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साल 2021 तक भारतीय ई-वाणिज्य बाजार 84 अरब डॉलर होने की उम्मीद

डेलॉइट इंडिया और रिटेल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने मंगलवार को जारी एक रपट में कहा कि तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और जनांकिक समृद्धता के चलते देश में उपभोक्ता कारोबार का माहौल बेहतर है.

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Published : Feb 26, 2019, 11:38 PM IST

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नई दिल्ली: देश में ई-वाणिज्य क्षेत्र का विस्तार तेजी से हो रहा है. 2021 तक इसका आकार 84 अरब डॉलर होने की उम्मीद है. वर्ष 2017 में यह 24 अरब डॉलर रहा था. डेलॉइट इंडिया और रिटेल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने मंगलवार को जारी एक रपट में कहा कि तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और जनांकिक समृद्धता के चलते देश में उपभोक्ता कारोबार का माहौल बेहतर है.

रपट के अनुसार यह कारक देश में खुदरा बाजार की वृद्धि के लिए ईंधन का काम करेगा. यह भारत को एशिया में तीसरा और दुनिया में चौथा सबसे बड़ा खुदरा बाजार बनाने में मदद करेगा.

ये भी पढ़ें-दिसंबर 2018 तक 16 महीने में 2 करोड़ रोजगार पैदा हुए: सीएसओ रिपोर्ट


भारत में खुदरा बाजार के 2021 तक बढ़कर 1,200 अरब डॉलर होने की संभावना है जो 2017 में 795 अरब डॉलर था. रपट के अनुसार, "देश में इंटरनेट की पहुंच बढ़ी है और बहुत सी अंतरराष्ट्रीय खुदरा कंपनियों ने भारत में अपना परिचालन शुरू किया है. 2017 में देश के खुदरा बाजार में संगठित खुदरा बाजार की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत थी. 2021 तक इसके 22-25 प्रतिशत होने की उम्मीद है.

रपट में कहा गया है कि 2021 तक देश में ई-वाणिज्य क्षेत्र का आकार बढ़कर 84 अरब डॉलर हो जाएगा जो 2017 में 24 अरब डॉलर था. यह सभी जानकारी 'अनरैवलिंग द इंडियन कंज्यूमर' रपट में दी गई है. डेलॉइट इंडिया में सहायक अनिल तलरेजा ने कहा कि जहां तक भारतीय बाजार की क्षमता की बात है यह मजबूत बनी रहेगी और यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बनने की राह पर है. 2021 तक इसके 1,200 अरब डॉलर का हो जाने की उम्मीद है.

(भाषा)

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नई दिल्ली: देश में ई-वाणिज्य क्षेत्र का विस्तार तेजी से हो रहा है. 2021 तक इसका आकार 84 अरब डॉलर होने की उम्मीद है. वर्ष 2017 में यह 24 अरब डॉलर रहा था. डेलॉइट इंडिया और रिटेल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने मंगलवार को जारी एक रपट में कहा कि तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और जनांकिक समृद्धता के चलते देश में उपभोक्ता कारोबार का माहौल बेहतर है.

रपट के अनुसार यह कारक देश में खुदरा बाजार की वृद्धि के लिए ईंधन का काम करेगा. यह भारत को एशिया में तीसरा और दुनिया में चौथा सबसे बड़ा खुदरा बाजार बनाने में मदद करेगा.

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भारत में खुदरा बाजार के 2021 तक बढ़कर 1,200 अरब डॉलर होने की संभावना है जो 2017 में 795 अरब डॉलर था. रपट के अनुसार, "देश में इंटरनेट की पहुंच बढ़ी है और बहुत सी अंतरराष्ट्रीय खुदरा कंपनियों ने भारत में अपना परिचालन शुरू किया है. 2017 में देश के खुदरा बाजार में संगठित खुदरा बाजार की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत थी. 2021 तक इसके 22-25 प्रतिशत होने की उम्मीद है.

रपट में कहा गया है कि 2021 तक देश में ई-वाणिज्य क्षेत्र का आकार बढ़कर 84 अरब डॉलर हो जाएगा जो 2017 में 24 अरब डॉलर था. यह सभी जानकारी 'अनरैवलिंग द इंडियन कंज्यूमर' रपट में दी गई है. डेलॉइट इंडिया में सहायक अनिल तलरेजा ने कहा कि जहां तक भारतीय बाजार की क्षमता की बात है यह मजबूत बनी रहेगी और यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बनने की राह पर है. 2021 तक इसके 1,200 अरब डॉलर का हो जाने की उम्मीद है.

(भाषा)

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साल 2021 तक भारतीय ई-वाणिज्य बाजार 84 अरब डॉलर होने की उम्मीद

नई दिल्ली: देश में ई-वाणिज्य क्षेत्र का विस्तार तेजी से हो रहा है. 2021 तक इसका आकार 84 अरब डॉलर होने की उम्मीद है. वर्ष 2017 में यह 24 अरब डॉलर रहा था. डेलॉइट इंडिया और रिटेल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने मंगलवार को जारी एक रपट में कहा कि तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और जनांकिक समृद्धता के चलते देश में उपभोक्ता कारोबार का माहौल बेहतर है. 

रपट के अनुसार यह कारक देश में खुदरा बाजार की वृद्धि के लिए ईंधन का काम करेगा. यह भारत को एशिया में तीसरा और दुनिया में चौथा सबसे बड़ा खुदरा बाजार बनाने में मदद करेगा. 

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भारत में खुदरा बाजार के 2021 तक बढ़कर 1,200 अरब डॉलर होने की संभावना है जो 2017 में 795 अरब डॉलर था. रपट के अनुसार, "देश में इंटरनेट की पहुंच बढ़ी है और बहुत सी अंतरराष्ट्रीय खुदरा कंपनियों ने भारत में अपना परिचालन शुरू किया है. 2017 में देश के खुदरा बाजार में संगठित खुदरा बाजार की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत थी. 2021 तक इसके 22-25 प्रतिशत होने की उम्मीद है. 

रपट में कहा गया है कि 2021 तक देश में ई-वाणिज्य क्षेत्र का आकार बढ़कर 84 अरब डॉलर हो जाएगा जो 2017 में 24 अरब डॉलर था. यह सभी जानकारी 'अनरैवलिंग द इंडियन कंज्यूमर' रपट में दी गई है. डेलॉइट इंडिया में सहायक अनिल तलरेजा ने कहा कि जहां तक भारतीय बाजार की क्षमता की बात है यह मजबूत बनी रहेगी और यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बनने की राह पर है. 2021 तक इसके 1,200 अरब डॉलर का हो जाने की उम्मीद है.

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