ETV Bharat / business

कंपनी कानून के प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने को किये गंभीर प्रयास: सीतारमण

वित्त मंत्री ने यहां नानी पालखीवाला स्मारक व्याख्यान में रविवार शाम को कहा कि वह टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन की टिप्पणी से प्रभावित हैं. चंद्रशेखरन ने कहा था कि सरकार को अपने लोगों और नागरिकों पर भरोसा करना चाहिए.

business news, finance ministry, nirmala sitharaman, कारोबार न्यूज, वित्त मंत्रालय, निर्मला सीतारमण
कंपनी कानून के प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने को किये गंभीर प्रयास: सीतारमण
author img

By

Published : Jan 20, 2020, 10:13 PM IST

Updated : Feb 17, 2020, 7:17 PM IST

चेन्नई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने देश को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में कई कदम उठाये हैं और इनमें कंपनी कानून के अनेक प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के लिये किये गये अथक प्रयास भी शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इस तरह का कानून नहीं चाहती है जो हर कारोबारी घराने या कारोबारी को संदेह की नजर से देखे.

कंपनी कानून को डिक्रिमिनलाइज करने के लिए पुरजोर प्रयास जरूरी: वित्त मंत्री
कंपनी कानून के प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने को किये गंभीर प्रयास: सीतारमण

वित्त मंत्री ने यहां नानी पालखीवाला स्मारक व्याख्यान में रविवार शाम को कहा कि वह टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन की टिप्पणी से प्रभावित हैं. चंद्रशेखरन ने कहा था कि सरकार को अपने लोगों और नागरिकों पर भरोसा करना चाहिए.

सीतारमण ने कहा, "मेरा पहला और गंभीर प्रयास कंपनी कानून और उससे जुड़े कानूनों के विभिन्न प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से हटाना है, जो आज तक जारी है। यह वह अहम बिंदु है जिस पर प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) बात करते रहते हैं."

वित्त मंत्री ने कहा कि कंपनी कानून में कई सारी धाराओं में जेल की सजा का प्रावधान है.

ये भी पढ़ें: मुद्राकोष ने वैश्विक वृद्धि अनुमान घटाया, भारत की वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान

उन्होंने कहा, "मैंने गहन जांच परख के बाद इस मामले में कदम उठाया. कुछ मामलों में कंपनी कानून के तहत प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से हटाने का काफी प्रभाव पड़ेगा."

सीतारमण ने प्रकाश डालते हुए कहा कि "हम ऐसा कानून नहीं चाहते हैं जो कि कारोबारियों को शक की नजरों से देखे। इस सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है."

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कुछ कदम उठाने की योजना बनाई है. यह कदम उन्ही पहलों में से एक है. इससे सरकार और कंपनियों के बीच विश्वास बढ़ेगा.

चेन्नई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने देश को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में कई कदम उठाये हैं और इनमें कंपनी कानून के अनेक प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के लिये किये गये अथक प्रयास भी शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इस तरह का कानून नहीं चाहती है जो हर कारोबारी घराने या कारोबारी को संदेह की नजर से देखे.

कंपनी कानून को डिक्रिमिनलाइज करने के लिए पुरजोर प्रयास जरूरी: वित्त मंत्री
कंपनी कानून के प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने को किये गंभीर प्रयास: सीतारमण

वित्त मंत्री ने यहां नानी पालखीवाला स्मारक व्याख्यान में रविवार शाम को कहा कि वह टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन की टिप्पणी से प्रभावित हैं. चंद्रशेखरन ने कहा था कि सरकार को अपने लोगों और नागरिकों पर भरोसा करना चाहिए.

सीतारमण ने कहा, "मेरा पहला और गंभीर प्रयास कंपनी कानून और उससे जुड़े कानूनों के विभिन्न प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से हटाना है, जो आज तक जारी है। यह वह अहम बिंदु है जिस पर प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) बात करते रहते हैं."

वित्त मंत्री ने कहा कि कंपनी कानून में कई सारी धाराओं में जेल की सजा का प्रावधान है.

ये भी पढ़ें: मुद्राकोष ने वैश्विक वृद्धि अनुमान घटाया, भारत की वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान

उन्होंने कहा, "मैंने गहन जांच परख के बाद इस मामले में कदम उठाया. कुछ मामलों में कंपनी कानून के तहत प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से हटाने का काफी प्रभाव पड़ेगा."

सीतारमण ने प्रकाश डालते हुए कहा कि "हम ऐसा कानून नहीं चाहते हैं जो कि कारोबारियों को शक की नजरों से देखे। इस सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है."

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कुछ कदम उठाने की योजना बनाई है. यह कदम उन्ही पहलों में से एक है. इससे सरकार और कंपनियों के बीच विश्वास बढ़ेगा.

Intro:Body:

चेन्नई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार का सबसे बड़ा प्रयास कंपनी कानून या संबंधित कार्यों के साथ हर उस चीज को हटाना है, जो कि 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर इकोनॉमी की दिशा में पहल के हिस्से के सामने आएगा.

उन्होंने कहा कि सरकार ऐसा कानून नहीं चाहती जो हर कारोबारी के घर को शक की निगाह से देखे.

रविवार शाम नानी पालखीवाला मेमोरियल व्याख्यान देते हुए, सीतारमण ने कहा कि वह टाटा संस लिमिटेड के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन द्वारा की गई टिप्पणियों से प्रभावित थीं जिन्होंने कहा था कि सरकार को लोगों और अपने नागरिकों पर भरोसा करना चाहिए.

उन्होंने कहा, "मेरा पहला प्रयास और जो आज भी जारी है, कंपनी कानून या संबंधित कानूनों के साथ सब कुछ करने के लिए निर्णायक है. जिसके बारे में प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) बहुत बात करते हैं."

सीतारमण ने कंपनी कानून में कहा, आपराधिक दृष्टिकोण और यहां तक ​​कि जेल की शर्तों के दंड के लिए कई खंड हैं.

"मैं इसके साथ एक दांत कंघी के माध्यम से चला गया था. कंपनियों के कानून को वैध बनाना सरकार का कोई अन्य कार्य सुनिश्चित करना चाहे वह आयकर हो या आपका पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) इस तरह का प्रभाव होगा.

हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि इस पहलू पर ध्यान दिया जाएगा.

विस्तृत रूप से, उसने कहा कि "हम ऐसा कानून नहीं चाहते हैं जो हर कारोबारी के घर पर संदेह के साथ पेश आए. यह इस सरकार की मंशा नहीं है."

उन्होंने कहा कि यह सरकार द्वारा देश को 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था में ले जाने की दिशा में उठाए गए कदमों में से एक है, जो सरकार और व्यवसायों के बीच विश्वास सुनिश्चित करता है.

इससे पहले, दर्शकों के एक सदस्य की ओर से पूछे गए एक प्रश्न के अनुसार, सरकार बैंकों में पैसा लगा रही थी, जिनके पास गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां थीं, उन्होंने कहा कि बैंकों को एक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण कार्य करने की आवश्यकता होती है.

सीतारमण ने कहा कि एक बार एनपीए लगभग 10 लाख करोड़ रुपये था.

"यह घटकर 8 लाख करोड़ रुपये हो गया है, यह अब और नीचे आ गया है..जब हम एनपीए के बारे में बात कर रहे हैं और जब बैंकों को पैसा दिया जाता है, तो ऐसा नहीं है कि बैंकों को उस पैसे को लेने की जरूरत है और इससे खुश हैं."


Conclusion:
Last Updated : Feb 17, 2020, 7:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.