नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न संकट तथा देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच शुक्रवार को विमानन और बिजली क्षेत्र के प्रदर्शन की समीक्षा की. समीक्षा में इन दोनों क्षेत्रों की दक्षता बढ़ाने तथा लागत कम करने पर ध्यान दिया गया.
मोदी ने बिजली क्षेत्र की समीक्षा करते हुए अर्थव्यवस्था में इसके महत्व को रेखांकित किया. निजी निवेश आकर्षित करने के लिये अनुबंधों के प्रभावी क्रियान्वयन की जरूरत पर भी चर्चा की गयी.
विमानन क्षेत्र की समीक्षा बैठक में भारतीय हवाई क्षेत्र का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने का फैसला किया गया है ताकि यात्रियों के लिये उड़ान का समय कम हो और विमानन कंपनियों की लागत में भी कमी आये.
प्रधानमंत्री द्वारा भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र को और दक्ष बनाने में मदद कर सकने वाली रणनीतियों की समीक्षा करने के लिये आयोजित एक व्यापक बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह सैन्य मामलों के विभाग के साथ करीबी सहयोग के साथ किया जायेगा.
बयान में कहा गया, "अधिक राजस्व के साथ-साथ हवाई अड्डों पर अधिक दक्षता लाने के लिये, नागरिक उड्डयन मंत्रालय को तीन महीने के भीतर निविदा प्रक्रिया शुरू करके पीपीपी आधार पर छह और हवाई अड्डों को सौंपने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिये कहा गया."
इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी तथा अन्य लोग शामिल हुए. बैठक में ई-डीजीसीए परियोजना की समीक्षा भी की गयी, जिसका उद्देश्य डीजीसीए के कार्यालय में अधिक पारदर्शिता लाना और विभिन्न लाइसेंस व अनुमति के लिये लगने वाले समय को कम कर सभी हितधारकों की मदद करना है.
बयान में कहा गया, "यह भी निर्णय लिया गया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय और इसके तहत आने वाले संगठनों की सभी सुधार पहलें समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ें."
प्रधानमंत्री मोदी ने बाद में ट्विट किया कि बैठक में विमानन क्षेत्र से संबंधित पहलुओं की समीक्षा की गयी.
उन्होंने लिखा, "इनमें हवाईअड्डों को अधिक दक्ष बनाना तथा विमानन क्षेत्र को नयी प्रौद्योगिकियों से लैस करना शामिल रहा."
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नागरिक उड्डयन क्षेत्र को कोरोनो वायरस महामारी की बड़ी मार झेलनी पड़ रही है. इसके कारण दुनिया भर की सरकारों को लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने तथा उड़ानों को बंद करने पर मजबूर होना पड़ा है. मोदी ने बिजली क्षेत्र की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से कहा कि वे सभी उपभोक्ताओं को बिजली की लगातार आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में काम करें.
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक उन्होंने बिजली क्षेत्र और कोविड-19 के उस पर असर के बारे में आयोजित एक बैठक में विभिन्न दीर्घकालिक सुधारों पर भी चर्चा की. इन सुधारों में क्षेत्र की स्थिरता, लचीलापन और कार्यकुशलता बढ़ाने के उपाय शामिल हैं. बाद में प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने बिजली क्षेत्र में आगे सुधारों पर चर्चा की.
उन्होंने कहा, "स्थिरता, लचीलापन और कार्यकुशलता बढ़ाने पर ध्यान है."
मोदी ने अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में बिजली क्षेत्र के महत्व को रेखांकित किया. बैठक में निजी निवेश को आकर्षित करने के उपायों पर भी चर्चा हुई.
बयान के मुताबिक, बैठक के दौरान वितरण कंपनियों की स्थिति में सुधार के उपायों पर भी चर्चा की गयी. इन उपायों में दरों को तर्कसंगत बनाने और समय से सब्सिडी जारी करने के साथ ही कामकाज में सुधार शामिल है. इस दौरान कामकाज को सुगम बनाने, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने, कोयले की आपूर्ति में लचीलापन लाने, सार्वजनिक-निजी भागीदारी की भूमिका और बिजली क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने के उपायों पर भी विचार किया गया.
(पीटीआई-भाषा)