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सरकारी बैंकों ने दो महीने में विभिन्न क्षेत्रों के लिये 6 लाख करोड़ रुपये के कर्ज मंजूर किये - निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को ट्वीट किया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) ने एक मार्च से आठ मई 2020 के दौरान एमएसएमई, खुदरा, कृषि और कॉरपोरेट क्षेत्र के 46.74 लाख खाताधारकों को 5.85 लाख करोड़ रुपये कर्ज देने को मंजूरी दी. जबकि इस दौरान एनबीएफसी को 1.18 लाख करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये.

सरकारी बैंकों ने दो महीने में विभिन्न क्षेत्रों के लिये 6 लाख करोड़ रुपये के कर्ज मंजूर किये
सरकारी बैंकों ने दो महीने में विभिन्न क्षेत्रों के लिये 6 लाख करोड़ रुपये के कर्ज मंजूर किये
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Published : May 12, 2020, 5:16 PM IST

नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये जारी 'लॉकडाउन' (बंद) की वजह से प्रभावित एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), खुदरा, कृषि और कॉरपोरेट समेत विभिन्न क्षेत्रों के लिये पिछले दो महीने के दौरान 5.95 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी दी. वहीं, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को इन बैंकों से एक मार्च से लेकर आठ मई तक 1.18 लाख करोड़ रुपये का वित्तपोषण किया गया.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को ट्वीट किया, "सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) ने एक मार्च से आठ मई 2020 के दौरान एमएसएमई, खुदरा, कृषि और कॉरपोरेट क्षेत्र के 46.74 लाख खाताधारकों को 5.85 लाख करोड़ रुपये कर्ज देने को मंजूरी दी. जबकि इस दौरान एनबीएफसी को 1.18 लाख करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये."

देश में 25 मार्च से '7लॉकडाउन' शुरू होने के साथ पीएसबी ने कार्यशील पूंजी सीमा के आधार पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण सुविधा शुरू की. इसके तहत अधिकतम सीमा 200 करोड़ रुपये तय की गयी.

ये भी पढ़ें: ट्रंप ने चीन के साथ व्यापार समझौते पर फिर बातचीत से इनकार किया

एक अन्य ट्वीट में सीतारमण ने कहा, "20 मार्च से आठ मई के दौरान पीएसबी ने आपात ऋण सुविधा और बढ़ायी गयी कार्यशील पूंजी सीमा के लिये पात्र कर्जदारों में से 97 प्रतिशत से संपर्क किया और उन्हें 65,879 करोड़ रुपये के कर्ज दिये गये."

केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये सबसे पहले 25 मार्च से 21 दिन के देशव्यापी बंद की घोषणा की. उसके बाद 15 अप्रैल से तीन मई तक दूसरे चरण का लॉकडाउन लगाया गया. तीसरे चरण में चार मई से लॉकडाउन को कुछ छूट के साथ बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया गया.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये जारी 'लॉकडाउन' (बंद) की वजह से प्रभावित एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), खुदरा, कृषि और कॉरपोरेट समेत विभिन्न क्षेत्रों के लिये पिछले दो महीने के दौरान 5.95 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी दी. वहीं, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को इन बैंकों से एक मार्च से लेकर आठ मई तक 1.18 लाख करोड़ रुपये का वित्तपोषण किया गया.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को ट्वीट किया, "सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) ने एक मार्च से आठ मई 2020 के दौरान एमएसएमई, खुदरा, कृषि और कॉरपोरेट क्षेत्र के 46.74 लाख खाताधारकों को 5.85 लाख करोड़ रुपये कर्ज देने को मंजूरी दी. जबकि इस दौरान एनबीएफसी को 1.18 लाख करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये."

देश में 25 मार्च से '7लॉकडाउन' शुरू होने के साथ पीएसबी ने कार्यशील पूंजी सीमा के आधार पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण सुविधा शुरू की. इसके तहत अधिकतम सीमा 200 करोड़ रुपये तय की गयी.

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एक अन्य ट्वीट में सीतारमण ने कहा, "20 मार्च से आठ मई के दौरान पीएसबी ने आपात ऋण सुविधा और बढ़ायी गयी कार्यशील पूंजी सीमा के लिये पात्र कर्जदारों में से 97 प्रतिशत से संपर्क किया और उन्हें 65,879 करोड़ रुपये के कर्ज दिये गये."

केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये सबसे पहले 25 मार्च से 21 दिन के देशव्यापी बंद की घोषणा की. उसके बाद 15 अप्रैल से तीन मई तक दूसरे चरण का लॉकडाउन लगाया गया. तीसरे चरण में चार मई से लॉकडाउन को कुछ छूट के साथ बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया गया.

(पीटीआई-भाषा)

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