ETV Bharat / business

भारत के राजकोषीय घाटे पर फिच का अनुमान, 6.6 प्रतिशत रहने की संभावना

रेटिंग एजेंसी फिच का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत का राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.6 पर रह सकता है.

fitch photo
fitch photo
author img

By

Published : Nov 22, 2021, 8:54 PM IST

नई दिल्ली : रेटिंग एजेंसी फिच (rating agency fitch) का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में विनिवेश (disinvestment) लक्ष्य के हासिल नहीं की स्थिति में भी केंद्र सरकार उम्मीद से बेहतर राजस्व संग्रह (stronger than expected tax buoyancy) के कारण राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 6.6 प्रतिशत के स्तर पर रख सकती है.

पिछले हफ्ते ही भारत के अर्थव्यवस्था को नकारात्मक बताने के साथ उसकी रेटिंग को BBB- पर यथावत रखने वाली फिच ने कहा है कि मध्यम अवधि में भारत के वृद्धि परिदृश्य से जुड़े जोखिम कम हो रहे हैं. इसमें महामारी के बाद आर्थिक गतिविधियों के बहाल होने और वित्तीय क्षेत्र पर दबाव कम होना प्रमुख कारण है.

फिच रेटिंग्स के निदेशक (एशिया-प्रशांत) जेरमी जूक (Fitch Ratings Director Jeremy Zook) ने न्यूज एजेंसी को दिए एक साक्षात्कार में यह बात कही. उन्होंने कहा कि कर्ज बोझ कम करने के लिए मध्यम अवधि में एक विश्वसनीय राजकोषीय रणनीति अपनाना और वृहत-आर्थिक असंतुलन खड़ा किए बगैर निवेश एवं वृद्धि की तेज दर होने पर भारत के आर्थिक परिदृश्य को स्थिर किया जा सकता है.

जूक ने कहा कि हमारा पूर्वानुमान है कि केंद्र सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 6.6 प्रतिशत पर लाने में सफल रहेगी. इसके पीछे राजस्व संग्रह के उम्मीद से बेहतर रहने का योगदान रहेगा. हालांकि हमारा यह भी मानना है कि सरकार विनिवेश लक्ष्य से पीछे ही रहेगी.

वर्ष 2021-22 के आम बजट में सरकार ने राजकोषीय घाटे (जीडीपी) के 6.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया था. इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में राजकोषीय घाटे का आंकड़ा इस बजट अनुमान के 35 प्रतिशत तक पहुंच चुका था.

ये पढ़ें: भारतीय अर्थव्यवस्था इस साल 9.5, 2022 में 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी : आईएमएफ

यह पूछे जाने पर कि फिच भारत के बारे में अपने रेटिंग परिदृश्य के कब स्थिर होने की उम्मीद करता है तो जूक ने कहा नकारात्मक स्थिति में बदलाव की कोई समयसीमा नहीं होती है. आमतौर पर दो साल की अवधि में ऐसे परिदृश्य में बदलाव होता है. लेकिन उससे ज्यादा वक्त भी लग सकता है. हम भारत की सॉवरेन रेटिंग की साल में दो बार समीक्षा करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अगली समीक्षा में निवेश एवं वृद्धि के मोर्चे पर भारत की मध्यम-अवधि प्रगति को ध्यान में रखा जाएगा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : रेटिंग एजेंसी फिच (rating agency fitch) का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में विनिवेश (disinvestment) लक्ष्य के हासिल नहीं की स्थिति में भी केंद्र सरकार उम्मीद से बेहतर राजस्व संग्रह (stronger than expected tax buoyancy) के कारण राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 6.6 प्रतिशत के स्तर पर रख सकती है.

पिछले हफ्ते ही भारत के अर्थव्यवस्था को नकारात्मक बताने के साथ उसकी रेटिंग को BBB- पर यथावत रखने वाली फिच ने कहा है कि मध्यम अवधि में भारत के वृद्धि परिदृश्य से जुड़े जोखिम कम हो रहे हैं. इसमें महामारी के बाद आर्थिक गतिविधियों के बहाल होने और वित्तीय क्षेत्र पर दबाव कम होना प्रमुख कारण है.

फिच रेटिंग्स के निदेशक (एशिया-प्रशांत) जेरमी जूक (Fitch Ratings Director Jeremy Zook) ने न्यूज एजेंसी को दिए एक साक्षात्कार में यह बात कही. उन्होंने कहा कि कर्ज बोझ कम करने के लिए मध्यम अवधि में एक विश्वसनीय राजकोषीय रणनीति अपनाना और वृहत-आर्थिक असंतुलन खड़ा किए बगैर निवेश एवं वृद्धि की तेज दर होने पर भारत के आर्थिक परिदृश्य को स्थिर किया जा सकता है.

जूक ने कहा कि हमारा पूर्वानुमान है कि केंद्र सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 6.6 प्रतिशत पर लाने में सफल रहेगी. इसके पीछे राजस्व संग्रह के उम्मीद से बेहतर रहने का योगदान रहेगा. हालांकि हमारा यह भी मानना है कि सरकार विनिवेश लक्ष्य से पीछे ही रहेगी.

वर्ष 2021-22 के आम बजट में सरकार ने राजकोषीय घाटे (जीडीपी) के 6.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया था. इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में राजकोषीय घाटे का आंकड़ा इस बजट अनुमान के 35 प्रतिशत तक पहुंच चुका था.

ये पढ़ें: भारतीय अर्थव्यवस्था इस साल 9.5, 2022 में 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी : आईएमएफ

यह पूछे जाने पर कि फिच भारत के बारे में अपने रेटिंग परिदृश्य के कब स्थिर होने की उम्मीद करता है तो जूक ने कहा नकारात्मक स्थिति में बदलाव की कोई समयसीमा नहीं होती है. आमतौर पर दो साल की अवधि में ऐसे परिदृश्य में बदलाव होता है. लेकिन उससे ज्यादा वक्त भी लग सकता है. हम भारत की सॉवरेन रेटिंग की साल में दो बार समीक्षा करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अगली समीक्षा में निवेश एवं वृद्धि के मोर्चे पर भारत की मध्यम-अवधि प्रगति को ध्यान में रखा जाएगा.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.