नई दिल्ली: देश में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों की वृद्धि दर मई महीने में एक साल के निचले स्तर पर आ गयी. यह गिरावट मई महीने के दौरान लोकसभा चुनाव के कारण नये कार्यों की वृद्धि प्रभावित होने से आयी है. बुधवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है.
निक्केई इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी का सूचकांक मई महीने में गिरकर 50.20 पर आ गया. यह पिछले 12 महीने में वृद्धि की सबसे धीमी दर है. अप्रैल महीने में यह 51 पर रहा था. हालांकि सेवा गतिविधियों की वृद्धि सुस्त पड़ने के बाद भी यह लगातार 12वां महीना है जब सेवा क्षेत्र में विस्तार हुआ है.
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सूचकांक का 50 से ऊपर रहना विस्तार का संकेत देता है जबकि 50 से नीचे का सूचकांक संकुचन का संकेतक है.
आईएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री एवं रिपोर्ट की लेखिका पॉलिएना डी लीमा ने कहा, "भारत का प्रधान सेवा क्षेत्र फिर से चुनाव के कारण प्रभावित हुआ है और लगातार तीसरे महीने नये कार्यों एवं कारोबारी गतिविधियों दोनों में नरमी आयी है."
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि गिरावट तात्कालिक भी साबित हो सकती है क्योंकि कंपनियों ने नियुक्तियां बढ़ा दी हैं और वे भविष्य के परिदृश्य के प्रति अधिक भरोसे में हैं.
लीमा ने कहा, "नियुक्ति गतिविधियों में तेजी तथा धारणा में सुधार से निकट भविष्य में सेवा क्षेत्र का रुख पलटने के संकेत मिलते हैं. कंपनियों में उपभोक्ताओं के बेहतर खर्च एवं निवेश से मुद्रास्फीति के दबाव के अनुपस्थित रहने के भी संकेत मिलते हैं."
इस बीच मई महीने में निक्केई इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट सूचकांक 51.70 पर बना हुआ है. कंपोजिट सूचकांक में विनिर्माण और सेवा क्षेत्र दोनों की गतिविधियां शामिल होती हैं.
लीमा ने कहा, "आज जारी परिणाम से साथ सोमवार को जारी विनिर्माण के सूचकांक को देखें तो पता चलता है कि कुल मिलाकर निजी क्षेत्र अच्छी स्थिति में बना हुआ है."
उन्होंने कहा कि नयी सरकार का गठन हो चुका है और पॉलिसी एजेंडा पुन: शुरू हो चुका है, ऐसे में 2019 के उत्तरार्द्ध में सुधार की संभावना है. यह सूचकांक ऐसे समय में आया है जब एक दिन बाद बृहस्पतिवार को रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के परिणाम की घोषणा करने वाला है.