नई दिल्ली: वाणिज्य मंत्रालय ने निर्यातकों से कहा है कि वह थाइलेंड को छोड़कर अन्य सभी आसियान देशों को माल भेजते समय 'मूल उद्गम स्थल प्रमाणपत्र' के लिये आवेदन जमा कराये. भारत का आसियान के 10 सदस्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) है.
दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संघ (आसियान) में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, दि फिलिपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम शामिल हैं.
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के व्यापार नोटिस के मुताबिक भारतीय निर्यातकों को प्राधिकृत जारी कर्ता एजेसियों के कार्यालय में आवेदन सौंपना होता है.
यह आवेदन वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाली निर्यात निरीक्षण एजेंसी (ईआईए), समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपेडा) और कपड़ा समिति, विदेश व्यापार महानिदेशालय के कार्यालयों में सौंपना होता है.
निर्यातक को उस देश में जहां उसके माल को आयात किया जा रहा है, माल उतरने वाले बंदरगाह पर माल के "मूल उद्गम स्थल का प्रमाणपत्र" सौंपना होता है. मुक्त व्यापार समझौते के तहत शुल्क छूट पाने के लिये यह दस्तावेज महत्वपूर्ण है. माल के उद्गम स्थल को साबित करने के लिये यह प्रमाणपत्र जरूरी होता है.
नोटिस में कहा गया है कि थाइलैंड को छोड़ अन्य आसियान देशों के लिये 'उद्गम स्थल प्रमाणपत्र' पाने के वास्ते निर्यातकों को संबंधित प्राधिकृत एजेंसी को इलेक्ट्रानिक प्लेटफार्म के जरिये आवेदन जमा कराना होगा.
उसके बाद ये एजेंसियां (ईआईए, एमपेडा और कपड़ा समिति) अब आनलाइन ही प्रमाणपत्र जारी कर देंगे और आग्रह करने पर निर्यातकों को मुहर और जारीकर्ता अधिकारी के हस्ताक्षर सहित प्रमाणपत्र की छपी हुई प्रति भी उपलब्ध करायेंगी.
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डीजीएफटी ने कहा कि निर्यातकों से इस संबंध में उसे कई ज्ञापन प्राप्त हुये जिनमें डिजिटल हस्ताक्षर वाली इलेक्ट्रानिक उद्गम स्थल प्रमाणपत्र के आधार पर थाइलेंड और वियतनाम में तरजीही आधार पर पहुंच पाने में परेशानी हो रही है. इन देशों में हस्तलिखित आवेदन की ही अनुमति है.
इसके बाद ही यह निर्णय लिया जायेगा कि सिस्टम में चार प्रतियों के सेट के साथ इलेक्ट्रानिक कॉपी भी पेषित की जायेगी.
'उद्गम स्थल प्रमाणपत्र' की इलेक्ट्रानिक प्रति में जारीकर्ता एजेंसी के अधिकारी के प्रतिबिंब हस्ताक्षर और एजेंसी की मुहर होगी.
उन्होंने कहा कि निर्यातक इलेक्ट्रॉनिक प्रति को अपने भागीदार देश को माल की त्वरित क्लियरेंस के लिये भेज सकते हैं.
(पीटीआई-भाषा)