्दों पर बोली. उन्होंने आयातित सामानों की कीमत को काबू में रखने को लेकर अपने प्रयासों के बारे में बताया. साथ ही वह विपक्षी पार्टी पर हमलावर होती हुई भी नजर आईं. पढे़ं पूरी खबर....

FM Nirmala Sitharaman
फाइनेंस मिनिस्ट्र निर्मला सीतारमण
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Published : Apr 26, 2023, 5:24 PM IST

कनार्टक : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि आपूर्ति से जुड़ी मौसमी समस्याओं के कारण महंगाई बढ़ी है और जरूरी सामान की कीमतों में नरमी लाने के प्रयासों के साथ उसपर लगातार नजर रखी जा रही है. सीतारमण ने ईंधन और प्राकृतिक गैस के दाम में कमी लाने के प्रयासों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि देश में इनका आयात किया जाता है और कोविड और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक बाजारों में ईंधन के दाम ऊंचे हैं.

उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘प्रधानमंत्री ने नवंबर, 2021 में स्वयं ईंधन पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में कटौती का निर्देश हमें दिया था. इसके कारण दीपावली के दौरान इस बारे में घोषणा की गयी. उसके बाद जून, 2022 में फिर हमने उत्पाद शुल्क में कटौती की. इन सब कारणों से ईंधन के दाम में कुछ हद तक नरमी आई.’

महंगाई और उसे नीचे लाने के उपायों के बारे में पूछे गये सवालों के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि जब हम प्राकृतिक गैस या ईंधन के बारे में बात करते हैं तो हमें एक चीज समझने की जरूरत है. इन उत्पादों का आयात किया जाता है और खासकर कोविड महामारी और उसके बाद रूस-यूक्रेन युद्ध से कीमतें तेज हुई हैं और इसके बावजूद आयात जारी है. केंद्र के स्तर पर हमने इसके दाम में कमी लाने के लिये उत्पाद शुल्क में कटौती की है.

  • पूरे देश मे कोई भी क्षेत्र पिछड़ा न रह जाए इसीलिए अब पिछड़े जिलों की निगरानी करने के बाद Aspirational Blocks योजना के तहत ब्लॉक लेवल पर भी विभिन्न योजनाओ की निगरानी की जा रही है| (3/n)
    Smt. @nsitharaman in Kalaburagi

    — NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) April 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जरुरत अनुसार अतिरिक्त स्टॉक जारी : उन्होंने कहा कि मंत्रियों का समूह जरूरी सामान और उनकी कीमतों पर नजर रखता है. परिस्थिति के अनुसार अतिरिक्त स्टॉक जारी किया गया. जब चावल के दाम में तेजी आई, हमने बफर स्टॉक से चावल जारी किया. सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार कीमतों को नीचे लाने के लिये लगातार कदम उठा रही है. यही कारण है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत से घटकर 5.8 प्रतिशत पर आई है. मौसमी स्तर पर आपूर्ति संबंधी समस्याओं के कारण महंगाई बढ़ी है, जिसपर लगातार नजर रखी जा रही है और उसे नीचे लाने के उपाय किये जा रहे हैं.

सिद्धरमैया पर वित्त मंत्री ने किया पलटवार : वित्त मंत्री ने पार्टी की आलोचना को लेकर कांग्रेस और उसके नेता सिद्धरमैया पर पलटवार भी किया. सिद्धरमैया ने भाजपा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर उनके इस बयान के लिये निशाना साधा था कि 10 मई का विधानसभा चुनाव कर्नाटक का भविष्य नरेंद्र मोदी के हाथों में सौंपने को लेकर है. उन्होंने पूछा था कि क्या सत्तारूढ़ दल इतना दिवालिया है कि राज्य में उसे ऐसा कोई कन्नड़ नेता नहीं दिखता, जो राज्य के भविष्य को देख सके.

इस पर पलटवार करते हुए सीतारमण ने खुद ही सवाल कर दिया, बोलीं देश के प्रधानमंत्री के हाथों में राज्य सौंपे जाने में क्या गलत है? उस प्रधानमंत्री को जो पूरे देश को साथ लेकर चल रहा है और यहां तक ​​कि जिलों के विकास पर भी ध्यान दे रहा है… अगर ऐसे प्रधानमंत्री का नाम लिया जा रहा है, तो वे (कांग्रेस नेता) क्यों चिढ़ रहे हैं? उन्होंने आगे कहा कि वह शायद भूल गए हैं…. ये वही लोग हैं जो कहते थे कि सोनिया गांधी भारत के लिये सब कुछ है.

(पीटीआई- भाषा)

पढे़ं : Crypto Regulation : वैश्विक सहमति के बिना क्रिप्टो के विनियमन का कोई फायदा नहीं होगा : सीतारमण

कनार्टक : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि आपूर्ति से जुड़ी मौसमी समस्याओं के कारण महंगाई बढ़ी है और जरूरी सामान की कीमतों में नरमी लाने के प्रयासों के साथ उसपर लगातार नजर रखी जा रही है. सीतारमण ने ईंधन और प्राकृतिक गैस के दाम में कमी लाने के प्रयासों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि देश में इनका आयात किया जाता है और कोविड और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक बाजारों में ईंधन के दाम ऊंचे हैं.

उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘प्रधानमंत्री ने नवंबर, 2021 में स्वयं ईंधन पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में कटौती का निर्देश हमें दिया था. इसके कारण दीपावली के दौरान इस बारे में घोषणा की गयी. उसके बाद जून, 2022 में फिर हमने उत्पाद शुल्क में कटौती की. इन सब कारणों से ईंधन के दाम में कुछ हद तक नरमी आई.’

महंगाई और उसे नीचे लाने के उपायों के बारे में पूछे गये सवालों के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि जब हम प्राकृतिक गैस या ईंधन के बारे में बात करते हैं तो हमें एक चीज समझने की जरूरत है. इन उत्पादों का आयात किया जाता है और खासकर कोविड महामारी और उसके बाद रूस-यूक्रेन युद्ध से कीमतें तेज हुई हैं और इसके बावजूद आयात जारी है. केंद्र के स्तर पर हमने इसके दाम में कमी लाने के लिये उत्पाद शुल्क में कटौती की है.

  • पूरे देश मे कोई भी क्षेत्र पिछड़ा न रह जाए इसीलिए अब पिछड़े जिलों की निगरानी करने के बाद Aspirational Blocks योजना के तहत ब्लॉक लेवल पर भी विभिन्न योजनाओ की निगरानी की जा रही है| (3/n)
    Smt. @nsitharaman in Kalaburagi

    — NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) April 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जरुरत अनुसार अतिरिक्त स्टॉक जारी : उन्होंने कहा कि मंत्रियों का समूह जरूरी सामान और उनकी कीमतों पर नजर रखता है. परिस्थिति के अनुसार अतिरिक्त स्टॉक जारी किया गया. जब चावल के दाम में तेजी आई, हमने बफर स्टॉक से चावल जारी किया. सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार कीमतों को नीचे लाने के लिये लगातार कदम उठा रही है. यही कारण है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत से घटकर 5.8 प्रतिशत पर आई है. मौसमी स्तर पर आपूर्ति संबंधी समस्याओं के कारण महंगाई बढ़ी है, जिसपर लगातार नजर रखी जा रही है और उसे नीचे लाने के उपाय किये जा रहे हैं.

सिद्धरमैया पर वित्त मंत्री ने किया पलटवार : वित्त मंत्री ने पार्टी की आलोचना को लेकर कांग्रेस और उसके नेता सिद्धरमैया पर पलटवार भी किया. सिद्धरमैया ने भाजपा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर उनके इस बयान के लिये निशाना साधा था कि 10 मई का विधानसभा चुनाव कर्नाटक का भविष्य नरेंद्र मोदी के हाथों में सौंपने को लेकर है. उन्होंने पूछा था कि क्या सत्तारूढ़ दल इतना दिवालिया है कि राज्य में उसे ऐसा कोई कन्नड़ नेता नहीं दिखता, जो राज्य के भविष्य को देख सके.

इस पर पलटवार करते हुए सीतारमण ने खुद ही सवाल कर दिया, बोलीं देश के प्रधानमंत्री के हाथों में राज्य सौंपे जाने में क्या गलत है? उस प्रधानमंत्री को जो पूरे देश को साथ लेकर चल रहा है और यहां तक ​​कि जिलों के विकास पर भी ध्यान दे रहा है… अगर ऐसे प्रधानमंत्री का नाम लिया जा रहा है, तो वे (कांग्रेस नेता) क्यों चिढ़ रहे हैं? उन्होंने आगे कहा कि वह शायद भूल गए हैं…. ये वही लोग हैं जो कहते थे कि सोनिया गांधी भारत के लिये सब कुछ है.

(पीटीआई- भाषा)

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