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अमित शाह का दावा- 2024 से पहले भारत बनेगा 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था

गृह मंत्री ने मंगलवार को ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "मैं आपकी समस्याओं, आशंकाओं को समझता हूं. जाहिर तौर पर कुछ अनिश्चितता हो सकती है लेकिन यह एक संवेदनशील और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार है."

मोदी सरकार संवेदनशील; उद्योगों की चिंता की है जानकारी: शाह
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Published : Sep 17, 2019, 6:51 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 11:28 PM IST

नई दिल्ली: उद्योग जगत की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार संवेदनशील है और वह कारोबारियों को हो रही दिक्कतों पर गौर कर रही है. इसमें सुधारों से जुड़ी पहल से होने वाली समस्या को भी देखा जा रहा है.

शाह ने उद्योगों की कुछ समस्याओं के लिए वैश्विक आर्थिक सुस्ती को भी जिम्मेदार ठहराया है.

गृह मंत्री ने मंगलवार को ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "मैं आपकी समस्याओं, आशंकाओं को समझता हूं. जाहिर तौर पर कुछ अनिश्चितता हो सकती है लेकिन यह एक संवेदनशील और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार है."

मोदी सरकार संवेदनशील; उद्योगों की चिंता की है जानकारी: शाह

ये भी पढ़ें- रिजर्व बैंक ने बीबीपीएस के जरिये बार-बार किए जाने वाले सभी बिलों के भुगतान की अनुमति दी

उन्होंने कहा कि भारत बहुत तेजी से 5 ट्रिलियन की अर्थ व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने भारत 2024 से पहले ही 5 ट्रिलियन अर्थ व्यवस्था बन जाएगा. उन्होंने कहा कि जिस देश के पास सबसे अधिक युवा हैं वो देश किसी भी स्थिति में पीछे नहीं रह सकता.

शाह ने सरकार की ओर से उठाए गए सुधारवादी कदमों पर कहा कि शुरुआती चरण में कुछ दिक्कतें हो सकती हैं लेकिन ये दिक्कतें जल्द दूर हो जाएंगी. उन्होंने उद्योगों से इन दिक्कतों का सामना करने के लिए कहा है क्योंकि ये सुधार सभी के लिए अच्छे होंगे.

उन्होंने कहा, "जीएसटी में शुरुआत में कुछ जटिलताएं थीं. लेकिन आप मुझे बताइये कि कौन से बड़े फैसले में शुरुआत में समस्याएं नहीं आती हैं. हम कई बार एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का जीएसटी संग्रह कर चुके हैं. कुछ और सुधारवादी कदम उठाने की जरूरत हो सकती है."

उन्होंने कहा, "आपको शुरुआत में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन अंत में सुधार बड़े पैमाने पर फायदेमंद साबित होंगे."

शाह ने कहा कि सरकार बिना पक्षपात के नियम और कानून लागू कर रही है.

उन्होंने कहा, "आपको आशंका हो सकती है कि इतनी सारी पूछताछ लेकिन नियम- कानून लाना होगा."

शाह ने कहा कि सरकार औद्योगिक गतिविधियों में तेजी लाना चाहती है और स्टार्टअप कंपनियों को उचित मंच देने समेत सभी सहायता देने की कोशिश कर रही है.

गृह मंत्री ने कहा, "हम आपकी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ वैश्विक आर्थिक सुस्ती भी है." उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कृषि क्षेत्र के साथ उद्योग दोनों के कल्याण के लिए काम कर रही है.

उन्होंने आईएएमए समेत अन्य उद्योग संगठनों से यह सुझाव देने के लिए कहा है कि सरकार उद्योगों के लिए क्या कर सकती है.

शाह ने कहा कि मोदी सरकार को नौकरशाह नहीं चलाते हैं बल्कि राजनीतिक प्रतिनिधि (जनता के चुने हुए लोग) चलाते हैं. उन्होंने कहा, "राजनीतिक नेतृत्व नीतिगत फैसले लेता है और अधिकारी उनका कार्यान्वयन करते हैं."

नई दिल्ली: उद्योग जगत की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार संवेदनशील है और वह कारोबारियों को हो रही दिक्कतों पर गौर कर रही है. इसमें सुधारों से जुड़ी पहल से होने वाली समस्या को भी देखा जा रहा है.

शाह ने उद्योगों की कुछ समस्याओं के लिए वैश्विक आर्थिक सुस्ती को भी जिम्मेदार ठहराया है.

गृह मंत्री ने मंगलवार को ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "मैं आपकी समस्याओं, आशंकाओं को समझता हूं. जाहिर तौर पर कुछ अनिश्चितता हो सकती है लेकिन यह एक संवेदनशील और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार है."

मोदी सरकार संवेदनशील; उद्योगों की चिंता की है जानकारी: शाह

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उन्होंने कहा कि भारत बहुत तेजी से 5 ट्रिलियन की अर्थ व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने भारत 2024 से पहले ही 5 ट्रिलियन अर्थ व्यवस्था बन जाएगा. उन्होंने कहा कि जिस देश के पास सबसे अधिक युवा हैं वो देश किसी भी स्थिति में पीछे नहीं रह सकता.

शाह ने सरकार की ओर से उठाए गए सुधारवादी कदमों पर कहा कि शुरुआती चरण में कुछ दिक्कतें हो सकती हैं लेकिन ये दिक्कतें जल्द दूर हो जाएंगी. उन्होंने उद्योगों से इन दिक्कतों का सामना करने के लिए कहा है क्योंकि ये सुधार सभी के लिए अच्छे होंगे.

उन्होंने कहा, "जीएसटी में शुरुआत में कुछ जटिलताएं थीं. लेकिन आप मुझे बताइये कि कौन से बड़े फैसले में शुरुआत में समस्याएं नहीं आती हैं. हम कई बार एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का जीएसटी संग्रह कर चुके हैं. कुछ और सुधारवादी कदम उठाने की जरूरत हो सकती है."

उन्होंने कहा, "आपको शुरुआत में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन अंत में सुधार बड़े पैमाने पर फायदेमंद साबित होंगे."

शाह ने कहा कि सरकार बिना पक्षपात के नियम और कानून लागू कर रही है.

उन्होंने कहा, "आपको आशंका हो सकती है कि इतनी सारी पूछताछ लेकिन नियम- कानून लाना होगा."

शाह ने कहा कि सरकार औद्योगिक गतिविधियों में तेजी लाना चाहती है और स्टार्टअप कंपनियों को उचित मंच देने समेत सभी सहायता देने की कोशिश कर रही है.

गृह मंत्री ने कहा, "हम आपकी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ वैश्विक आर्थिक सुस्ती भी है." उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कृषि क्षेत्र के साथ उद्योग दोनों के कल्याण के लिए काम कर रही है.

उन्होंने आईएएमए समेत अन्य उद्योग संगठनों से यह सुझाव देने के लिए कहा है कि सरकार उद्योगों के लिए क्या कर सकती है.

शाह ने कहा कि मोदी सरकार को नौकरशाह नहीं चलाते हैं बल्कि राजनीतिक प्रतिनिधि (जनता के चुने हुए लोग) चलाते हैं. उन्होंने कहा, "राजनीतिक नेतृत्व नीतिगत फैसले लेता है और अधिकारी उनका कार्यान्वयन करते हैं."

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मोदी सरकार संवेदनशील; उद्योगों की चिंता की है जानकारी: शाह

नई दिल्ली: उद्योग जगत की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार संवेदनशील है और वह कारोबारियों को हो रही दिक्कतों पर गौर कर रही है. इसमें सुधारों से जुड़ी पहल से होने वाली समस्या को भी देखा जा रहा है.

शाह ने उद्योगों की कुछ समस्याओं के लिए वैश्विक आर्थिक सुस्ती को भी जिम्मेदार ठहराया है.

गृह मंत्री ने मंगलवार को ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "मैं आपकी समस्याओं, आशंकाओं को समझता हूं. जाहिर तौर पर कुछ अनिश्चितता हो सकती है लेकिन यह एक संवेदनशील और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार है."

शाह ने सरकार की ओर से उठाए गए सुधारवादी कदमों पर कहा कि शुरुआती चरण में कुछ दिक्कतें हो सकती हैं लेकिन ये दिक्कतें जल्द दूर हो जाएंगी. उन्होंने उद्योगों से इन दिक्कतों का सामना करने के लिए कहा है क्योंकि ये सुधार सभी के लिए अच्छे होंगे.

उन्होंने कहा, "जीएसटी में शुरुआत में कुछ जटिलताएं थीं. लेकिन आप मुझे बताइये कि कौन से बड़े फैसले में शुरुआत में समस्याएं नहीं आती हैं. हम कई बार एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का जीएसटी संग्रह कर चुके हैं. कुछ और सुधारवादी कदम उठाने की जरूरत हो सकती है."

उन्होंने कहा, "आपको शुरुआत में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन अंत में सुधार बड़े पैमाने पर फायदेमंद साबित होंगे."

शाह ने कहा कि सरकार बिना पक्षपात के नियम और कानून लागू कर रही है.

उन्होंने कहा, "आपको आशंका हो सकती है कि इतनी सारी पूछताछ लेकिन नियम- कानून लाना होगा."

शाह ने कहा कि सरकार औद्योगिक गतिविधियों में तेजी लाना चाहती है और स्टार्टअप कंपनियों को उचित मंच देने समेत सभी सहायता देने की कोशिश कर रही है.

गृह मंत्री ने कहा, "हम आपकी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं ... लेकिन दूसरी तरफ वैश्विक आर्थिक सुस्ती भी है." उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कृषि क्षेत्र के साथ उद्योग दोनों के कल्याण के लिए काम कर रही है.

उन्होंने आईएएमए समेत अन्य उद्योग संगठनों से यह सुझाव देने के लिए कहा है कि सरकार उद्योगों के लिए क्या कर सकती है.

शाह ने कहा कि मोदी सरकार को नौकरशाह नहीं चलाते हैं बल्कि राजनीतिक प्रतिनिधि (जनता के चुने हुए लोग) चलाते हैं. उन्होंने कहा, "राजनीतिक नेतृत्व नीतिगत फैसले लेता है और अधिकारी उनका कार्यान्वयन करते हैं."


Conclusion:
Last Updated : Sep 30, 2019, 11:28 PM IST
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