नई दिल्ली: अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड की ओर से खबर आई है. अडानी पोर्ट्स अपने 2024 के ब्रांड में से 195 मिलियन डॉलर वापस खरीदेगा. इसके पीछे का कारण है कि बिजनेसमैन गौतम अडाणी अपने ऊपर लगाए गए आरोपों से निकलना चाहते है. अप्रैल के बाद से नोटों में काफी उछाल देखने को मिला है, लगभग 3.375 फीसदी का बढ़ोतरी हुई है. इस खबर के बाद से कंपनी 11 अक्टूबर तक दिए गए कर्ज के लिए प्रत्येक 1000 डॉलर के मूलधन के लिए 975 डॉलर का भुगतान करेगी.
इसके बाद ऑफर मूल्य गिरकर 965 डॉलर हो गया. वहीं, अडाणी पोर्ट्स ने बताया है कि वे अपने नकदी भंडार से खरीद का वित्तपोषण करेगी. साथ ही कहा कि संबंधित बांड का मूलधन 520 मिलियन डॉलर बकाया है. अडानी पोर्ट्स 2024 के 2.3 हजार करोड़ के बांड को वापस खरीदने का फैसला लिया है. बता दें कि Hindenburg report आने के बाद से अडाणी ग्रुप लगातार अपने निवेशकों का भरोसा जीतने की कोशिश कर रहा है. Hindenburg report में आरोप लगाया गया था कि Adani Group के शेयरों और ब्रांड में बिकवाली हुई है.
मार्केट पर घोषणा का असर
इसके बाद Adani Group के अधिकारियों ने इस आरोपी को सीधे तौर पर खारिज किया था. अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग जैसी ही एक और रिपोर्ट सामने आई थी. इस रिपोर्ट को ओसीसीआरपी ने जारी की थी. OCCRP की फंडिंग जॉर्ज सोरोस करते हैं. इस रिपोर्ट के बाद अडाणी ग्रुप की कंपनियों में शेयर के भाव काफी नीचे आ गए थे. अक्सर अडाणी ग्रुप की घोषणा से मार्केट पर असर पड़ता है. उनकी घोषणा बाजार के रुझान को बदल देती है. ब्याज दरें तेजी से बढ़ने के बाद कंपनियां के कर्ज की पुनर्खरीद ( Repurchasing ) कर रही है. कम कूपन वाले बांड को लंबे समय तक रखने का मतलब है कि उन्हें इसके बदले कोई नया मंहगा कर्ज नहीं लेना पड़ेगा.