मुंबई: रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया. रिजर्व बैंक ने आर्थिक समीक्षा में दिये गये आर्थिक वृद्धि के अनुमान के निचले स्तर पर अगले वित्त वर्ष की वृद्धि का अनुमान लगाया है.
रिजर्व बैंक की वित्त वर्ष 2019-20 की छठी व अंतिम मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
- रेपो दर 5.15 प्रतिशत पर बरकरार.
- 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान.
- सब्जियों व दालों के कारण सकल खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ने का अनुमान.
- आर्थिक वृद्धि दर को मदद देने के लिये मौद्रिक रुख उदार, निकट भविष्य में मुद्रास्फीति ऊंची बने रहने का अनुमान.
- जनवरी-मार्च तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति के बढ़कर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान.
- कोरोना वायरस फैलने से पर्यटकों के आगमन, वैश्विक व्यापार पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका.
- बजट में व्यक्तिगत आयकर को तार्किक बनाये जाने से घरेलू मांग को समर्थन मिलने की उम्मीद.
- छोटी बचत योजनाओं के लिये ब्याज दर में समायोजन की जरूरत पर बल.
- मझोले उपक्रमों को बैंकों द्वारा दिये जाने वाले ऋण की ब्याज दरें एक अप्रैल से बाहरी मानक दर से जोड़ दी जायेगी.
- जीएसटी में पंजीकृत एमएसएमई के कर्ज पुनर्गठन की समयसीमा को मार्च 2020 से बढ़ाकर दिसंबर 2020 किया गया.
- आवास वित्त कंपनियों के लिये जारी होंगे संशोधित दिशानिर्देश.
- रिजर्व बैंक भुगतान के डिजिटलीरण के पैमाने को जानने के लिये जुलाई 2020 से समय-समय पर डिजिटल भुगतान सूचकांक जारी करेगा.
- डिजिटल भुगतान के लिये स्व-नियमन संगठन की रूपरेखा होगी जारी.
- अखिल भारतीय चेक ट्रंकेशन प्रणाली सितंबर से हो जायेगी शुरू.
- व्यावसायिक रियल एस्टेट परियोजनाओं के प्रवर्तकों के नियंत्रण से बाहर के कारणों की वजह से वाणिज्यिक परिचालन शुरू होने में देरी के मामलों में परियोजना ऋण की शुरुआत की समयसीमा एक साल तक बढ़ाने को मंजूरी.
- कच्चा तेल की कीमतों में उथल-पुथल बने रहने का अनुमान.
- चार फरवरी 2020 तक विदेशी मुद्रा भंडार 471.4 अरब डॉलर.
- अप्रैल-नवंबर 2019 के दौरान शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश साल भर पहले के 21.2 अरब डॉलर की तुलना में बढ़कर 24.4 अरब डॉलर हुआ.
- वर्ष 2019-20 में चार फरवरी तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने किया 8.6 अरब डॉलर का शुद्ध निवेश, साल भर पहले की समान अवधि में 14.2 अरब डॉलर की शुद्ध निकासी.
- मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने नीतिगत दर यथावत रखने का लिया पक्ष.
- मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 31 मार्च, एक अप्रैल और तीन अप्रैल 2020 को होगी.
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(पीटीआई-भाषा)