नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत और ट्रंप प्रशासन के बीच व्यापार मुद्दों पर काफी गंभीर बातचीत हुई थी. साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि बाइडेन प्रशासन के साथ भी इन मसलों पर गंभीर चर्चा होगी.
विदेश मंत्री ने कहा कि अभी तक हुई बातचीत के दौरान किसी बड़ी सहमति तक पहुंचने से पहले मतभेदों को दूर करने पर जोर दिया गया. जयशंकर ने उद्योग संगठन फिक्की के वार्षिक अधिवेशन में कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मोटेतौर पर एक पूरक की तरह है और दोनों पक्षों के बीच कोई भी बुनियादी टकराव नहीं है, हालांकि कुछ क्षेत्रों में अड़चनें हैं.
विदेश मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार और ट्रंप प्रशासन के बीच व्यापार मुद्दों को हल करने पर काफी गंभीर बातचीत हुई. मुझे लगता है कि दोनों पक्षों की आम सोच थी- चलो कुछ बड़ा करने से पहले मतभेदों से निपटें. विदेश मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित व्यापार समझौते को लेकर काफी चर्चाएं हुई हैं.
विदेश मंत्री ने कहा कि कई कारणों से वे इसे पूरा नहीं कर सके. मैं आपको अपनी तरफ से बता सकता हूं कि हम गंभीर थे. हम उन मुद्दों का समाधान चाहते थे, क्योंकि हमें लगा कि हमारे रिश्तों में कुछ बहुत बड़ा होने वाला है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
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उन्होंने कहा कि इस तरह की चर्चाओं में दिक्कत यह है कि यदि आप समझौते को अंजाम तक नहीं पहुंचाते, तो यह समझौता ही नहीं है. उन्होंने कहा कि हमने एक बहुत ही गंभीर प्रयास किया, हालांकि यह इस साल पूरा नहीं हो सका. मुझे विश्वास है कि बुनियादी रूप से अमेरिका एक पूरक अर्थव्यवस्था है.
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि एक बार फिर (बाइडेन) प्रशासन में हम गंभीर चर्चा करेंगे. मुझे पता है कि हमारे मंत्री इस पर बहुत ध्यान दे रहे हैं और उनके एजेंडे में यह बेहद महत्वपूर्ण है.