नई दिल्ली: कर माफी एवं विवाद समाधान योजना सबका विश्वास के तहत पात्र करदाताओं में से 87.5 प्रतिशत ने ही अब तक इसका लाभ उठाया है. लाभ उठाने में वालों में ज्यादातर छोटे करदाता हैं जबकि बड़े करदाताओं ने अभी तक इससे दूरी बना रखी है. योजना की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 15 जनवरी किया गया है.
सूत्रों ने बताया कि योजना की शर्तों के तहत पात्र करदाताओं में बड़े करदाताओं की संख्या 12.5 प्रतिशत है. इनसे संबंधित मामलों में 1.7 लाख करोड़ रुपये का कर मुकदमेबाजी में फंसा हुआ है लेकिन ऐसे करदाताओं ने योजना के तहत कोई घोषणा नहीं की है.
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सूत्रों ने बताया कि सरकार अब इस योजना को और आगे नहीं बढ़ाएगी. योजना एक सितंबर, 2019 को शुरू हुई थी. अब तक 1.84 लाख पात्र करदाताओं में से 87.5 प्रतिशत यानी 1,61,214 ने इस योजना का लाभ उठाते हुये घोषणा की है.
योजना के नियमों के तहत विभिन्न प्रकार की राहत और छूट पाने के बाद इन करदाताओं ने 79,968 करोड़ रुपये के कर बकाये की घोषणा की है.
वहीं 23,000 यानी 12.5 प्रतिशत करदाताओं ने इस योजना के तहत कोई घोषणा नहीं की है. ज्यादातर छोटे करदाताओं ने योजना का लाभ लिया है.
सूत्रों ने बताया कि योजना का लाभ नहीं लेने वालों में ज्यादातर बड़े करदाता शामिल हैं. इस तरह के 7,100 मामलों में 1.7 लाख करोड़ रुपये मुकदमेबाजी में फंसे हैं.
सूत्रों ने बताया कि कर अधिकारी करदाताओं से 15 जनवरी तक योजना का लाभ लेने को कह रहे हैं क्योंकि इस योजना को और आगे नहीं बढ़ाया जाएगा.