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निदेशक मंडल में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए सोच में बदलाव जरूरीः अरुंधति भट्टाचार्य

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Published : Jun 29, 2023, 11:41 AM IST

एसबीआई की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने कंपनियों के निदेशक मंडल में महिलाओं की भागीदारी पर जोर दिया है. उन्होंने कामकाज की व्यवस्था में महिलाओं के लिए लचीलापन दिखाने की जरूरत बतायी है.

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मुंबई : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने कंपनियों के निदेशक मंडल में अधिक महिलाओं को शामिल करने के साथ महिला कर्मचारियों के लिए कामकाज की व्यवस्था में लचीलापन दिखाने की जरूरत बताई है. भट्टाचार्य ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि कंपनियों के निदेशक मंडल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए सोच में बदलाव, संकल्पबद्ध कदम और केंद्रीकृत दृष्टिकोण की जरूरत होगी.

उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से निदेशक मंडल में कहीं ज्यादा महिलाओं को मौजूद होना चाहिए. मुझे लगता है कि यह सोच में बदलाव के सवाल से जुड़ा हुआ मामला है. हालांकि कंपनियों के वरिष्ठ प्रबंधकीय पदों पर महिलाओं की मौजूदगी कम होने का असर निदेशक मंडल में उनके प्रतिनिधित्व पर भी पड़ता है." वर्ष 2017 में एसबीआई के चेयरपर्सन पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भट्टाचार्य ने वर्ष 2020 में क्लाउड-आधारित सेवा प्रदाता सेल्सफोर्स इंडिया के चेयरपर्सन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का दायित्व संभाला था. वह इस समय सेल्सफोर्स को मजबूती देने में लगी हुई हैं.

उन्होंने कहा कि कार्यस्थलों पर महिलाओं की संख्या बढ़ने पर ही शीर्ष स्तर पर उनका प्रतिनिधित्व बढ़ पाएगा. इसके लिए उन्होंने कंपनियों से अनुरोध किया कि वे महिलाओं को कार्यालय वापस बुलाने के मामले में लचीलापन और सहानुभूतिपूर्ण रवैया दिखाएं. उनका यह बयान इस लिहाज से अहम है कि कोविड-19 महामारी के बाद अधिकांश कंपनियों ने 'वर्क फ्रॉम होम' के बजाय अपने कर्मचारियों के लिए वापस दफ्तर आना अनिवार्य कर दिया है. इसकी वजह से कुछ क्षेत्रों में महिला कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर भी बढ़ गई है.

पढ़ें : संविधान का उल्लंघन करता है UCC, देश की विविधता के लिए खतरा : पलायम इमाम

देश की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने हाल ही में कहा कि पुरुष कर्मचारियों की तुलना में उसकी महिला कर्मचारियों की नौकरी छोड़ने की दर पिछले कुछ समय में बढ़ गई है. टीसीएस ने इसके पीछे घर से काम करने की सुविधा बंद होने की भूमिका बताई है. हालांकि, भट्टाचार्य ने महिला पेशेवरों को विपरीत हालात में भी हार न मानने की सलाह देते हुए कहा, "ऐसी स्थिति में हार मान लेना सबसे आसान तरीका है. आप ऐसा न करो, आपको कदम जमाए रखने की जरूरत है. प्रतिकूल परिस्थितियों में आपको धैर्य रखना होता है और आप इससे बाहर निकल सकती हैं."

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने कंपनियों के निदेशक मंडल में अधिक महिलाओं को शामिल करने के साथ महिला कर्मचारियों के लिए कामकाज की व्यवस्था में लचीलापन दिखाने की जरूरत बताई है. भट्टाचार्य ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि कंपनियों के निदेशक मंडल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए सोच में बदलाव, संकल्पबद्ध कदम और केंद्रीकृत दृष्टिकोण की जरूरत होगी.

उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से निदेशक मंडल में कहीं ज्यादा महिलाओं को मौजूद होना चाहिए. मुझे लगता है कि यह सोच में बदलाव के सवाल से जुड़ा हुआ मामला है. हालांकि कंपनियों के वरिष्ठ प्रबंधकीय पदों पर महिलाओं की मौजूदगी कम होने का असर निदेशक मंडल में उनके प्रतिनिधित्व पर भी पड़ता है." वर्ष 2017 में एसबीआई के चेयरपर्सन पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भट्टाचार्य ने वर्ष 2020 में क्लाउड-आधारित सेवा प्रदाता सेल्सफोर्स इंडिया के चेयरपर्सन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का दायित्व संभाला था. वह इस समय सेल्सफोर्स को मजबूती देने में लगी हुई हैं.

उन्होंने कहा कि कार्यस्थलों पर महिलाओं की संख्या बढ़ने पर ही शीर्ष स्तर पर उनका प्रतिनिधित्व बढ़ पाएगा. इसके लिए उन्होंने कंपनियों से अनुरोध किया कि वे महिलाओं को कार्यालय वापस बुलाने के मामले में लचीलापन और सहानुभूतिपूर्ण रवैया दिखाएं. उनका यह बयान इस लिहाज से अहम है कि कोविड-19 महामारी के बाद अधिकांश कंपनियों ने 'वर्क फ्रॉम होम' के बजाय अपने कर्मचारियों के लिए वापस दफ्तर आना अनिवार्य कर दिया है. इसकी वजह से कुछ क्षेत्रों में महिला कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर भी बढ़ गई है.

पढ़ें : संविधान का उल्लंघन करता है UCC, देश की विविधता के लिए खतरा : पलायम इमाम

देश की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने हाल ही में कहा कि पुरुष कर्मचारियों की तुलना में उसकी महिला कर्मचारियों की नौकरी छोड़ने की दर पिछले कुछ समय में बढ़ गई है. टीसीएस ने इसके पीछे घर से काम करने की सुविधा बंद होने की भूमिका बताई है. हालांकि, भट्टाचार्य ने महिला पेशेवरों को विपरीत हालात में भी हार न मानने की सलाह देते हुए कहा, "ऐसी स्थिति में हार मान लेना सबसे आसान तरीका है. आप ऐसा न करो, आपको कदम जमाए रखने की जरूरत है. प्रतिकूल परिस्थितियों में आपको धैर्य रखना होता है और आप इससे बाहर निकल सकती हैं."

(पीटीआई-भाषा)

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