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सरकार ने ऋण शोधन अक्षमता कानून में सात संशोधन को मंजूरी दी

मंत्रिमंडल ने ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला संहिता (संशोधन) विधेयक 2019 में अवरुद्ध कर्जों के समाधान में मददगार ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला संहिता (आईबीसी) में कुल सात संशोधन का प्रस्ताव है.

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Published : Jul 17, 2019, 5:39 PM IST

Updated : Jul 17, 2019, 7:46 PM IST

सरकार ने ऋण शोधन अक्षमता कानून में सात संशोधन को मंजूरी दी

नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को ऋण शोधन अक्षमता संहिता में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इस कदम का मकसद समाधान प्रक्रिया समय पर पूरी करने के साथ अधिकारों के बारे में और स्पष्टता उपलब्ध कराना है.

मंत्रिमंडल ने ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला संहिता (संशोधन) विधेयक 2019 में अवरुद्ध कर्जों के समाधान में मददगार ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला संहिता (आईबीसी) में कुल सात संशोधन का प्रस्ताव है.

आधिकारिक बयान के अनुसार आईबीसी में संशोधन का मकसद कंपनी कर्ज शोधन अक्षमता समाधान व्यवस्था की कमजोरियों को दूर करने के साथ समाधान प्रक्रिया के जरिये अधिकतम मूल्य प्राप्त करना है.

ये भी पढ़ें: मंत्रिमंडल ने कंपनी कानून में संशोधन के विधेयक को मंजूरी दी

सूत्रों के अनुसार इन बदलावों से आवेदनों को समय पर स्वीकार किये जाने तथा कंपनी ऋण शोधन समाधान प्रक्रिया का समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी. संशोधित संहिता से कंपनी पुनर्गठन योजनाओं की स्वीकार्यता पर चीजें अधिक साफ होगी.

साथ ही यह मतदाताओं के अधिकृत प्रतिनिधियों के अधिकार तथा कर्तव्य, वित्तीय तथा परिचालन के लिये कर्ज देने वालों के बीच राशि का वितरण के बारे में चीजें अधिक स्पष्ट होंगी.

विज्ञप्ति के अनुसार संशोधन से सरकार समयसीमा का कड़ाई से पालन करने के साथ साथ यह सुनिश्चित कर सकेगी कि चलता हाल कंपनी के लिए अच्छा से अच्छा पैसा मिल सके.

नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को ऋण शोधन अक्षमता संहिता में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इस कदम का मकसद समाधान प्रक्रिया समय पर पूरी करने के साथ अधिकारों के बारे में और स्पष्टता उपलब्ध कराना है.

मंत्रिमंडल ने ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला संहिता (संशोधन) विधेयक 2019 में अवरुद्ध कर्जों के समाधान में मददगार ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला संहिता (आईबीसी) में कुल सात संशोधन का प्रस्ताव है.

आधिकारिक बयान के अनुसार आईबीसी में संशोधन का मकसद कंपनी कर्ज शोधन अक्षमता समाधान व्यवस्था की कमजोरियों को दूर करने के साथ समाधान प्रक्रिया के जरिये अधिकतम मूल्य प्राप्त करना है.

ये भी पढ़ें: मंत्रिमंडल ने कंपनी कानून में संशोधन के विधेयक को मंजूरी दी

सूत्रों के अनुसार इन बदलावों से आवेदनों को समय पर स्वीकार किये जाने तथा कंपनी ऋण शोधन समाधान प्रक्रिया का समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी. संशोधित संहिता से कंपनी पुनर्गठन योजनाओं की स्वीकार्यता पर चीजें अधिक साफ होगी.

साथ ही यह मतदाताओं के अधिकृत प्रतिनिधियों के अधिकार तथा कर्तव्य, वित्तीय तथा परिचालन के लिये कर्ज देने वालों के बीच राशि का वितरण के बारे में चीजें अधिक स्पष्ट होंगी.

विज्ञप्ति के अनुसार संशोधन से सरकार समयसीमा का कड़ाई से पालन करने के साथ साथ यह सुनिश्चित कर सकेगी कि चलता हाल कंपनी के लिए अच्छा से अच्छा पैसा मिल सके.

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नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को ऋण शोधन अक्षमता संहिता में कुल सात संशोधन किए जाने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला संहिता (आईबीसी) में संशोधन का मकसद कंपनी कर्ज शोधन अक्षमता समाधान रूपरेखा में गंभीर खामी को दूर करने के साथ समाधान प्रक्रिया के जरिये अधिकतम मूल्य प्राप्त करना है.

मंत्रिमंडल ने संहिता में बदलाव को मंजूरी दे दी.

आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार संशोधन से सरकार समयसीमा का कड़ाई से पालन करने के साथ साथ यह सुनिश्चित कर सकेगी कि चलता हाल कंपनी के लिए अच्छा से अच्छा पैसा मिल सके.

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Last Updated : Jul 17, 2019, 7:46 PM IST
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