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आभूषण कारोबार में मंदी, जा सकती हैं नौकरियां: जीजेसी - Jewelry Business

अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद ने सोमवार को यह बात कही कि, आभूषण उद्योग मंदी के दौर से गुजर रहा है. इससे कुशल कारीगरों के समक्ष रोजगार का संकट पैदा हो सकता है.

आभूषण कारोबार में मंदी, जा सकती हैं नौकरियां: जीजेसी
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Published : Sep 10, 2019, 12:35 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 2:52 AM IST

कोलकाता: आभूषण उद्योग मंदी के दौर से गुजर रहा है. इससे कुशल कारीगरों के समक्ष रोजगार का संकट पैदा हो सकता है. अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद ने सोमवार को यह बात कही.

परिषद ने इसके साथ ही आयातित सोने पर सीमा शुल्क की दरें कम करने और आभूषणों पर जीएसटी की दर घटाने की मांग की है.

आम बजट 2019-20 में आयातित सोने पर सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत किया गया था. वहीं आभूषण पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर तीन प्रतिशत तय की गई है. पूर्ववर्ती मूल्य वर्धित कर (वैट) प्रणाली में यह एक प्रतिशत थी.

ये भी पढ़ें- मुहर्रम के मौके पर भारतीय शेयर बाजार बंद

परिषद के वाइस चेयरमैन शंकर सेन ने कहा, "कमजोर मांग से आभूषण उद्योग मंदी के दौर से गुजर रहा है. इससे हजारों कुशल कारीगरों का रोजगार छिनने का अंदेशा पैदा हो गया है."

उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क में वृद्धि तथा जीएसटी की मौजूदा दर से उपभोक्ता धारणा प्रभावित हो रही है क्योंकि इससे आभूषणों की कीमतों में इजाफा हुआ है.

सेन ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हमारी मांग है कि सीमा शुल्क की दर को 12.5 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत किया जाए. जीएसटी की दर को भी एक प्रतिशत पर लाया जाए."

उन्होंने कहा कि ऊंचे सीमा शुल्क की वजह से सोने की तस्करी भी बढ़ी है.

कोलकाता: आभूषण उद्योग मंदी के दौर से गुजर रहा है. इससे कुशल कारीगरों के समक्ष रोजगार का संकट पैदा हो सकता है. अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद ने सोमवार को यह बात कही.

परिषद ने इसके साथ ही आयातित सोने पर सीमा शुल्क की दरें कम करने और आभूषणों पर जीएसटी की दर घटाने की मांग की है.

आम बजट 2019-20 में आयातित सोने पर सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत किया गया था. वहीं आभूषण पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर तीन प्रतिशत तय की गई है. पूर्ववर्ती मूल्य वर्धित कर (वैट) प्रणाली में यह एक प्रतिशत थी.

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परिषद के वाइस चेयरमैन शंकर सेन ने कहा, "कमजोर मांग से आभूषण उद्योग मंदी के दौर से गुजर रहा है. इससे हजारों कुशल कारीगरों का रोजगार छिनने का अंदेशा पैदा हो गया है."

उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क में वृद्धि तथा जीएसटी की मौजूदा दर से उपभोक्ता धारणा प्रभावित हो रही है क्योंकि इससे आभूषणों की कीमतों में इजाफा हुआ है.

सेन ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हमारी मांग है कि सीमा शुल्क की दर को 12.5 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत किया जाए. जीएसटी की दर को भी एक प्रतिशत पर लाया जाए."

उन्होंने कहा कि ऊंचे सीमा शुल्क की वजह से सोने की तस्करी भी बढ़ी है.

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आभूषण कारोबार में मंदी, जा सकती हैं नौकरियां: जीजेसी

कोलकाता: आभूषण उद्योग मंदी के दौर से गुजर रहा है. इससे कुशल कारीगरों के समक्ष रोजगार का संकट पैदा हो सकता है. अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद ने सोमवार को यह बात कही.

परिषद ने इसके साथ ही आयातित सोने पर सीमा शुल्क की दरें कम करने और आभूषणों पर जीएसटी की दर घटाने की मांग की है.

आम बजट 2019-20 में आयातित सोने पर सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत किया गया था. वहीं आभूषण पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर तीन प्रतिशत तय की गई है. पूर्ववर्ती मूल्य वर्धित कर (वैट) प्रणाली में यह एक प्रतिशत थी.

परिषद के वाइस चेयरमैन शंकर सेन ने कहा, "कमजोर मांग से आभूषण उद्योग मंदी के दौर से गुजर रहा है. इससे हजारों कुशल कारीगरों का रोजगार छिनने का अंदेशा पैदा हो गया है."

उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क में वृद्धि तथा जीएसटी की मौजूदा दर से उपभोक्ता धारणा प्रभावित हो रही है क्योंकि इससे आभूषणों की कीमतों में इजाफा हुआ है.

सेन ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हमारी मांग है कि सीमा शुल्क की दर को 12.5 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत किया जाए. जीएसटी की दर को भी एक प्रतिशत पर लाया जाए."

उन्होंने कहा कि ऊंचे सीमा शुल्क की वजह से सोने की तस्करी भी बढ़ी है.


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Last Updated : Sep 30, 2019, 2:52 AM IST
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