नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार को कहा कि कॉरपोरेट टैक्स की दर में कटौती करने का सरकार का फैसला साहसिक कदम है जिससे भारत में निवेश आएगा.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मुलकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, "यह काफी साहसिक कदम है और यह अत्यंत सकारात्मक कदम भी है. भारत का कॉरपोरेट टैक्स अब आसियान के तहत आने वाले देशों और एशिया के दूसरे हिस्सों की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले काफी प्रतिस्पर्धी बन गया है."
आरबीआई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक से पहले वित्तमंत्री से मिलने के सिलसिले में दास राष्ट्रीय राजधानी में थे. अगले महीने के आरंभ होने वाली एमपीसी की बैठक में प्रमुख ब्याज दरों को लेकर फैसला लिया जा सकता है.
उन्होंने कहा, "जहां तक विदेशी निवेशकों का सवाल है तो मेरा मानना है कि भारत निश्चित तौर पर काफी प्रतिस्पर्धी की स्थिति में होगा और अधिक निवेश आकर्षित करने में सक्षम होगा."
उन्होंने कहा, "वे (घरेलू कंपनियां) अधिक निवेश कर सकती हैं. कुछ (कंपनियां) अपने दायित्वों को कम कर पाएंगी जिससे उनकी बैलेंसशीट मजबूत बनेगी."
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते शुक्रवार को सभी घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 30 फीसदी से घटाकर प्रभावी दर 25.17 फीसदी (सभी उपकर व सरचार्ज समेत) कर दी.
कॉरपोरेट टैक्स में कटौती से राजकोष को 1.45 लाख करोड़ का नुकसान होगा.
सरकार ने घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर घटाकर 22 फीसदी कर दी है और नई विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर घटाकर 15 फीसदी कर दी है.
इन कंपनियों को अब न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) का भी भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी.
दास ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकार ने आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की वित्तीय दायरे को सीमित कर दिया है लेकिन महंगाई दर कम होने से मौद्रिक प्राधिकरण को अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए नीतिगत दरों में कटौती करने में मदद मिल सकती है.
आरबीआई ने इस साल पहले ही चार बार ब्याज दरों में कटौती करके इसे 110 आधार अंक कम कर दिया है.
आरबीआई की एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक एक अक्टूबर से शुरू होगी.
कॉरपोरेट टैक्स में कटौती साहसिक कदम: शक्तिकांत दास - Corporate tax cuts bold move
आरबीआई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक से पहले वित्तमंत्री से मिलने के सिलसिले में दास राष्ट्रीय राजधानी में थे. अगले महीने के आरंभ होने वाली एमपीसी की बैठक में प्रमुख ब्याज दरों को लेकर फैसला लिया जा सकता है.
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार को कहा कि कॉरपोरेट टैक्स की दर में कटौती करने का सरकार का फैसला साहसिक कदम है जिससे भारत में निवेश आएगा.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मुलकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, "यह काफी साहसिक कदम है और यह अत्यंत सकारात्मक कदम भी है. भारत का कॉरपोरेट टैक्स अब आसियान के तहत आने वाले देशों और एशिया के दूसरे हिस्सों की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले काफी प्रतिस्पर्धी बन गया है."
आरबीआई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक से पहले वित्तमंत्री से मिलने के सिलसिले में दास राष्ट्रीय राजधानी में थे. अगले महीने के आरंभ होने वाली एमपीसी की बैठक में प्रमुख ब्याज दरों को लेकर फैसला लिया जा सकता है.
उन्होंने कहा, "जहां तक विदेशी निवेशकों का सवाल है तो मेरा मानना है कि भारत निश्चित तौर पर काफी प्रतिस्पर्धी की स्थिति में होगा और अधिक निवेश आकर्षित करने में सक्षम होगा."
उन्होंने कहा, "वे (घरेलू कंपनियां) अधिक निवेश कर सकती हैं. कुछ (कंपनियां) अपने दायित्वों को कम कर पाएंगी जिससे उनकी बैलेंसशीट मजबूत बनेगी."
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते शुक्रवार को सभी घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 30 फीसदी से घटाकर प्रभावी दर 25.17 फीसदी (सभी उपकर व सरचार्ज समेत) कर दी.
कॉरपोरेट टैक्स में कटौती से राजकोष को 1.45 लाख करोड़ का नुकसान होगा.
सरकार ने घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर घटाकर 22 फीसदी कर दी है और नई विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर घटाकर 15 फीसदी कर दी है.
इन कंपनियों को अब न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) का भी भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी.
दास ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकार ने आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की वित्तीय दायरे को सीमित कर दिया है लेकिन महंगाई दर कम होने से मौद्रिक प्राधिकरण को अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए नीतिगत दरों में कटौती करने में मदद मिल सकती है.
आरबीआई ने इस साल पहले ही चार बार ब्याज दरों में कटौती करके इसे 110 आधार अंक कम कर दिया है.
आरबीआई की एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक एक अक्टूबर से शुरू होगी.
कॉरपोरेट टैक्स में कटौती साहसिक कदम: शक्तिकांत दास
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार को कहा कि कॉरपोरेट टैक्स की दर में कटौती करने का सरकार का फैसला साहसिक कदम है जिससे भारत में निवेश आएगा.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मुलकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, "यह काफी साहसिक कदम है और यह अत्यंत सकारात्मक कदम भी है. भारत का कॉरपोरेट टैक्स अब आसियान के तहत आने वाले देशों और एशिया के दूसरे हिस्सों की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले काफी प्रतिस्पर्धी बन गया है."
आरबीआई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक से पहले वित्तमंत्री से मिलने के सिलसिले में दास राष्ट्रीय राजधानी में थे. अगले महीने के आरंभ होने वाली एमपीसी की बैठक में प्रमुख ब्याज दरों को लेकर फैसला लिया जा सकता है.
उन्होंने कहा, "जहां तक विदेशी निवेशकों का सवाल है तो मेरा मानना है कि भारत निश्चित तौर पर काफी प्रतिस्पर्धी की स्थिति में होगा और अधिक निवेश आकर्षित करने में सक्षम होगा."
उन्होंने कहा, "वे (घरेलू कंपनियां) अधिक निवेश कर सकती हैं. कुछ (कंपनियां) अपने दायित्वों को कम कर पाएंगी जिससे उनकी बैलेंसशीट मजबूत बनेगी."
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते शुक्रवार को सभी घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 30 फीसदी से घटाकर प्रभावी दर 25.17 फीसदी (सभी उपकर व सरचार्ज समेत) कर दी.
कॉरपोरेट टैक्स में कटौती से राजकोष को 1.45 लाख करोड़ का नुकसान होगा.
सरकार ने घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर घटाकर 22 फीसदी कर दी है और नई विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर घटाकर 15 फीसदी कर दी है.
इन कंपनियों को अब न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) का भी भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी.
दास ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकार ने आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की वित्तीय दायरे को सीमित कर दिया है लेकिन महंगाई दर कम होने से मौद्रिक प्राधिकरण को अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए नीतिगत दरों में कटौती करने में मदद मिल सकती है.
आरबीआई ने इस साल पहले ही चार बार ब्याज दरों में कटौती करके इसे 110 आधार अंक कम कर दिया है.
आरबीआई की एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक एक अक्टूबर से शुरू होगी.
Conclusion: