नई दिल्ली: देश का ई-वाणिज्य कारोबार संचयी रूप से सालाना 27 प्रतिशत की दर से बढ़कर 2024 तक 99 अरब डॉलर का हो जाने का अनुमान है.
अमेरिका की बहुराष्ट्रीय वित्तीय सेवा और परामर्श कंपनी गोल्डमैन सैक्श ने यह अनुमान जताते हुए यह भी कहा कि फेसबुक के साथ गठजोड़ के जरिये रिलायंस इंडस्ट्रीज ऑनलाइन किराना बाजार के आधे हिस्से पर कब्जा जमा सकती है.
गोल्डमैन सैक्श ने एक रिपोर्ट में कहा कि कोविड-19 संकट के कारण वैश्विक स्तर पर ई-वाणिज्य कंपनियों की पैठ दोगुनी हुई है. इसमें उपभोक्ता डिब्बाबंद वस्तुओं जैसे क्षेत्रों में वृद्धि सर्वाधिक हुई है. वृद्धि इतनी तेज रही कि जो पैठ तीन साल में होनी थी, वह तीन महीने में ही हो गयी.
रिपोर्ट के अनुसार, "भारत में ई-वाणिज्य कंपनियों का आकार 2019-20 से 27 प्रतिशत संचयी दर से वृद्धि के जरिये 2024 तक 99 अरब डॉलर का हो जाएगा. वृद्धि के मामले में हमारे हिसाब से इसमें किराना और फैशन/परिधान का योगदान महत्वपूर्ण है.."
खुदरा क्षेत्र की ऑनलाइन पहुंच 2024 त 10.7 पहुंच जाने का अनुमान है जो 2019 में 4.7 प्रतिशत थी.
रिपोर्ट में कहा गया है, "हमारे विचार से निकट भविष्य में भारतीय इंटरनेट में सबसे बड़ी चीज रिलायंस इंडस्ट्रीज का ई-वाणिज्य क्षेत्र में प्रवेश है. कंपनी ने ऑनलाइन किराना के लिये व्हाट्सएप के साथ गठजोड़ किया है."
रिलांयस इंडस्ट्रीज बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी है जिसकी मौजूदगी ऊर्जा, दूरसंचार और खुदरा जैसे क्षेत्रों तक है.
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फेसबुक ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की अनुषंगी जियो प्लेटफार्म्स में 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है. जियो प्लेटफार्म्स में देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी जियो शामिल है. रिलायंस की ई-वाणिज्य उद्यम जियो मार्ट की स्थानीय किराना स्टोर और ग्राहकों को जोड़ने के लिये फेसबुक के व्हाट्सएप के उपयोग की योजना है.
गोल्डमैन सौक्श के अनुसार 2019 में बिग बास्केट और ग्रोफर्स की ऑनलाइन किराना बाजार में हिस्सेदारी 80 प्रतिशत थी.
रिपोर्ट के अनुसार ऑनलाइन किराना बाजार सालाना 50 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ रहा है लेकिन कोविड-19 के कारण ऑनलाइन किराना सामान की खरीदारी बढ़ी है. अब आरआईएल के प्रवेश से वृद्धि 2019 से 24 के दौरान 81 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है.
इसमें कहा गया है, "आरआईएल की फेसबुक के साथ भागीदारी से कंपनी ऑनलाइन खुदरा कारोबार में बाजार में अगुवा बन सकती है. उसका 2024 तक 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी होने का अनुमान है..."
गोल्डमैन सैक्श के अनुसार भारत में ई-वाणिज्य क्षेत्र में वृद्धि किराना/ दैनिक उपयोग के सामान जैसे क्षेत्रों के साथ भुगतान प्रणाली बेहतर होने तथा व्हाट्सएप के जरिये आसान खरीद व्यवस्था से होने की संभावना है.
(पीटीआई-भाषा)