नई दिल्ली: सरकारी कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) और अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता लिमिटेड को ताजी नीलामी में नौ-नौ तेल एवं गैस खंड मिलने वाले हैं. इनके अलावा रिलांयस इंडस्ट्रीज और इसके ब्रिटिश भागीदार बीपी पीएलसी के हिस्से में वह एक खंड बना रहने वाला है जिसमें वे गैस होने की खेज पहले कर चुके है. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है.
हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय द्वारा अयोजित ताजा नीलामी में 32 तेल एवं गैस खंडों के लिये बोलियां मिली थीं. सूत्रों ने कहा कि इन बोलियों का मूल्यांकन कर लिया गया है. मूल्यांकन के हिसाब से ओएनजीसी और वेदांता नौ-नौ खंडों में सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी बनकर उभरी हैं जबकि सरकारी कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड के हिस्से में 12 खंड जाते दिख रहे हैं.
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रिलायंस और बीपी की संयुक्त बोली ने बंगाल की खाड़ी में स्थित कृष्णा गोदावरी बेसिन के एक खंड के लिये ओएनजीसी को पछाड़ दिया है. सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति की मंजूरी मिलने के बाद नीलामी में जीतने वालों की घोषणा की जाएगी.
इन खंडों के लिये बोली लगाने की समयसीमा 15 मई को समाप्त हो गयी. सूत्रों ने कहा कि रिलायंस और बीपी ने लंबे समय बाद पहली बार संयुक्त तौर पर नीलामी में भाग लिया है. इससे पहले दोनों ने लाइसेंस की पुरानी नीति के तहत 2008 में संयुक्त बोली लगायी थी.
सूत्रों ने बताया कि नीलामी के इस दौर में ओएनजीसी ने 20 खंडों तथा ऑयल इंडिया ने 16 खंडों के लिये बोली लगायी थीं. इनके अलावा वेदांता ने 30 खंडों और इंडियन ऑयल, गेल तथा सुनपेत्रो ने दो-दो खंडों के लिये बोलियां लगायीं थी.
ऑयल इंडिया को 12, ओएनजीसी - वेदांता को नौ-नौ, रिलायंस-बीपी को एक गैस खंड मिल सकते हैं: सूत्र
हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय द्वारा अयोजित ताजा नीलामी में 32 तेल एवं गैस खंडों के लिये बोलियां मिली थीं. सूत्रों ने कहा कि इन बोलियों का मूल्यांकन कर लिया गया है. मूल्यांकन के हिसाब से ओएनजीसी और वेदांता नौ-नौ खंडों में सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी बनकर उभरी हैं.
नई दिल्ली: सरकारी कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) और अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता लिमिटेड को ताजी नीलामी में नौ-नौ तेल एवं गैस खंड मिलने वाले हैं. इनके अलावा रिलांयस इंडस्ट्रीज और इसके ब्रिटिश भागीदार बीपी पीएलसी के हिस्से में वह एक खंड बना रहने वाला है जिसमें वे गैस होने की खेज पहले कर चुके है. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है.
हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय द्वारा अयोजित ताजा नीलामी में 32 तेल एवं गैस खंडों के लिये बोलियां मिली थीं. सूत्रों ने कहा कि इन बोलियों का मूल्यांकन कर लिया गया है. मूल्यांकन के हिसाब से ओएनजीसी और वेदांता नौ-नौ खंडों में सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी बनकर उभरी हैं जबकि सरकारी कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड के हिस्से में 12 खंड जाते दिख रहे हैं.
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रिलायंस और बीपी की संयुक्त बोली ने बंगाल की खाड़ी में स्थित कृष्णा गोदावरी बेसिन के एक खंड के लिये ओएनजीसी को पछाड़ दिया है. सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति की मंजूरी मिलने के बाद नीलामी में जीतने वालों की घोषणा की जाएगी.
इन खंडों के लिये बोली लगाने की समयसीमा 15 मई को समाप्त हो गयी. सूत्रों ने कहा कि रिलायंस और बीपी ने लंबे समय बाद पहली बार संयुक्त तौर पर नीलामी में भाग लिया है. इससे पहले दोनों ने लाइसेंस की पुरानी नीति के तहत 2008 में संयुक्त बोली लगायी थी.
सूत्रों ने बताया कि नीलामी के इस दौर में ओएनजीसी ने 20 खंडों तथा ऑयल इंडिया ने 16 खंडों के लिये बोली लगायी थीं. इनके अलावा वेदांता ने 30 खंडों और इंडियन ऑयल, गेल तथा सुनपेत्रो ने दो-दो खंडों के लिये बोलियां लगायीं थी.
ऑयल इंडिया को 12, ओएनजीसी - वेदांता को नौ-नौ, रिलायंस-बीपी को एक गैस खंड मिल सकते हैं: सूत्र
नई दिल्ली: सरकारी कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) और अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता लिमिटेड को ताजी नीलामी में नौ-नौ तेल एवं गैस खंड मिलने वाले हैं. इनके अलावा रिलांयस इंडस्ट्रीज और इसके ब्रिटिश भागीदार बीपी पीएलसी के हिस्से में वह एक खंड बना रहने वाला है जिसमें वे गैस होने की खेज पहले कर चुके है. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है.
हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय द्वारा अयोजित ताजा नीलामी में 32 तेल एवं गैस खंडों के लिये बोलियां मिली थीं. सूत्रों ने कहा कि इन बोलियों का मूल्यांकन कर लिया गया है. मूल्यांकन के हिसाब से ओएनजीसी और वेदांता नौ-नौ खंडों में सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी बनकर उभरी हैं जबकि सरकारी कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड के हिस्से में 12 खंड जाते दिख रहे हैं.
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रिलायंस और बीपी की संयुक्त बोली ने बंगाल की खाड़ी में स्थित कृष्णा गोदावरी बेसिन के एक खंड के लिये ओएनजीसी को पछाड़ दिया है. सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति की मंजूरी मिलने के बाद नीलामी में जीतने वालों की घोषणा की जाएगी.
इन खंडों के लिये बोली लगाने की समयसीमा 15 मई को समाप्त हो गयी. सूत्रों ने कहा कि रिलायंस और बीपी ने लंबे समय बाद पहली बार संयुक्त तौर पर नीलामी में भाग लिया है. इससे पहले दोनों ने लाइसेंस की पुरानी नीति के तहत 2008 में संयुक्त बोली लगायी थी.
सूत्रों ने बताया कि नीलामी के इस दौर में ओएनजीसी ने 20 खंडों तथा ऑयल इंडिया ने 16 खंडों के लिये बोली लगायी थीं. इनके अलावा वेदांता ने 30 खंडों और इंडियन ऑयल, गेल तथा सुनपेत्रो ने दो-दो खंडों के लिये बोलियां लगायीं थी.
Conclusion: