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देश की उच्च आर्थिक वृद्धि दर रोजगार पैदा हुए बिना संभव नहीं: कांत

कांत का यह बयान अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें कहा कि रोजगार के अवसर घटे हैं और 2016 से 2018 के दौरान 50 लाख लोगों का रोजगार छिना है.

देश की उच्च आर्थिक वृद्धि दर रोजगार पैदा हुए बिना संभव नहीं: कांत
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Published : Apr 18, 2019, 9:39 AM IST

Updated : Apr 18, 2019, 10:17 AM IST

नई दिल्ली: नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने देश में पर्याप्त संख्या में रोजगार पैदा होने का समर्थन करते हुये बुधवार को कहा कि भारत सात प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर हासिल कर रहा है जो कि पर्याप्त संख्या में रोजगार के अवसर सृजित किए बिना हासिल नहीं हो सकती.

कांत ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यक्रम से इतर कहा कि जब कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे गैर - राजग शासित राज्य यह दावा कर रहे हैं कि नौकरियां सृजित हो रही है तो ऐसा संभव नहीं है कि अखिल भारतीय स्तर पर रोजगार सृजन नहीं हो रहा हो. उन्होंने कहा, "यह कैसे संभव है कि हम 7.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रहे हैं और रोजगार सृजित नहीं हो रहे हैं ? यह संभव नहीं है."

अमिताभ कांत, सीईओ, नीति आयोग

ये भी पढ़ें- उड्डयन क्षेत्र के हालिया संकट से यात्रियों की वृद्धि पर होगा असर: रिपोर्ट

कांत ने जोर दिया, "यदि पश्चिम बंगाल और कर्नाटक कह रहे हैं कि उनके-उनके राज्यों में रोजगार सृजित हो रहे हैं तो यह कैसे संभव है कि राष्ट्रीय स्तर पर कोई रोजगार सृजित नहीं हो रहा है."

हाल ही में, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कहा था कि बिना रोजगार सजृन के अर्थव्यवस्था 7-8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल नहीं कर सकती है. कांत का यह बयान अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें कहा कि रोजगार के अवसर घटे हैं और 2016 से 2018 के दौरान 50 लाख लोगों का रोजगार छिना है.

नई दिल्ली: नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने देश में पर्याप्त संख्या में रोजगार पैदा होने का समर्थन करते हुये बुधवार को कहा कि भारत सात प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर हासिल कर रहा है जो कि पर्याप्त संख्या में रोजगार के अवसर सृजित किए बिना हासिल नहीं हो सकती.

कांत ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यक्रम से इतर कहा कि जब कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे गैर - राजग शासित राज्य यह दावा कर रहे हैं कि नौकरियां सृजित हो रही है तो ऐसा संभव नहीं है कि अखिल भारतीय स्तर पर रोजगार सृजन नहीं हो रहा हो. उन्होंने कहा, "यह कैसे संभव है कि हम 7.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रहे हैं और रोजगार सृजित नहीं हो रहे हैं ? यह संभव नहीं है."

अमिताभ कांत, सीईओ, नीति आयोग

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कांत ने जोर दिया, "यदि पश्चिम बंगाल और कर्नाटक कह रहे हैं कि उनके-उनके राज्यों में रोजगार सृजित हो रहे हैं तो यह कैसे संभव है कि राष्ट्रीय स्तर पर कोई रोजगार सृजित नहीं हो रहा है."

हाल ही में, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कहा था कि बिना रोजगार सजृन के अर्थव्यवस्था 7-8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल नहीं कर सकती है. कांत का यह बयान अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें कहा कि रोजगार के अवसर घटे हैं और 2016 से 2018 के दौरान 50 लाख लोगों का रोजगार छिना है.

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देश की उच्च आर्थिक वृद्धि दर रोजगार पैदा हुए बिना संभव नहीं: कांत

नई दिल्ली: नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने देश में पर्याप्त संख्या में रोजगार पैदा होने का समर्थन करते हुये बुधवार को कहा कि भारत सात प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर हासिल कर रहा है जो कि पर्याप्त संख्या में रोजगार के अवसर सृजित किए बिना हासिल नहीं हो सकती. 

कांत ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यक्रम से इतर कहा कि जब कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे गैर - राजग शासित राज्य यह दावा कर रहे हैं कि नौकरियां सृजित हो रही है तो ऐसा संभव नहीं है कि अखिल भारतीय स्तर पर रोजगार सृजन नहीं हो रहा हो. उन्होंने कहा, "यह कैसे संभव है कि हम 7.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रहे हैं और रोजगार सृजित नहीं हो रहे हैं ? यह संभव नहीं है." 

कांत ने जोर दिया, "यदि पश्चिम बंगाल और कर्नाटक कह रहे हैं कि उनके-उनके राज्यों में रोजगार सृजित हो रहे हैं तो यह कैसे संभव है कि राष्ट्रीय स्तर पर कोई रोजगार सृजित नहीं हो रहा है." 

हाल ही में, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कहा था कि बिना रोजगार सजृन के अर्थव्यवस्था 7-8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल नहीं कर सकती है. कांत का यह बयान अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें कहा कि रोजगार के अवसर घटे हैं और 2016 से 2018 के दौरान 50 लाख लोगों का रोजगार छिना है.


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Last Updated : Apr 18, 2019, 10:17 AM IST
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