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GOOGLE AI THREAT : गूगल को AI से खतरा विज्ञापन से आय को लेकर ही नहीं, बादशाहत पर भी

गूगल को एआई से खतरा महज विज्ञापन से आय को लेकर ही नहीं बल्कि बादशाहत पर भी है. शेफिल्ड विश्वविद्यालय के सूचना विशेषज्ञ एंडी टैटरसाल के मुताबिक हाल में प्रौद्योगिकी में आए बदलाव ने गूगल जैसे किरादारों के लिए अनिश्चिता पैदा की है (GOOGLE AI THREAT).

GOOGLE AI THREAT
गूगल को एआई से खतरा
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Published : Feb 18, 2023, 6:34 PM IST

लंदन : गूगल की सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली वेबसाइट के तौर पर बादशाहत निर्विवाद है और यह वर्ष 2000 के शुरुआत से ही शीर्ष सर्च इंजन बना हुआ है. हालांकि, वह नई कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) चैटबोट्स जैसे लोगों के सवालों का ऑनलाइन जवाब देने वाली चैटजीपीटी के आने के बाद उसके सामने अपनी बादशाहत खोने का खतरा उत्पन्न हो गया है (GOOGLE AI THREAT).

शेफिल्ड विश्वविद्यालय के सूचना विशेषज्ञ एंडी टैटरसाल के मुताबिक गूगल अपना एआई उत्पाद विकसित कर इसका मुकाबला कर रहा है लेकिन चैटबॉट, बर्द ने बहुत शानदार शुरुआत नहीं की. इस महीने गूगल के विज्ञापन ने दिखाया कि बर्द ने जेम्स वेब अंतरिक्ष दूरबीन के बारे में गलत जानकारी दी.

उनके मुताबिक वेबसाइट की दुनिया में सबसे लोकप्रिय होने के साथ प्रतिष्ठा भी है और खासतौर पर अतुलनीय विज्ञापन राजस्व प्राप्त करती है. लेकिन हाल में प्रौद्योगिकी में आए बदलाव ने गूगल जैसे किरादारों के लिए अनिश्चिता पैदा की है.

एंडी टैटरसाल के मुताबिक विज्ञापन राजस्व जिसने गूगल की सफलता में सबसे अधिक मदद की अब उतनी सशक्त नहीं रही. अगर एआई चैटबॉट जैसे चैटजीपीटी विज्ञापन राजस्व पर कब्जा करने लगे तो यह गूगल की विज्ञापन के मामले में शीर्ष सर्च इंजन के ओहदे को हिला सकती है.

एंडी टैटरसाल के मुताबिक गूगल पर निर्भर रहने वाले लोग अकसर सवाल नहीं करते और ऐसा होता है कि वह गूगल के पहले सर्च पन्ने से आगे नहीं जाते लेकिन एआई के नए मंच के उदय से सामने आया है कि जैसे की है किसी विषय को खोजते हैं वह कुछ वेबसाइटों की लिंक तक सीमित नहीं है. इसके बजाय चैटबॉट उसे दिखाती भी है और वार्तालाप के स्वरूप में यह कार्य कर सकती है.

ऐसी एआई बिना विवाद के नहीं रह सकती. चिंताएं जताई गई हैं कि इससे साहित्य चोरी हो सकती है या इससे भी अधिक नौकरियां जा सकती है और वकील, पत्रकार जैसे पेशेवरों की आय घट सकती है.

ओपनएसआई के मुख्य कार्यकारी जिन्होंने चैटजीपीटी विकसित किया है ने कहा कि कंपनी टूल विकसित कर रही है जिससे एआई द्वारा उत्पन्न लेख की पहचान की जा सकेगी. वीडियो साक्षात्कार में उन्होंने कहा, 'हम शिक्षकों से सुनते हैं कि जो होमवर्क पर इसके असर को लेकर बहुत ही आशंकित हैं. हम शिक्षकों से यह भी सुनते हैं कि वाह यह प्रत्येक बच्चे के लिए अविश्वसनीय तरीके से व्यक्तिगत ट्यूटर है.'

पढ़ें- Google Layoff 2023 : गूगल इंडिया ने 400 से अधिक कर्मचारियों दिया झटका! Linkedin पर मिल रहे ऐसे पोस्ट

(पीटीआई-भाषा)

लंदन : गूगल की सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली वेबसाइट के तौर पर बादशाहत निर्विवाद है और यह वर्ष 2000 के शुरुआत से ही शीर्ष सर्च इंजन बना हुआ है. हालांकि, वह नई कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) चैटबोट्स जैसे लोगों के सवालों का ऑनलाइन जवाब देने वाली चैटजीपीटी के आने के बाद उसके सामने अपनी बादशाहत खोने का खतरा उत्पन्न हो गया है (GOOGLE AI THREAT).

शेफिल्ड विश्वविद्यालय के सूचना विशेषज्ञ एंडी टैटरसाल के मुताबिक गूगल अपना एआई उत्पाद विकसित कर इसका मुकाबला कर रहा है लेकिन चैटबॉट, बर्द ने बहुत शानदार शुरुआत नहीं की. इस महीने गूगल के विज्ञापन ने दिखाया कि बर्द ने जेम्स वेब अंतरिक्ष दूरबीन के बारे में गलत जानकारी दी.

उनके मुताबिक वेबसाइट की दुनिया में सबसे लोकप्रिय होने के साथ प्रतिष्ठा भी है और खासतौर पर अतुलनीय विज्ञापन राजस्व प्राप्त करती है. लेकिन हाल में प्रौद्योगिकी में आए बदलाव ने गूगल जैसे किरादारों के लिए अनिश्चिता पैदा की है.

एंडी टैटरसाल के मुताबिक विज्ञापन राजस्व जिसने गूगल की सफलता में सबसे अधिक मदद की अब उतनी सशक्त नहीं रही. अगर एआई चैटबॉट जैसे चैटजीपीटी विज्ञापन राजस्व पर कब्जा करने लगे तो यह गूगल की विज्ञापन के मामले में शीर्ष सर्च इंजन के ओहदे को हिला सकती है.

एंडी टैटरसाल के मुताबिक गूगल पर निर्भर रहने वाले लोग अकसर सवाल नहीं करते और ऐसा होता है कि वह गूगल के पहले सर्च पन्ने से आगे नहीं जाते लेकिन एआई के नए मंच के उदय से सामने आया है कि जैसे की है किसी विषय को खोजते हैं वह कुछ वेबसाइटों की लिंक तक सीमित नहीं है. इसके बजाय चैटबॉट उसे दिखाती भी है और वार्तालाप के स्वरूप में यह कार्य कर सकती है.

ऐसी एआई बिना विवाद के नहीं रह सकती. चिंताएं जताई गई हैं कि इससे साहित्य चोरी हो सकती है या इससे भी अधिक नौकरियां जा सकती है और वकील, पत्रकार जैसे पेशेवरों की आय घट सकती है.

ओपनएसआई के मुख्य कार्यकारी जिन्होंने चैटजीपीटी विकसित किया है ने कहा कि कंपनी टूल विकसित कर रही है जिससे एआई द्वारा उत्पन्न लेख की पहचान की जा सकेगी. वीडियो साक्षात्कार में उन्होंने कहा, 'हम शिक्षकों से सुनते हैं कि जो होमवर्क पर इसके असर को लेकर बहुत ही आशंकित हैं. हम शिक्षकों से यह भी सुनते हैं कि वाह यह प्रत्येक बच्चे के लिए अविश्वसनीय तरीके से व्यक्तिगत ट्यूटर है.'

पढ़ें- Google Layoff 2023 : गूगल इंडिया ने 400 से अधिक कर्मचारियों दिया झटका! Linkedin पर मिल रहे ऐसे पोस्ट

(पीटीआई-भाषा)

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